अवैध व 7.5 मरले से नीचे के पी.जी. बंद करने के निर्देश

Wednesday, Feb 26, 2020 - 11:23 AM (IST)

चंडीगढ़ (साजन) : सैक्टर-32 के पी.जी. हाऊस में आगजनी की घटना से हुए जानमाल के नुकसान के बाद मंगलवार को डी.सी. मनदीप सिंह बराड़ और प्रशासन एक्शन मोड़ में आ गया। डी.सी. ने शहर में चल रहे तमाम अवैध पी.जी. पर लगाम लगाने का आदेश दिया है। 7.5 मरले के पी.जी. पर तो तुरंत कार्रवाई कर उन्हें बंद करवाने के आदेश जारी किए गए हैं। पी.जी. को लेकर बनी पालिसी में स्पष्ट है कि 7.5 मरले से कम एरिया में पी.जी. चलाना अवैध है। लिहाजा इन पी.जी. पर तो शिकंजा कसना पूरी तरह तय है। डी.सी. मनदीप सिंह बराड़ ने कहा कि लोगों की सेफ्टी सबसे अहम मुद्दा है। 

 

लिहाजा इसमें जरा भी कोताही न बरती जाए। हर पी.जी. ऑनर को पी.जी. रजिस्टर्ड कराना होगा। अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उस पर कार्रवाई होगी। हर पी.जी. की साल में चैकिंग होगी। पी.जी. को हर हाल में फायर एन.ओ.सी. भी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि उन पी.जी. पर तुरंत कार्रवाई होगी जो नियमों का उल्लंघन कर चलाए जा रहे हैं।

 

स्पैशल डैस्क स्थापित
डी.सी. व प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने रजिस्टर्ड पी.जी. ऑनर्स से बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी सेफ्टी नाम्र्स को ऑनर्स फॉलो करेंगे। डी.सी. ने बताया कि एस्टेट आफिस में एक स्पैशल डैस्क स्थापित कर दिया गया है जो पी.जी. को रजिस्टर्ड करेगा। उन्होंने ए.ई.ओ. को निर्देश दिए कि इसमें किसी तरह की कोताही न बरती जाए। 

 

नियमों  के अनुरूप जिनका रजिस्ट्रेशन हो सकता है किया जाए।  उन्होंने रेजीडैंट वैल्फेयर एसोसिएशन से भी मीटिंग के दौरान पी.जी. के मसले पर राय मांगी और कहा कि वह तुरंत उस पी.जी. की रिपोर्ट करें जो उनके इलाके में अवैध तौर पर चल रहा है। इसके लिए हैल्पलाइन नंबर 1860-1802067 दिया गया। 

 

17 शिकायतें, 40 को नोटिस
मंगलवार को प्रशासन के पास शाम 6 बजे तक 17 अवैध पी.जी. की शिकायत आ चुकी थी। इसमें साऊथ के सैक्टरों से 12, सैंटर के सैक्टरों से 3 और ईस्ट के सैक्टरों से 2 शिकायतें हैं। उधर, इलाके के एस.डी.एम. अपने सैक्टरों में लगातार चैकिंग कर रहे हैं। सोमवार से लेकर अब तक 40 नोटिस दिए जा चुके हैं। 

 

विभिन्न सैक्टरों में अभियान
यू.टी. प्रशासन के एस्टेट ऑफिस ने मंगलवार को शहर के विभिन्न सैक्टरों में अवैध रूप से चल रहे पेइंग गेस्ट हाऊसेज की चैकिंग की। सबसे पहले सैक्टर-7 में चेकिंग की गई। एरिया एस.डी.एम. की अगुवाई वाली टीम 7.5 मरले से कम के मकानों में चल रहे पी.जी. हाऊसेज को नोटिस जारी कर सील किया जा रहा है। दूसरे दिन सैक्टर-7 में करीब 6 अवैध पी.जी. मिले, जिनकी रिपोर्ट बनाई गई है। इन्हें नोटिस जारी किए जा रहे हैं। रिपोर्ट के आधार पर ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। 

 

गौरतलब है कि सोमवार को भी सैक्टर-32 सैक्टर-7 व 8 में चल रहे पी.जी. की चैकिंग की गई थी। इस दौरान 17 पी.जी. इन सैक्टरों में ऐसे सामने आए हैं जो अवैध रूप से चल रहे थे। विभाग ने सभी पी.जी. की रिपोर्ट बनाकर सब डिविजनल मजिस्ट्रैट को आगे कार्रवाई के लिए भेज दी है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया की एस्टेट ऑफिसर के निर्देशों पर ही उन्होंने मंगलवार को शहर के प्रमुख सैक्टरों में चैकिंग का अभियान शुरू किया है। पहले पेज में तीन सैक्टरों को कवर किया गया है।

 

महज 1000 रुपए जुर्माने पर चल रहे अवैध पी.जी.
शहर में अगर पी.जी. चलाना है तो एक हजार रुपए जुर्माना देकर चला सकते हैं । प्रशासन के अफसर अवैध पी.जी. संचालकों पर क ाफी मेहरबान हैं। अफसरों की मेहरबानी के चलते ही सैक्टर-32 स्थित अवैध गल्र्स पी.जी. में तीन छात्राओं की मौत हो गई। चंडीगढ़ पुलिस ने तो अवैध पी.जी. संचालक नितिश बंसल पर 2019 में धारा 188 (डी.सी. के आदेशों की उल्लंघना करने पर) के तहत केस दर्ज किया। संबंधित इलाके के एस.डी.एम. ने अवैध पी.जी. संचालक नितिश बंसल पर जुर्माना और वार्निंग देकर छोड़ दिया। केस होने के बाद प्रशासन और एस्टेट ऑफिस के अधिकारियों ने अवैध गल्र्स पी.जी. में जाकर जांच करने की जहमत तक नहीं उठाई। 

 

चंडीगढ़ पुलिस अवैध पी.जी. संचालकों पर कार्रवाई करने के लिए समय-समय पर अभियान चलाती रहती है। इन अभियानों के तहत चंडीगढ़ पुलिस ने दो साल में अवैध पी.जी. चलाने वाले 20 संचालकों पर धारा 188 के तहत केस दर्ज किया। पुलिस ने मामला संबंधित एस.डी.एम. कोर्ट में पेश किया। एस.डी.एम. कोर्ट से महज  500 से एक हजार रुपए के बीच जुर्माना और वार्निंग देकर संचालकों को छोड़ दिया जाता है। 

 

चंडीगढ़ पुलिस के पास सिर्फ धारा 188 के तहत मामला दर्ज करने की ही पावर है। इसके अलावा पुलिस कुछ नहीं कर सकती। हां पुलिस अवैध पी.जी. के बारे में एस्टेट ऑफिस और प्रशासन के अफसरों को अपनी रिपोर्ट भेज देती है। इसके बावजूद प्रशासन के अफसर अवैध पी.जी. मालिकों पर ठोस कदम नहीं उठाते हैं। 

 

188 के तहत मामला दर्ज होने के बाद जमानत! 
अवैध पी.जी. , किराएदार व नौकरों की सूचना न देने पर पुलिस धारा 188 के तहत मामला दर्ज करती है। इस धारा में तुरंत आरोपी को जमानत मिल जाती है। मामला  एस.डी.एम. कोर्ट में चलता है। एस.डी.एम. धारा 188 के तहत छह महीने की सजा और एक हजार रुपए जुर्माना कर सकता है। 

 

नितिश को भेजा न्यायिक हिरासत में 
सैक्टर-32 स्थित कोठी नंबर 3325 में चल रही अवैध गल्र्स पी.जी. में तीन छात्रों की मौत मामले में पुलिस फरार मकान मालिक गौरव अनेजा और नितिश पोपली को पकड़ नहीं सकी। पुलिस ने मामले में पकड़े गए पी.जी. संचालक नितिश बंसल का दो दिन का रिमांड खत्म होने के बाद उसे जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 

pooja verma

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