जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान लंबित मुकद्दमों की सूची तैयार करेंगे अफसर
punjabkesari.in Tuesday, Dec 06, 2022 - 09:06 PM (IST)

चंडीगढ़,(पांडेय): हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जाट समाज के लोगों पर दर्ज हुए मुकद्दमों की वापसी को लेकर एक बार फिर से कागजी कवायद तेज हो गई है। इस संबंध में मंगलवार को गृह मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में गृह विभाग के आला अधिकारियों की अहम बैठक हुई, जिसमें गृह मंत्री की ओर से अफसरों को लंबित मुकद्दमों की सूची तैयार करने के आदेश दिए गए। गृह मंत्री ने कहा कि हाईकोर्ट और अन्य कोर्ट में लंबित केसों की सूची बनाई जाए ताकि अगली बैठक में उस पर चर्चा हो सके। बताया गया कि पूर्व में सरकार ने गंभीर मुकद्दमों को छोड़ कर अन्य मुकद्दमे वापस लेने का आश्वासन दिया था जिसमें से सैकड़ों मुकद्दमे वापस हो चुके हैं लेकिन कुछ बड़े मामलों पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। इस बैठक में हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, डी.जी.पी. पी.के. अग्रवाल व सी.आई.डी. मुखिया आलोक मित्तल मुख्य रूप से मौजूद थे।
2100 मुकद्दमों में से करीब 500 पैंङ्क्षडग
गृह विभाग के सूत्रों की मानें तो वर्ष 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रदेश भर में करीब 2100 मुकद्दमे दर्ज किए गए थे। जिसमें से 1400 से ज्यादा मुकद्दमे कैंसिल हो चुके हैं जबकि सैकड़ों मुकद्दमे कैंसिल होने की राह पर हैं लेकिन करीब 500 मुकद्दमे अभी ऐसे हैं जिन पर सरकार की ओर से वापस लेने की कोई कार्रवाई नहीं की गई। बताया गया कि इनमें से कई मामलों पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है ऐसे में समिति ने सरकार से हाईकोर्ट में ठोस पैरवी की मांग भी की है।
गृह मंत्री विज से मिला था जाट संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल
पिछले दिनों किसान नेताओं के बाद जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं ने गृह मंत्री अनिल विज से मुलाकात कर पैंङ्क्षडग मुकद्दमों को वापस लेने का आग्रह किया था। इस मुलाकात में विज ने समाज के नेताओं को आश्वस्त किया था कि जल्द ही इस संबंध में वह अफसरों से फीडबैक लेकर सरकार को सिफारिश करेंगे। इसी कड़ी में ही विज ने गृह विभाग के अफसरों के साथ मंथन बैठक की जिसमें अफसरों को लंबित मुकद्दमों की सूची बनाने को कहा गया है।