हर साल 6 हजार लेते हैं दाखिला पर करीब 2 हजार को मिलती है हॉस्टल सुविधा

punjabkesari.in Friday, Jul 07, 2017 - 08:10 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब यूनिवर्सिटी में इन दिनों विभिन्न कोर्सिज में दाखिले की प्रक्रिया जारी है। इसके साथ ही स्टूडैंट्स हॉस्टल में सीट पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। देखा जाए तो पी.यू. में हर साल 5 से 6 हजार स्टूडैंट दाखिला लेते हैं, लेकिन इनमें से करीब 2 हजार को ही हॉस्टल सुविधा मिल पाती है। 

 

हालांकि इनमें बाकि शहर के रहने वाले स्टूडैंट्स को तो कोई दिक्कत पेश नहीं आती पर दूसरी जगह से आने वाले स्टूडैंट्स को यहां पी.जी. में रहना पड़ता है। मौजूदा समय में पी.यू. में लड़कों के 8 और लड़कियों के 9 हॉस्टल हैं। इस सैशन से दसवां हॉस्टल भी गर्ल्स स्टूडैंट्स के लिए खुल जाएगा। पी.यू. के प्रत्येक हॉस्टल में करीब 400 स्टूडैंट्स के रहने की व्यवस्था है। 

 

कई 10 साल से जमे हैं : 
पी.यू. के हॉस्टलों में कई स्टूडैंट 10-10 साल से डेरा जमाए हैं। कभी एम.फिल., एम.ए. तो कभी पी.एचडी. के लिए स्टूडैंट हॉस्टल में जमे रहते हैं। इनमें से कुछ तो सिर्फ पढ़ाई के लिए रहते हैं तो कुछ सिर्फ हॉस्टल में रहने के लिए कोर्स में दाखिला लेते हैं। हॉस्टलों में रहने वाले इन पुराने इन स्टूडैंट्स में विभिन्न कोर्सिज में दाखिला लेने वाले सेकेंड ईयर, थर्ड ईयर, एम.ए., एम.एससी. या पी.एचडी. करने वाले होते हैं। ऐसे में जो पुराने स्टूडैंट पासआऊट होते हैं उनकी सीट खाली होने पर ही नए स्टूडैंट को जगह मिल पाती है। कैंपस में 15 से 16 हजार स्टूडैंट हैं जो साल-भर पढ़ाई करते हैं। 

 

नहीं आनलाईन फार्म व जानकारी : 
नए स्टूडैंट हॉस्टल में सीट के लिए आवेदन कर सकें  इसके लिए कोई जानकारी ऑनलाईन अपडेट नहीं की है। स्टूडैंट यह जानाकरी विभाग से या प्रशासनिक कार्यालय से ले रहे हैं। हर साल डी.एस.डब्ल्यू. नए सिरे से विभागों को सीटें अलॉट करता है। इन सीटें पर विभाग द्वारा मैरिट पर स्टूडैंट को दाखिला मिलता है। 

 

डमी एडमिशन : 
कैंपस में एन. एस. यू. आई., सोई, ए.बी.वी.पी., पुसू आदि पार्टियों से जुड़े कुछ ऐसे चेहरे हैं जो सिर्फ छात्र संघ चुनाव के दौरान ही नजर आते हैं। इनमें से काफी छात्र नेता चुनावों के लिए कैंपस में रहने के लिए विभिन्न कोर्सिज में डम्मी एडमिशन ले लेते हैं और अपने नाम पर हॉस्टल भी अलॉट करवा लेते हैं, जिन्हें वे चुनाव खत्म होने के बाद भी नहीं छोड़ते। 

 

पैरलल कोर्स : 
जो स्टूडैंट पैरलल कोर्स में दाखिला लेते हैं उन्हीं को हॉस्टलों में सीटें दी जाती हैं। यानि जो बी.एससी. के बाद एमएस.सी. में दाखिला लेते हैं उसी में पी.एचडी. करते हैं, उन्हें ही हॉस्टल में सीट दी जाती है। हालांकि अगर कोई स्टूडैंट एम.ए. पहले किसी दूसरी स्ट्रीम में करे और बाद में किसी और में तो ऐसे में स्टूडैंट को  हॉस्टल में सीट नहीं मिलती। 

 

नए नियमों के मुताबिक पी.एचडी. करने वालों को 6 साल तक कैंपस में रह सकते हैं। यानि बी.एससी., एम.एससी. और पी.एचडी. करने वाले 11 साल हास्टल में रहकर आराम से निकल जाएंगे। वहीं जिनकी पी.यू. प्रबंधन से साठ-गांठ है वह पी.एचडी. पूरी न होने की स्थिति में हॉस्टल आगे भी एक्सटैंड करवा लेते हैं। 


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