जिन स्कूलों का आया रिजल्ट खराब, शिक्षा विभाग ने की वहां के टीचर्स की छुट्टियां कैंसल

Thursday, May 31, 2018 - 09:35 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : शहर के सरकारी स्कूलों का 10वीं का परिणाम पिछले वर्ष 95.12 प्रतिशत रहा था वहीं इस बार इसमें भारी गिरावट देखने को मिली। इस बार परिणाम 66 प्रतिशत के आसपास रहा। जिला शिक्षा अधिकारी दफ्तर में जाकर परिणाम की जानकारी मांगी गई तो जवाब मिला कि हमें ऑर्डर हैं कि हम आपके साथ रिजल्ट शेयर नहीं कर सकते। 

शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर सभी स्कूलों को हिदायत दी है कि जिस भी स्कूल का परिणाम खराब आया है, उन सभी स्कूलों के शिक्षकों को छुट्टियों में भी स्कूल आना पड़ेगा और जिनकी कम्पार्टमैंट आई है उन्हें पढ़ाना होगा। 10वीं व 12वीं कक्षा के शिक्षकों के साथ प्रिंसिपल को भी स्कूल आना होगा। 

शमभावी सैक्रेड हार्ट स्कूल की टॉपर :
सैक्रेड हार्ट सीनियर सैकेंडरी स्कूल-26 की शमभावी सिंह ने 500 में से 488 नंबर लेकर स्कूल में टॉप किया। मैथ, सांइस, सोशल साइंस और इंफॉर्मेशन टैक्नोलॉजी में 100/100 नंबर हासिल किए। क्लास में रैगुलेरिटी ही मेरी इस पॉजिशन का सक्सैस मंत्र है। 

बीमारी के बावजूद मिले 84 फीसदी अंक :
दीक्षांत इंटरनैशनल स्कूल में 10वीं की छात्रा जया नारंग क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल बीमारी (प्राइमरी डिस्टोनिया) से पीड़ित होने के बाद 84 प्रतिशत हासिल किए। जया ने शिक्षकों और परिजनों के सहयोग एवं समर्थन के साथ अपनी सकारात्मक सोच को बरकरार रखा। अपनी शारीरिक सीमाओं के बावजूद उन्होंने अंग्रेजी और गणित में 90 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किए। 

स्वीपर के बेटे को 85 फीसदी अंक मिले :
शारदा सर्वहितकारी स्कूल-40 के छात्र गौरव ने 85 प्रतिशत अंक हासिल कर माता-पिता का सिर गर्व से ऊचां किया है। गौरव की मां उसी स्कूल में स्वीपर है। पिता हाईकोर्ट में स्वीपर हैं।

आर.टी.ई. के विरुद्ध शिक्षक :
शिक्षकों की मानें तो खराब परिणाम की वजह आर.टी.ई एक्ट है। एक्ट में कुछ नियम ऐसे बना दिए हैं, जिससे शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। एक शिक्षक ने बताया कि अगर बच्चे को फेल होने का डर ही नहीं होगा तो वह किसलिए पढ़ेगा? जब 9वीं में विभाग ने छात्रों को 20-20 ग्रेस माक्र्स देकर पास कर दिया। 


 

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