कर्ज वसूली मामले में हाईकोर्ट ने वित्त मंत्रालय को भेजा नोटिस

punjabkesari.in Sunday, May 29, 2016 - 01:33 PM (IST)

चंडीगढ़, (विवेक): सरकार एस.डी.एम. के जरिए किसानों की जमीन नीलाम करवा कर भी वसूली करवा लेती है तो बड़े कार्पोरेट और कर्जदारों से वसूली करने में ढिलाई क्यों बरती जा रही है? कर्ज वसूली से जुड़े इसी सवाल पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने वित्त मंत्रालय को नोटिस जारी कर 10 अगस्त तक जवाब मांगा है याची रणधीर बधरान के अधिवक्ता सुखविंद्र सिंह नारा ने कहा कि भारत में बैंकों से पैसा लेकर वापस न करने की प्रवृत्ति वसूली के लिए बनाए डैब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनलों (डी.आर.टी.) की धीमी सुनवाई के चलते बढ़ रही है। इसी का नतीजा है कि बैंकों से बड़ी राशि उठाने वाले भुगतान नहीं करते। बैंक डी.आर.टी. में वसूली के लिए पहुंचते हैं। प्रक्रिया में 5-6 साल लग जाते हैं। इस बीच बैंक और पार्टी आपस में समझौता कर लेते हैं या फिर आपसी सहमति की राशि अदा की जाती है। इससे लोगों का पैसा कई साल तक इन कर्जदारों के पास रहता है। 
याची ने चंडीगढ़ में स्थापित डी.आर.टी. शुरू होने के बावजूद इसे काम न देने का आधार बनाया है। याची ने कहा कि फरवरी में चंडीगढ़ में ट्रिब्यूनल स्थापित किया गया था, तब से लेकर अब तक इसे काम नहीं दिया गया है।

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