माधोगढ़ किला रचेगा पर्यटन की दुनिया में इतिहास

punjabkesari.in Wednesday, Dec 29, 2021 - 06:09 PM (IST)

चंडीगढ़, (अर्चना सेठी): पर्यटन की दुनिया में हरियाणा नया इतिहास रचने को तैयार है। प्रदेश में सैर-सपाटे को आने वाले पर्यटक हरियाणा के किले में राजसी शान के साथ रह सकेंगे। महेंद्रगढ़ के माधोगढ़ किले को पर्यटन स्थल की तरह विकसित किया जा रहा है। महेंद्रगढ़ से करीब 10 किलोमीटर दूर पहाड़ों के बीच स्थित माधोगढ़ का किला खंडहर अवस्था में तबदील हो चुका था। अब 9 करोड़ रुपए लगाकर किले को न सिर्फ जीवंत किया जा रहा है, बल्कि किले के अंदर 12 ऐसे कमरे भी तैयार किए जा रहे हैं जिनमें पर्यटक राजा-महाराजाओं की तरह किले का आनंद उठा सकेंगे। कमरे की खिड़कियों से पर्यटक प्राकृतिक घाटियों का लुत्फ ले सकेंगे।


 किले के बाहर रंगारंग कार्यक्रमों के लिए एक ओपन एयर थिएटर बनाया जा रहा है। खाने-पीने के लिए ईटिंग ज्वाइंट्स विकसित किए जा रहे हैं। मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए किले में विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पुरातन किले के वास्तविक रूप को बरकरार रखते हुए मुरम्मत का कार्य किया जा रहा है। 

धरोहर के रूप में किया जा रहा है पुनर्जीवित
हरियाणा पर्यटन विभाग के कार्यकारी अभियंता गौतम कुमार ने बताया कि माधोगढ़ किले को धरोहर के रूप में पुनर्जीवित किया जा रहा है। चूना और नानकशाही ईंटों से किले की मुरम्मत की जा रही है, ताकि किले के वास्तविक रूप को बरकरार रखा जा सके। पर्यटकों के ठहरने के लिए एक शाही महल की तरह इसको तैयार किया जा रहा है। कमरों को अत्याधुनिक सुविधाएं जरूर प्रदान की जाएंगी परंतु राजा-महाराजा के कमरे का लुक देने के लिए राजाओं के जमाने के बिस्तर, पर्दे, कमरों की साज-सज्जा की जाएगी। किले के बाहर फूड प्लाजा, सैल्फी प्वाइंट, व्यू डैक भी बनाए जा रहे हैं। 


शाही अंदाज के दरवाजे-खिड़कियां किले की रौनक में चार चांद लगाएंगे।  वहीं माधोपुर के शासक ने इस किले का निर्माण करवाया था। यहां उनकी सेना को सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता था। इतना ही नहीं, इसी किले में सैनिक अपनी युद्ध सामग्री भी संभाल कर रखते थे। इस किले में रानी के लिए एक बड़ा तालाब और घोड़ों के लिए घुड़साल भी बनाई गई थी। पहाड़ों के बीच पानी की व्यवस्था के लिए यहां कुआं बना हुआ है। यह किला 300 फुट की ऊंचाई पर है। किले में प्रवेश के लिए पहाड़ी को काट कर सड़क का निर्माण भी किया जा चुका है। यहां के अरावली पर्वत शृंखला के बड़े-बड़े पत्थरों के साथ बालू मिट्टी के टीले भी बने हुए हैं। टीलों पर खूबसूरत पेड़ पौधे लगाए गए हैं, जिनकी आभा देखते ही बनती है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य की वजह से कई हरियाणवी फिल्मों की यहां शूटिंग की जा चुकी है। 


20 करोड़ में पर्यटकों के लिए तैयार होगा महेंद्रगढ़ का किला 
माधोगढ़ की तरह महेंद्रगढ़ के किले की भी मुरम्मत की जा रही है। वहां भी रंगारंग कार्यक्रमों के लिए ओपन एयर थिएटर, फूड प्वाइंट, टॉयलेट ब्लॉक बनाए जाएंगे। पुरानी इमारत की मुरम्मत का काम भी किया जाएगा। महेंद्रगढ़ किले की मुरम्मत पर करीब बीस करोड़ रुपए का खर्च आएगा। यह किला पर्यटकों के लिए लगभग एक साल में तैयार होगा। 


शुरू करेंगे एडवैंचर स्पोटर््स 
हरियाणा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अब मोरनी की तर्ज पर हथिनीकुंड और तिलियार में भी एडवैंचर स्पोटर््स शुरू की जाएंगी। पर्यटन विभाग के आला अधिकारियों ने हथिनीकुंड और तिलियार में एडवैंचर स्पोटर््स शुरू करने से पहले प्रारंभिक सर्वे का काम पूरा कर लिया है। अब जल्द ही पर्यटन विभाग मोरनी की तरह इन दोनों जगहों पर भी पैराग्लाइडिंग पैराग्लाइडिंग, पैरामोटर पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोटर््स की शुरूआत के लिए किसी कंपनी को टैंडर जारी करेगा। 

मानचित्र पर मिलेगी पहचान 
पर्यटन मंत्री कंवर पाल गुर्जर का कहना है कि दुनिया के मानचित्र पर हरियाणा को पहचान दिलवाने के लिए जोरशोर से काम किया जा रहा है। पर्यटन विभाग मोधागढ़ किले की तरह महेंद्रगढ़ के किले को भी रेनोवेट करवा रहा है। इनके बाद हरियाणा के दूसरे ऐतिहासिक स्थलों को भी पर्यटकों के लिए जीवंत करने का काम किया जाएगा। 


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News Editor

Archna Sethi

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