कल से तोड़े जाएंगे एयरफोर्स स्टेशन के 100 मीटर दायरे में बने अवैध निर्माण

Sunday, Mar 15, 2020 - 09:17 AM (IST)

जीरकपुर(गुरप्रीत) : चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन के 100 दायरे में बने अवैध निर्माणों पर जिला प्रशासन की ओर से सोमवार को हथौड़ा चलाया जाएगा। सोमवार को भारी पुलिस फोर्स के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में अवैध निर्माण गिराए जाएंगे। दायरे में बनी 81 इमारतों में से 13 अवैध निर्माण तोडऩे के बाद और सुप्रीमकोर्ट से कोई राहत न मिलने से अब मामले में 26 मार्च को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। 

अगली सुनवाई से पहले प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दोबारा कमर कस ली है। शनिवार को जिला प्रशासन द्वारा बकायदा मुनादी करवाई गई। बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट के आदेशों पर चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन और हवाई अड्डे के पास 100 मीटर के दायरे में बने अवैध निर्माण के मामले में जीरकपुर नगर कौंसिल और जिला प्रशासन को बीती 19 फरवरी को फटकार लगी थी। 

जिसके बाद 20 फरवरी को प्रशासनिक आधिकारियों ने भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में दौलत सिंह वाला भबात क्षेत्र के गोदाम एरिया में 13 निर्माण तोड़ दिए। डी.सी. गिरिश दयालन ने नायब तहसीलदार को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट और नगर कौंसिल के एम.सी. मुकैश राय को नोडल अफसर नियुक्त किया गया है। प्रशासनिक आधिकारियों की तरफ से कार्रवाई करने लिए सोमवार को पुलिस सहायता के लिए पत्र लिख दिया गया है।

क्षेत्र में अवैध निर्माणों की है भरमार :
बता दें कि हवाई अड्डे के 100 मीटर के दायरे में किसी भी तरह का कोई भी निर्माण करने पर पाबंदी लगाई गई है। बावजूद क्षेत्र में अवैध निर्माणों की भरमार है। मामला हाईकोर्ट में पहुंचने बाद में अदालत ने प्रशासनिक आधिकारियों को इस क्षेत्र में बने अवैध निर्माणों का सर्वे कर सूची तैयार करने की हिदायत दी थी। 

इस दौरान 398 अवैध निर्माण सामने आए थे, जिनमें से 81 अवैध निर्माण सन 2011 के बाद बने थे। इन 81 अवैध निर्माणों पर प्रशासन द्वारा नंबर लगाकर इन्हें हवाई अड्डे की सुरक्षा को खतरा बताया। इन निर्माणों के मालिकों की तरफ से 6 मार्च को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को फिर से हाईकोर्ट में भेज दिया है। 

जबकि इससे पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने इन अवैध निर्माणों संबंधी कहा था कि वह अपने ही दिए गए आदेशों के विपरीत फैसला कैसे ले सकती है। प्रशासनिक आधिकारियों की तरफ से बनाई कमेटी की रिपोर्ट के बाद स्थानिक लोगों की तरफ से अपने दस्तावेज पेश किए गए, जिस मुताबिक उनकी तरफ से यह निर्माण कौंसिल बनने से पहले के थे।

Priyanka rana

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