लाल डोरे के बाहर पहले से हुए अवैध निर्माण, कैसे हो सकते हैं वैध?

punjabkesari.in Sunday, Dec 09, 2018 - 12:00 PM (IST)

चंडीगढ़(साजन) : प्रशासन ने अभी तक लाल डोरे के बाहर बने अवैध निर्माणों को वैध करने का निर्णय नहीं लिया है। प्रिंसीपल होम सैके्रटरी अरुण कुमार गुप्ता का कहना है कि जो निर्माण पहले अवैध थे, वह अब वैध कैसे हो सकते हैं? इसको लेकर प्रशासन ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। 

लाल डोरे के बाहर बने अवैध निर्माणों को भी 13 गांवों के साथ निगम में शामिल कर लिया गया है पर उनका कहना था कि यह अफवाह है और इस तरह का कोई फैसला प्रशासन ने नहीं लिया है। इस मामले में राजनीतिक दल जहां बहती गंगा में हाथ धो लेना चाहते हैं और 13 गांवों के साथ लाल डोरे के बाहर बने अवैध निर्माणों को भी निगम में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। गांवों के सरपंचों व पंचों को इसका विरोध करने के लिए भी लगा दिया गया है। 

शुक्रवार को यूटी सेक्रेट्रिएट के बाहर इसको लेकर कुछ संगठनों ने धरना प्रदर्शन भी किया जिनके नेताओं को बाद में पुलिस उठा कर ले गई। प्रिंसिपल होम   सेक्रेट्री अरुण कुमार गुप्ता की दलील है कि जो निर्माण पहले अवैध थे वह अब वैध कैसे हो सकते हैं। जब गांवों का निगम में मर्जर नहीं किया गया था तो तब भी ये निर्माण अवैध थे। 

अब मर्जर का नोटीफिकेशन जारी हो गया है तो तब भी यह निर्माण अवैध रहेंगे। अवैध निर्माणों को प्रशासन वैध नहीं कर सकता। प्रशासक के स्तर पर पालिसी बने तो वह इत्तर बात है। प्रशासन ने अभी तक लाल डोरे के बाहर के निर्माणों को लेकर कोई फैसला नहीं किया है। यह अफवाह है कि लाल डोरे के बाहर के निर्माण भी निगम में शामिल कर लिए गए हैं। 13 गांव के मर्जर के फैसले के साथ इसका कोई ताल्लुक नहीं है। 

सरपंच और पंचों की यह है दलील :
सरपंच और पंचों की दलील है कि जब प्रशासन ने 13 गांव नगर निगम में शामिल करने का फैसला कर लिया तो लाल डोरे के बाहर बने निर्माणों को भी शामिल कर लेना चाहिए। गांवों में तो महज थोड़े से मकान हैं जबकि लाल डोरे के बाहर ही असली आबादी बसी है। ये बड़ा वोट बैंक हैं लिहाजा इन्हें भी प्रशासन को एक बार रेगुलराइज कर देना चाहिए।


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Priyanka rana

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