पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री के बीच जुबानी जंग: बाजवा बोले, विजीलैंस कार्यालय पर आप का झंडा लगा दो, मुख्यमंत्री बोले सब्र करो, सबका नंबर आएगा

Monday, Mar 06, 2023 - 08:30 PM (IST)

चंडीगढ़,(अश्वनी कुमार): पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच तीखी बहस हुई। मामला तब गर्माया, जब राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा पंजाब विजीलैंस के कार्यालय पर आम आदमी पार्टी का झंडा लगाने का जिक्र किया। जवाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी बेहद तल्ख लहजे में जवाब दिया कि जिसने भी पंजाब का पैसा खाया है, उसका अंदर जाना लाजिमी है। सब्र करो, सबका नंबर आएगा। स्थगन के बाद जब दोबारा सत्र शुरू हुआ तो कांग्रेसी विधायकों ने मुख्यमंत्री पर धमकाने का आरोप लगाते हुए विरोध जताया। प्रताप बाजवा ने कहा मुख्यमंत्री ने विपक्ष की तरफ उंगली उठाकर धमकी दी और चरित्र हनन किया इसलिए विपक्ष के लिए यह मुश्किल हो गया है कि सदन की कार्रवाई में भाग लिया जाए। स्पीकर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने तो सिर्फ इतना ही कहा कि जिस-जिस ने खाया है, उसे बख्शा नहीं जाएगा इसलिए बहस को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

 

 


जवाब में नेता विपक्ष बाजवा ने यहां तक कह दिया कि जिस तरह मुख्यमंत्री वॉॄनग दी है, भविष्य में अगर किसी भी सदस्य को कोई नुक्सान पहुंचा तो उसके लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान जिम्मेदार होंगे। इसके बाद कांग्रेस विधायक वैल में आ गए और स्पीकर से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री की कही बात का रिकॉर्ड निकलवाया जाए। कांग्रेस विधायकों का विरोध देखते हुए स्पीकर ने करीब 15 मिनट के लिए सदन को स्थगित कर दिया। इसके बाद स्पीकर ने कांग्रेसी विधायकों को चैंबर में बुलाया, जहां विधायकों ने यह कहते हुए सदन की बाकी कार्रवाई में भाग नहीं लिया कि वह रिकॉर्ड देखने के बाद ही सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेने का फैसला करेंगे।
 

 

 

बाजवा ने पूछा- पूर्व मंत्री फौजा सिंह सरारी को क्यों छोड़ा
इससे पहले राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वह आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का बयान पढ़ रहा थे कि सभी विपक्षी दल के नेताओं पर हर दिन सी.बी.आई., ई.डी., एन.आई.ए. रेड कर रही है। राघव चड्ढा ने राय दी कि इन सभी संस्थानों पर भारतीय जनता पार्टी का झंडा लगा दो। प्रताप बाजवा ने कहा वह पंजाब सरकार को भी यही कहना चाहते हैं कि आगे बढ़ो क्योंकि कल कांग्रेस को यह कहने पर मजबूर न होना पड़े कि पंजाब विजीलैंस के कार्यालय भी आम आदमी पार्टी का झंडा लगा दो। इसके जवाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि भ्रष्टाचारियों पर कानूनी कार्रवाई होकर रहेगी तो प्रताप बाजवा ने सीधी टिप्पणी करते हुए कहा कि फिर अपनों की तरफ भी ध्यान दो क्योंकि कार्रवाई सब पर होनी चाहिए। बाजवा ने कहा कि क्या पूर्व मंत्री फौजा सिंह सरारी अलग हैं, इन्हें क्यों छोड़ा गया।

 

 

 


मुख्यमंत्री ने बाजवा को टोकते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास 40 विधायकों की सूची लेकर गए थे, जिस पर कांग्रेस हाईकमान ने कहा कि यह सूची दबा लो क्योंकि इससे कांग्रेस की बदनामी होगी। मान ने कहा कि कांग्रेस पंजाब की बदनामी झेल सकती है लेकिन पार्टी की बदनामी नहीं झेल सकती इसलिए यह नहीं कहना चाहिए कि विजीलैंस पर आम आदमी पार्टी का झंडा लगा दिया जाए। दोषियों पर कार्रवाई तो होकर रहेगी। बाजवा ने कहा कि फिर अपनी भी तैयारी रखो क्योंकि चंद ही दिन लगने हैं, दिल्ली वाले आकर आपके पड़ोस में बैठने वाले हैं। मान ने बाजवा ने कहा कि आप अपनी पार्टी बचा लो क्योंकि हम बचे हुए हैं तो बाजवा ने कहा कि हम तो बचे हुए हैं, हमें कोई फिक्र नहीं है। 
 

 

 

 

जो भी गलती करेगा, अंदर जाएगा: मान
मान ने बाजवा ने पूछा कि अपनी भी तैयारी रखने की बात कहकर क्या कांग्रेस विधायक सरकार को धमकाना चाहते हैं। मान ने कहा कि जो भी गलती करेगा, अंदर जाएगा, भले ही वह आम आदमी पार्टी से ही ताल्लुक रखता हो। इसलिए यह कहकर बचाने की कोशिश न की जाए कि विजीलैंस पर आम आदमी पार्टी का झंडा लगा दो। इस पर बाजवा ने एक बार फिर सवाल उठाया कि बङ्क्षठडा वाले विधायक को अब तक क्यों नहीं पकड़ा तो मुख्यमंत्री ने विपक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उसे तो अंदर बैठा दिया लेकिन कांग्रेस की तरफ तो अभी भी कई बाहर बैठे हैं, जिनके नाम गैंगस्टरों के साथ जुड़ते हैं। बाजवा ने कहा कि बिना जांच के उंगली उठाने का कोई औचित्य नहीं है तो मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेसियों से अनुरोध है कि वह सब्र करें क्योंकि सबका नंबर आएगा।
 

 

 

सिसोदिया की तरह अपनी भी तैयारी रखो: बाजवा
इस पर भी बाजवा नहीं रुके और कहा कि अगर ऐसा है तो दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरह अपनी भी तैयारी रखो। जवाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बेहद तीखे लहजे में जवाब दिया कि स्पीकर साहब, जिसने भी पंजाब का एक पैसा भी खाया है और वह कहे कि पैसे का हिसाब न लिया जाए, ऐसी बात समझ नहीं आती। बाजवा ने कहा कि किसी ने यह नहीं कहा कि पैसे का हिसाब न लिया जाए। हमने तो इतना ही कहा कि अपना हिसाब दो क्योंकि सवाल यही है कि फौजा सिंह सरारी बाहर कैसे हैं। सरारी के खिलाफ केस रजिस्टर क्यों नहीं किया गया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि विधानसभा में डेढ़ वर्ष पहले सत्तापक्ष की तरफ फ्रंट लाइन में जो बैठे थे, वह आज कहां हैं। मान ने नाम लेकर कहा कि कै. अमरेंद्र सिंह, सुनील जाखड़, गुरप्रीत सिंह कांगड़, बलबीर सिंह सिद्धू, मनप्रीत सिंह बादल और फतेह जंग सिंह बाजवा कहां हैं। 
 

 

 

 

सबके बड़े-बड़े चिट्ठे हैं : मान
मान ने कहा कि बैंगलुरू में कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुर्जेवाला कह रहे थे कि पार्टी बदल गई तो इसका मतलब यह नहीं है कि भाजपा वाले बच जाएंगे। पंजाब में भी हम यही कह रहे हैं कि अगर सत्ता में नहीं रहे तो इसका मतलब यह नहीं है कि बच जाओगे। भले ही बी.जे.पी. में चले जाओ, अगर पंजाब का पैसा खाया है तो अंदर जाना लाजिमी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जब बजट पर बोलूंगा तो सारा हिसाब-किताब सामने होगा। यह भी बताऊंगा कि कौन-कौन सा माफिया पकड़ा है और इमसें कौन-कौन लिप्त रहा है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का भी नाम है और उनके यहां बैठे चहेतों का भी नाम है। सबके बड़े-बड़े चिट्ठे हैं। जवाब में प्रताप सिंह बाजवा ने दोहराया कि फिर अपनी भी तैयारी रखो क्योंकि यहां भी काम शुरू हो चुका है तो मुख्यमंत्री मान ने कहा कि कर लो, जो भी करना है। ढके रहो, बहुत कुछ निकलेगा। मान ने एक शेर भी सुनाया-माना मेरी कमीज पर लाखों दाग हैं लेकिन खुदा का शुक्र है कि कोई धब्बा नहीं है। जवाब में बाजवा बोले कि धब्बा इसलिए नहीं है क्योंकि कमीज फटने वाली है। 
 

 

 

मुख्यमंत्री ने पूछा-कांग्रेस सरकार ने अदानी-अंबानी को छत्तीसगढ़ और राजस्थान में ठेके क्यों दिए?
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नेता विपक्ष से पूछा कि राहुल गांधी अदानी और अंबानी के खिलाफ आवाज उठाते हैं लेकिन राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार ने अदानी को खनन का कार्य दिया हुआ है। जवाब में बाजवा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तो ठेके दे दिए। 
 

 

 

बाजवा ने रेत खनन से होने वाली आमदन को लेकर उठाया सवाल
प्रताप बाजवा ने यह भी सवाल उठाया कि आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि पंजाब में रेत के कारोबार से प्रत्येक वर्ष 20 हजार करोड़ रुपए आएगा, उसका ब्यौरा कहां है। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सबका जवाब दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बाजवा से यह भी पूछा कि रेत की जो पब्लिक माइन मौजूदा सरकार ने चला दी, वह पूर्व सरकार ने क्यों नहीं चलाई। आज 5.50 रुपए के हिसाब से रेत मिल रही है। मुख्यमंत्री ने बाजवा से कहा कि आप ट्राली लेकर जाओ, आपको सस्ती रेत मिलेगी। 
 

 

 

 

जी20 के कैंसल होने की चर्चाओं पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कसा तंज
विधानसभा में बजट पर बहस के दौरान जी-20 को लेकर उठी अफवाह पर भी बहस हुई। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री की बुराई के चक्कर में कांग्रेस इस कदर जल्दबाजी में थी कि जी-20 कैंसल होने पर बयानबाजी कर दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी कागज पत्र भी देख लिया जाना चाहिए क्योंकि शाम होते-होते कहना पड़ा जी-20 कैंसल नहीं हुआ। जवाब में बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री जिस सांसद की बात कर रही है, उसके भाई को एस.एस.पी. सरकार ने ही लगाया है। इस पर मुख्यमंत्री ने भी सवाल पूछा कि उस अफसर को मोगा एस.एस.पी. किसने लगाया था तो बाजवा बोले कि आज की बात करो और अगर जवाब देना ही है तो विधायक सुखपाल सिंह खैहरा की तरफ से जमीन पर कब्जे को लेकर सवाल उठाया है, उसका जवाब दो। जवाब में मुख्यमंत्री मान ने कहा कि खैहरा की बात का कोई जवाब नहीं क्योंकि खैहरा तो ट्वीट-ट्वीट खेलते हैं। मुख्यमंत्री ने स्पीकर से कहा कि हटाओ इनको क्योंकि इनका टाइम पूरा हो गया। इस पर सुखपाल खैहरा ने बेहद तल्ख लहजा दिखाया तो आम आदमी पार्टी के विधायकों ने भी तीखे शब्दों में ऐतराज जताया। दोनों पक्ष आमने-सामने खड़े हो गए तो स्पीकर ने दोनों पक्षों को शांत करवाया।
 

 

 

 

बाजवा बोले, जी-20 सम्मेलन पंजाब के लिए गोल्डन मौका, वाघा बॉर्डर खोलने की बात उठाई जाए
जी-20 सम्मेलन पंजाब के लिए एक गोल्डन मौका है। सरकार को इस मौके का लाभ उठाते हुए वाघा बॉर्डर खुलने के जरिए सैंट्रल एशिया के साथ व्यापार शुरू करने की बात रखनी चाहिए क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो पंजाब के हालात बदतर होते चले जाएंगे। बाजवा ने कहा कि विपक्ष सभी मुद्दों पर पंजाब सरकार का साथ देने के लिए तैयार है। समुद्र के रास्ते कोयले के मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार का साथ दिया। ग्रामीण विकास फंड पर भी कांग्रेस सरकार के साथ खड़ी है क्योंकि पंजाब के गांवों में विकास नहीं हो पा रहा है। उस पर पंजाब सरकार की तरफ से कमाई के दावे से उलट काफी कमी है। केंद्र सरकार ने 26 जनवरी पर पंजाब की झांकी हटा दी। इससे पहले सिख रैजीमैंट हटा दी गई। पंजाब के साथ पक्षपाती रवैये के खिलाफ कांग्रेस सरकार के साथ है। 
 

 

 

प्रताप बाजवा बोले, केंद्र के ट्रैप में फंसे मुख्यमंत्री भगवंत मान
बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अजनाला कांड के बाद केंद्र के ट्रैप में फंस गए हैं। पंजाब में 80 हजार पुलिस फोर्स है। इसी फोर्स के सहारे 80 के दशक में लड़ाई लड़ी गई है। पंजाब में अमन-शांति बहाल हुई है लेकिन सरकार ने केंद्रीय पुलिस बल की मदद कबूल ली। पंजाब में 19 हजार केंद्रीय पुलिस बल खड़ा कर दिया गया है। बाजवा ने कहा कि यही काम पहले भी हुआ था। सी.आर.पी.एफ. के खर्चे भी केंद्र राज्य सरकार से वसूलेगा, जिससे सरकार पर बोझ पड़ेगा। इससे बचने की जरूरत है क्योंकि केंद्रीय फोर्स के पंजाब में आने से मुश्किलें बढ़ेंगी। आने वाले समय में यह केंद्रीय पुलिस की कंपनियां 18 से 20 और फिर 24 होंगी। बाजवा ने कहा कि जो आज हो रहा है, वह सबकुछ वैसा ही पुराने दौर जैसा है। ऐसा लगता है कि ङ्क्षहदी फिल्मों की तरह पार्ट वन के बाद पार्ट टू चल पड़ा है। वैसी ही बातचीत, वैसे ही नौजवान। बाजवा ने कहा कि वह वारिस पंजाब के वालों से पूछना चाहते हैं कि अगर उन्होंने नौजवानों को सिख और धर्म से जोडऩा है या नशे के खिलाफ लड़ाई लडऩी है तो समूचा पंजाब साथ है लेकिन अगर बंदूक उठाकर डर और खौफ पैदा करने की कोशिश होगी तो किसे ने भी यह नहीं होने देना है। इस लड़ाई में भी कांग्रेस पंजाब सरकार के साथ है। 
 

 

 

 

 

वारिस पंजाब दे नौजवानों को ए.के.47 के रास्ते न दिखाए: बाजवा
बाजवा ने अजनाला कांड पर कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक दिन पहले चेतावनी के बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वरूप आगे लगाकर थाने का घेराव किया गया। बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि मुझे एक-एक पल की जानकारी है लेकिन यह बेहद अफसोसजनक है कि जब अनजाला पुलिस थाने पर कब्जा किया गया तो पल-पल की जानकारी देने वाला इंटैलीजैंस चीफ ही नहीं था। बाजवा ने यह भी कहा कि यह पहली बार हुआ है कि थाने में एस.एस.पी. को बूंदकधारियों ने वैसे ही घेर रखा है और उनकी ऐसे पूछताछ की जा रही है, जैसे अफगानिस्तान में तालिबानी करते हैं। बाजवा ने वारिस पंजाब दे के प्रतिनिधियों को कहा कि वह नौजवानों को ए.के.47 के रास्ते न दिखाएं बल्कि नौजवानों के हाथ में कलम पकड़ाएं। 


 

Ajay Chandigarh

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