आई.टी. पार्क प्रोजैक्ट : 1100 फ्लैट्स के लिए डिमार्केशन का काम पूरा

Monday, Nov 05, 2018 - 07:46 AM (IST)

चंडीगढ़(राजिंद्र): चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड ने आई.टी. पार्क में 1100 फ्लैट्स के निर्माण के लिए डिमार्केशन का काम पूरा कर लिया है। अब बोर्ड चीफ आर्किटैक्ट डिपार्टमैंट को जोनिंग  प्लान जारी करने के लिए लिखेगा, जिसके बाद इसकी फाइनल ड्राइंग को अप्रूवल दी जाएगी और उसके बाद ही फ्लैट्स का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। इससे पहले बोर्ड ने जो कंसल्टैंट हायर किया था, उसने पांच डिजाइन दिए थे। 

इनमें से कौन सा डिजाइन जोनिंग प्लान के मुताबिक फिट बैठता है, ये आर्किटैक्ट डिपार्टमैंट ने तय करना था, लेकिन डिमार्केशन का काम पूरा न होने के चलते विभाग ने इसे अप्रूवल नहीं दी थी।  गौरतलब है कि बोर्ड के पास आई.टी. पार्क में 123 एकड़ भूमि है, जिसमें 20 साइट्स पर डिवैल्पमैंट की जानी है। बोर्ड ने दो साइट्स पर 1100 फ्लैट्स का निर्माण करना है, जबकि बाकी की 18 साइट्स प्राइवेट बिल्डरों को डिवैल्पमैंट के लिए देनी है।

17 एकड़ भूमि पर होना है निर्माण 
बोर्ड द्वारा 17 एकड़ भूमि पर फ्लैट्स का निर्माण करवाया जाएगा, जिसमें ई.डब्ल्यू.एस., वन, टू और थ्री बैडरूम फ्लैट्स शामिल होंगे। ये सेवन स्टोरी फ्लैट्स होंगे, जिसमें जिम व स्वीमिंग पूल का निर्माण भी करवाया जाएगा। बोर्ड के मुताबिक वर्तमान कलैक्टर रेट के हिसाब से टू बैडरूम फ्लैट्स की कीमत 60 लाख व थ्री बैडरूम फ्लैट्स की कीमत 90 लाख होगी। वर्ष 2015 में बोर्ड को पाश्र्वनाथ डिवैल्पर्स से 123 एकड़ भूमि वापस मिली थी, जिसके बाद से ही बोर्ड इसकी डिवैल्पमैंट के लिए लगा हुआ है। 

बोलीदाताओं को लुभाने का प्रयास, फाइव स्टार होटल, मल्टीप्लैक्स और मॉल बनाने का प्लान 
एक साल से 18 साइट्स को डिवैल्प करने के लिए बोर्ड बोलीदाता ढूंढने में असफल रहा। यही कारण है कि बोर्ड ने बोलीदाताओं को लुभाने के लिए रोड़ साइड 10 एकड़ भूमि पर फाइव स्टार होटल, मल्टीप्लैक्स और मॉल का निर्माण करने का भी प्लान तैयार किया है। बोर्ड इससे पहले केवल इंडियन ऑयल को सी.एन.जी. पंप के लिए 21 करोड़ रुपए में एक ही साइट को बेचने में सफल हुआ था।

 बोर्ड रेजिडैंशियल एरिया की दोनों साइट्स के एक-एक एकड़ एरिया को भी कम करने जा रहा है, जहां पर बिल्डरों ने भूमि के मुताबिक ही फ्लैट्स बनाने हैं। यहां एक एकड़ भूमि की कीमत 41 करोड़ रुपए रखी गई है। हाल ही में बोर्ड ने यूटी प्रशासन को लेटर लिखकर यहां कमर्शियल प्लॉट्स को लीज होल्ड से फ्री होल्ड में तबदील करने की मांग की थी, ताकि रिजर्व प्राईज कम हो सकें। यही कारण था कि  बोलीदाताओं ने ये प्लॉटस लेने में रुचि नहीं दिखाई।

bhavita joshi

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