''दिल को रखना है सेफ तो खर्राटों की न करें अनदेखी''

Monday, Sep 30, 2019 - 12:39 PM (IST)

चंडीगढ़(पाल) : हार्ट के मरीजों को पिछले कई सालों से बेहतरीन इलाज देना वाला पी.जी.आई. का एडवांस कार्डिक सैंटर देश के चुनिंदा अस्पतालों में शामिल है, जो लेटैस्ट टैक्नोलॉजी से हार्ट पैशेंट्स को ट्रीट कर रहा है। पी.जी.आई. ने एक लाइव कॉप्लैक्स कोरोनरी एंजियोप्लास्टी करने में सफलता हासिल की है। 

प्रोफैसर विजय वर्गीय की टीम के अगुवाई में इस प्रोसेस को किया गया। आमतौर पर कोरोनरी ऑर्टरी में आई ब्लॉकेज को दूर करने के लिए स्टंट डालकर दूर किया जाता है लेकिन मरीजों में स्टंट डालने के बाद भी ब्लॉकेज दूर नहीं हो पाती। पी.जी.आई. इस तरह की रेयर प्रोसेस को रहा है। यह एक नॉन सर्जरीकल प्रोसैस था। 

इसमें एडवांस हार्डवेयर का इस्तेमाल किया गया। इंट्रा-वैस्कूलर अल्ट्रासाऊंड और ऑप्टिकल ओहैरेंस टोमोग्राफी जैसी एडवांस टैक्नीक की मदद से जांचा गया कि हार्ट में कहां कहां ब्लॉकेज है। इसके बाद हार्ट की ब्लॉकेज को दूर किया गया है। वहीं, खर्राटों को अगर हल्के में ले रहे हैं तो यह भूल न करें। 

क्या है कोरोनरी ऑर्टरी ब्लॉकेज :
हार्ट बिना रुके लगातार काम करता रहता है। ऐसे में इसके मसल्स को ब्लड की जरूरत लगातार होती है, जिसका काम हार्ट की कोरोनरी ऑर्टरी (धमनियां) करती हैं। 

कोरोनरी आर्टरी डिजीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें कोरोनरी ऑर्टरीज में ब्लॉकेज हो जाता है। ब्लड का फ्लो हार्ट की मसल्स में सही से नहीं हो पाता। इससे मरीज को चैस्ट पेन से लेकर हार्ट अटैक होने के साथ ही जान जाने तक का खतरा बढ़ जाता है।

खर्राटे साइलैंट हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण :
अक्सर खर्राटे मारकर सोने को अच्छी नींद के साथ जोडकऱ देखा जाता है कि आदमी चैन की नींद सो रहा है, लेकिन खर्राटों के साथ सांस का रुकना दरअसल अब्ट्रैक्टिव स्लीप एपनिया भी हो सकता है। खर्राटे साइलैंट हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण बनते हैं। 

डॉक्टर्स के मुताबिक 80 प्रतिशत लोगों को सोते वक्त खर्राटे आते हैं जिसे वह नजरअंदाज करते हैं। पी.जी.आई. में स्लीप एपनिया के डायग्नोस को लेकर स्लीप लैब चलाई जा रही है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले काफी वक्त से मरीजों में स्लीप एपनिया के केस बढ़ रहे हैं। 

Priyanka rana

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