जानिए क्या रहेगा होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, यह करें विशेष उपाय

punjabkesari.in Saturday, Mar 19, 2016 - 05:54 PM (IST)

चंडीगढ़ : सदमिलन,मित्रता, एकता, द्वेष भाव त्याग कर गले मिलने का रंगारंग पर्व होली, गुरुवार 24 मार्च, को आ रहा  है। विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के लोगों को एक सूत्र में बांधने तथा राष्ट्रीय भावना जागृत करने की दृष्टि से हमारे देश में यह पर्व आरंभ किया गया था। ताकि सभी वर्गों, समुदायों के लोग विविध रंगों और उत्साह में रंग कर सारे गिले शिकवे भूल जाएं और आने वाले नए वर्ष का स्वागत करें।

 

होलिका- दहन का ज्योतिषीय मुहूर्त

बुधवार 23 मार्च को होलिका दहन का विशेष शुभ समय सायंकाल 4 बजकर 55 मिनट से 5 बजकर 31 मिनट तक होगा। जबकि उज्जैन , दिल्ली , चंडीगढ़ तथा हरियाणा ,पंजाब आदि में यह मुहूर्त सायं 6 बजकर 30 मिनट से रात्रि 8 बजकर 54 मिनट तक निकाला गया है। 

 

होली के रंग किस राशि के संग ?

होली आपसी मतभेद मिटाकर गले मिलने का सुअवसर है। परंतु कई बार खुशी का मौका गमी में बदल जाता है।प्रेम का प्रवाह नफरत में परिवर्तित हो जाता है। मानव शरीर पर रंगों का वैज्ञानिक और ज्योतिषीय प्रभाव दोनों ही पड़ता है। यह इंसान की मनोवृति प्रभावित करता है। अनुकूल रंग मूड को बढिय़ा बना सकता हैं। वहीं गलत रंग आपको आपस में भिड़ा सकता है। अत: गलत रंगों से बचना चाहिए। आप यदि अपनी राशि के अनुसार रंग लगाएं और विशेष रंग से बचें। तो होली का उत्सव और रंगीन हो जाएगा।

 

मेष व बृश्चिक : आप लाल,केसरिया  व गुलाबी गुलाल का टीका लगाएं व लगवाएं और काले व नीले रंगों से बचें । 

बृष व तुला : आपको सफेद, सिल्वर, भूरे, मटमैले रंगों से होली क्रीड़ा भाएगी । हरे रंगों से बचें।

मिथुन व कन्या : हरा रंग आपके मनोकूल रहेगा। लाल, संतरी रंगों से बचें।

कर्क : पानी के रंगों से इस होली पर बचें। आसमानी या चंदन का तिलक करें या करवाएं। काले नीले रंगों से परहेज रखें।

सिंह : पीला, नारंगी और गोल्डन रंगों का उपयोग करें। काला,ग्रे, सलेटी  व नीला रंग आपकी मनोवृति खराब कर सकते हैं।

धनु व मीन : राशि वालों के लिए पीला लाल नारंगी रंग फिज़ा को और रंगीन बनाएगा। काला रंग न लगाएं न लगवाएं।

मकर व कुंभ : आप चाहे काला , नीला ,ग्रे रंग जितना मर्जी लगाएं या लगवाएं, मस्ती रहेगी पर लाल ,गुलाबी गुलाल से बचें।

 

सिंथेटिक रंगों की बजाए प्राकृतिक रंगों का करें प्रयोग

सूखे या गीले रंगों में प्राकृतिक  वस्तुओं और फूलों का प्रयोग किया जा सकता है। भगवान कृष्ण होली पर टेसू के फूलों का प्रयोग करते थे  । लाल रंग पवित्रता,हरा प्रकृति ,नीला शांति,पीला शुद्घता, गुलाबी उल्लास तथा काला क्रूरता  का आभास देता है।  मेंहदी,पालक, पुदीना पीस कर छान लें और प्राकृतिक हरा रंग तैयार है। टेसू, पलाश, गुलमोहर के फूलों से लाल रंग बनाएं। हल्दी तथा गेंदे के फूल आपको  पीला रंग देंगे। अमलतास, अनार के छिल्कों,चुकंदर गहरा गुलाबी रंग देगा। कचनार से गुलाबी रंग मिलेगा। थोड़ा सा केसर बहुत सा नारंगी रंग बना देता है। चाय या काफी का प्रयोग भी आप ब्राउन रंग के लिए कर सकते हैं। सूखे रंगों के लिए आप , लाल, पीला व सफेद चंदन मुल्तानी मिट्टी या मैदे में मिलाकर प्राकृतिक गुलाल बना सकते हैं। यह त्वचा के लिए गुणकारी भी रहेगा।

 

होलिका दहन पर विभिन्न समस्याओं के लिए  कर सकते हैं एक से अधिक विशेष उपाय

1. व्यापार वृद्घि तथा नजर उतारने के लिए, दुकान, ऑफिस या कार्यालय में सायंकाल एक सफेद कपड़े पर गेहूं और सरसों की 7 - 7 ढेरियां रखें। इन पर एक एक काली मिर्च रखें। 7 निम्बू के 2-2 टुकड़े कर के इन ढेरियों पर रखें। निम्न मंत्र का 7 बार पाठ करें- ओम् कपालिनी स्वाहा !  पाठ समाप्ति पर इस सारी सामग्री की पोटली बनाकर लाल मौली से गांठ लगाकर बांध लें और दूकान या घर में एक सिरे से आरंभ कर के चारों कोनों पर घुमा कर बाहर ले आएं। इस पोटली को होलिका में डाल दें।

2. दुकान,आफिस, फैक्ट्री या मकान में अक्सर होने वाली या अचानक चोरी या नुक्सान, के बचाव हेतु - सूखा नारियल और तांबे का पैसा घर या दूकान में सात बार चारों कोनों में घुमा कर होलिका में डालें।

3. धनवृद्घि हेतु होलिका में  यह मंत्र ‘ ओम् श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्मय नम: ’ 108 बार पढ़ते जाएं और शक्कर की आहुति देते जाएं।

4. रोग निराकरण के लिए एक सूखा नारियल, एक लौंग, काले तिल, सरसों पीड़ित पर 7 बार उल्टा घुमा के होलिका में डालें।

5. कार्यसिद्घि के लिए, खोपे के दो आधे - आधे कटोरे की शक्ल में टुकड़े कर लें। इस में  कपूर, काले तिल, बर्फी ,सिंदूर, हरी इलायची, लौंग रख के इस मंत्र की एक माला करें- ओम् हृीं क्लीं फट् स्वाहा !  सामग्री को काले कपड़े में बांध कर होलिका में 7 परिक्रमा करके अर्पित कर दें।

6. दांपत्य जीवन में मिठास लाने के लिए - रुई की 108 बत्त्यिां देसी घी में भिगो के होलिका में संबंध सुधार की अनुनय सहित एक एक करके परिक्रमा करते हुए डालें।

7. यदि आपको लगता है कि किसी ने आपके उपर तांत्रिक अभिचार किया हुआ है जिसके कारण आपकी प्रगति ठप्प हो गई है तो देसी घी में भीगे दो लौंग ,एक बताशा,एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दूसरे दिन वहां की राख ला के  शरीर पर मलें और नहा लें। तांत्रिक अभिचार दूर हो जाएगा

8. यदि आपको लगता है कि बच्चे को किसी की नजर लग गई है तो - देसी घी में भीगे पांच लौंग ,एक बताशा,एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। करें।दूसरे दिन वहां की राख ला के ताबीज में भर के बच्चे को पहनाएं

9. यदि आपके घर को बुरी नजर लग गई है उसे उतारने का यह स्वर्णिम अवसर है। देसी घी में भीगे दो लौंग ,एक बताशा, मिश्री ,एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दूसरे दिन वहां की राख ला के  लाल कपड़े में बांध के घर में रखें।

10. यदि कोई आपकी धन वापसी  में बेईमानी कर रहा है और आप मुकदमे में नहीं पडऩा चाहते तो - होलिका दहन स्थल पर धन न लौटाने वाले का नाम जमीन पर अनार की लकड़ी से त्रिकोण के अन्दर लिखें और उस पर हरा गुलाल छिडक़ दें। होलिका माता से धन वापसी की प्रार्थना करें। अगले दिन वहां से राख उठा के जल में उस व्यक्ति का नाम लेते हुए प्रवाहित कर दें।

11. यदि व्यापार में लगातार घाटा या  आर्थिक हानि हो रही है तो- होलिका दहन की सायं दुकान या मकान के मुख्य द्वार की चौखट पर गुलाल छिडक़ें ,उस पर आटे का बना चार मुखी दीपक  जलाएं।उस दीपक को जलती होलिका में डाल आएं।

12. किसी प्रकार का  भाइयों से मनमुटाव या भूमि विवाद हो तो 11 नीम की पत्तियां और लाल चंदन ,होलिका दहन में अर्पित करें ।

13. गले या वाणी या त्वचा  संबंधी रोग  के लिए- हरी मूंग की एक मुट्ठी डालें।

14. पिता या किसी बुजुर्ग से विवाद समाप्ति हेतु, हल्दी की 7 गांठें और एक मुटठी चने की दाल डालें ।

15. खांसी, अस्थ्मा से पीड़ित व्यक्ति के उपर से सात बार उल्टा घुमा के - 48 बादाम होलिका में समर्पित करें।

16. पु़त्र या पु़त्री से परेशानी, हो या वह कहने में न हो तो सूखे  प्याज लहसुन और हरा नींबू डालें।

 

ये अनुभूत पारंपरिक तथा आंचलिक  उपाय हैं जिन्हें सदियों से हमारे देश में प्रयोग कर लाभ उठाया जा रहा है। आप भी आजमा सकते हैंं।


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