धनास लेक में सैंकड़ों मछलियां मरी, बोरियों में भरकर दफनाई

Wednesday, Aug 21, 2019 - 11:43 AM (IST)

चंडीगढ़ (रमेश) : धनास की लेक में सैंकड़ों मछलियां रहस्यमयी परिस्थितियों में मर गई। इसके बाद दो दिन से मरी हुई सैंकड़ों मछलियों को निकालकर जमीन में गाड़ दिया गया है। लेक के भीतर या आसपास किसी के जाने पर भी रोक लगा दी गई है। 

 

मरी हुई मछलियों को खाने से भी इंकार किया जा रहा है। नोटिस भी लगा दिए गए हैं और वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट के कर्मी तैनात किए गए हैं। मरी मछलियों के और लेक के पानी की जांच के लिए सैंपल लैब में भेज दिए गए हैं जिनकी रिपोर्ट 72 घंटे तक आने की संभावना है।


 

ताकि पानी दूषित होने से बच सके
धनास की लेक से मरी हुई मछलियां निकालने का काम बुधवार को भी जारी रहेगा, जिसके लिए गोताखोरों की मदद ली जाएगी। अगर मरी हुई मछलियां पानी में ही रहती हैं और उन्हें चार दिन तक नहीं निकाला जाता तो वह पानी को दूषित कर सकती हैं, जो कि खतरनाक साबित हो सकता है। 

 

लेक के पानी में दवा भी डाली जा रही है, ताकि मरी हुई मछलियों से पानी को दूषित होने से बचाया जा सके। पानी में ऑक्सीजन लैवल 2 से भी कम हुआ 
चीफ कंजरवेटर दविंद्र दलाई ने बताया कि मछलियां मरने की सूचना दो दिन पहले मिली थी और अभी तक करीब 200 मृत मछलियों को बाहर निकाला जा चुका है, जिन्हें जमीन में दफनाया जा रहा है। 

 

सोमवार को 100 और मंगलवार को 90 बड़ी मछलियां बाहर निकाली गई हैं। लेक के पानी का बी.ओ.डी. टैस्टिंग के लिए सैम्पल भेजा जा चुका है, जिसकी रिपोर्ट वीरवार तक आने की संभावना है। 

 

वहीं लेक के पानी के सैंपल भी भरे गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। लेक के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा 2 से भी काम हो गई है जबकि 4 से कम होने पर जलीय जीवों को सांस लेने में तकलीफ होती है। 

 

उनका कहना था कि लगातार बारिश होने से पानी का ऑक्सीजन लैवल कम हो जाता है और धनास की लेक में भी ऐसा होना माना जा सकता है। मछलियों की मौत का अभी तक कारण सांस घुटना ही माना जा रहा है। 

 

दविंद्र दलाई के अनुसार दम घुटने से मछलियों की मौत होने के बाद यदि मरी हुई मछली कोई खा भी लेता है तो उसके दुष्परिणामों की संभावना कम होती है पर अधिक समय तक पानी में मरी रही मछली खाना हानिकारक हो सकता है।

 

मछलियां निकालते देखा तो बुलाई पुलिस 
धनास की लेक के पास से गुजर रहे एडवोकेट शिव मत्र्य यादव की नजर लेक पर पड़ी, जहां बोट में सवार कुछ लोग लेक से मछलियां निकाल रहे थे। शक होने पर वह करीब गए तो पता चला कि मछलियां पहले से ही मरी हुई है, जिन्हें लेक से निकाला जा रहा है। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर दिया। 

 

वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट के कर्मचारी थे
मौके पर पहुंची पी.सी.आर. टीम ने संबंधित पुलिस स्टेशन को सूचना दी और मौके पर पहुंचे जांच अधिकारी को शिव मूॢत यादव ने लिखित शिकायत दी। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि जो लोग मछलियां निकाल रहे हैं। वह वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट के कर्मी हैं। यादव ने शिकायत देकर मछलियों के मरने के कारणों का पता लगाने की बात कही है।

pooja verma

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