चंडीगढ़ में खतरा बन चुके शुष्क पेड़ हटाने के लिए हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

punjabkesari.in Wednesday, Dec 06, 2017 - 09:21 AM (IST)

चंडीगढ़ (राय): शहर के विभिन्न जगह पर खतरे का पर्याय बन चुके मृत और शुष्क पेड़ हटाने का कार्य प्रशासन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद शुरू कर दिया है। इससे पूर्व चंडीगढ़ नगर निगम ने आंधी तूफान के दौरान गिरने वाले पेड़ों को बचाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है, जिसके तहत निगम के बागवानी विंग ने दो पेड़ करवाए री-प्लांट करवाए। निगम के बागवानी विभाग के अधिषाशी अभियंता कृष्ण पाल सिंह ने बताया कि कुछ माह पहले निगम द्वारा पहली बार शहर के पेड़ों के करवाए गए सर्वे में सैंकड़ों ऐसे पेड़ मिले थे जो लोगों के लिए खतरा बने हैं। निगम की मजबूरी यह थी कि खतरनाक पेड़ों को भी वह खु नहीं काट सकता पर अब निगमायुक्त को यह अधिकारी मिलने से उनका काम आसान हो जाएगा। प्रशासन के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार शहर में कुल 615 मृत पेड़ हैं। 


वर्ष 2013 में 20 साल की लड़की पर गिरा था पेड़
प्रशासन ने पेड़ हटाने के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं और सभी पेड़ों को हटाने के लिए माह की समयसीमा निर्धारित की है। वर्ष 2013 में सूखा पेड़ गिरने से 20 वर्षीय लड़की को 75 प्रतिशत विकलांगता आने पर हाईकोर्ट ने इस संबंधी नीति बनाने के निर्देश दिए थे। मृत और खतरनाक पेड़ों को हटाने में देरी न करने के उद्देश्य से  प्रशासन ने इसके आदेश देने के अधिकार अब निगमायुक्त और मुख्य संरक्षक व प्रशासन के मुख्य अभियंता को भी दिए हैं। पहले यह अधिकार केवल प्रशासक के सलाहकार के पास साथ था। वन और वन्यजीव विभाग द्वारा तैयार की गई नीति के अनुसार, मृत और शुष्क पेड़ों को हटाने के लिए, दो अधिकारी, एस.डी.ओ. (प्रशासन और निगम) और वन रेंज अधिकारी को प्रमाणित करना होगा कि संबंधित पेड़ मानव के लिए खतरा बन गया है। 


 615 पेड़ खतरा 
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार कुल 615 पेड़ हैं जो या तो सूख चुके हैं या जीवन के लिए खतरा हैं। उत्तर मार्ग, जन-मार्ग और मध्य-मार्ग पर 88 ऐसे पेड़ हैं, जबकि 49 मृत और खतरनाक पेड़ दक्षिण मार्ग और सैक्टर-25 में हैं। दूसरी ओर निगम के सर्वे के अनुसार उसके क्षेत्र में करीब 262 ऐसे सूखे पेड़ हैं जो सार्वजनिक स्थानों पर हैं व लोगों के लिए खतरा बने हैं। इनमें से सबसे अधिक खतरनाक हो चुके पेड़ सैक्टर-37 में हैं। शहर में कुल 1,65,597 वृक्ष हैं। प्रशासन ने अदालत को आश्वासन दिया है कि मृत पेड़ों को हटाने में कोई देरी नहीं की जाएगी। 


निगम ने करवाया था सर्वे
निगम उन पेड़ों का भी सर्वे करवाया था जिनकी शाखाओं के फैलाव के कारण स्ट्रीट लाइटों की रोशनी रुकती है व जो आंधी-तूफान में गिर सकते हैं। सर्वे के बाद शहर में ऐसे पेड़ों की प्रूङ्क्षनग का काम इन दिनों चल रहा है। निगम अब शहर में पेड़ों की नंबरिंग का काम भी शुरू करेगा। अगर कहीं किसी पेड़ के कारण स्ट्रीट लाइटों की रोशनी रुक रही है तो उस लिए या तो खंभे को ऊंचा किया जाएगा या फिर पेड़ को किसी अन्य स्थान पर स्थापित किए जाने पर विचार किया जा सकता है। चंडीगढ़ में पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र के रूप में प्रचलित किए गए सैक्टर-1 के राजिंद्रा गार्डन में सबसे अधिक 75 सूखे पेड़ ऐसे हैं।
 


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