घरों को स्कूल-कॉलेज के वातावरण से रिप्लेस नहीं किया जा सकता

Thursday, May 28, 2020 - 12:11 PM (IST)

चंडीगढ़ ( साजन शर्मा): कोरोना महामारी के दौरान एसोचैम की ओर से देश कई राज्यों के पर किए सर्वे में खुलासा किया गया है कि इस वायरस ने एजुकेशन के क्षेत्र में डिजीटल क्रांति का सूत्रपात किया है। टीचर के रोल में भी जबरदस्त बदलाव देखने को मिले हैं। सर्वे में महत्वपूर्ण बात सामने आई कि घरों को स्कूल और कॉलेज के वातावरण से रिप्लेस नहीं किया जा सकता। 

 

ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान स्टूडेंट्स टीचर के साथ सीधा इंट्रक्शन मिस कर रहे थे। टीचर कंटेट तो डिजीटल कक्षा में उपलबध करा रहे हैं लेकिन इनकी अंडरस्टेडिंग कहीं न कहीं मिसिंग दिखाई दे रही है 23204  आर्ट्स के अलावा फिजिकल भी वह लॉकडाऊन की वजह से नहीं कर पा रहे थे, जिसकी कमी स्टूडैंट्स को साफ खटक रही थी।

 
 

सर्वे में 483 टीचर्स को किया शामिल
सर्वे में देश के विभिन्न राज्यों के सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के 466 स्टूडैंट्स और 483 टीचरों को शामिल किया गया। इनमें 88 प्रतिशत स्टूडैंट्स ने कहा कि लॉकडाऊन की वजह से स्कूल न जाने व ऑनलाइन कक्षाओं से वह टीचर्स, फ्रैंड्स के साथ रोजाना होने वाला इंट्रशन मिस कर रहे हैं। 51 प्रतिशत स्टूडैंट्स ने कहा कि वह एकस्ट्रा करीकुलर एटीविटीज जैसे फिजीकल एजुकेशन, स्पोर्ट्स, आट्र्स, यूजिक व डांस इत्यादि जो स्कूल में सिखाए जाते हैं को मिस कर रहे हैं। गत 25 मार्च से शुरू लॉकडाऊन के बाद स्कूलों व कॉलेजों ने तेजी से बिना किसी रिस्पांस के ऑनलाइन टीचिंग की ओर रुख किया।

pooja verma

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