पैंडिंग रहते अपराधिक मामलों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, कहा-बेगुनाह लोग झेल रहे परेशानियां

punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2019 - 10:42 AM (IST)

चंडीगढ़(रमेश) : पुलिस द्वारा दर्ज एफ.आई.आर. में कई ऐसी भी होती हैं जो जांच के बाद कैंसिल कर दी जाती हैं, लेकिन जांच अधिकारी और एस.एच.ओ. उक्त रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल नहीं करते, जिसके चलते दशकों तक रिकार्ड में मामले दर्ज ही रहते हैं और बेगुनाह लोग परेशानियां झेलते हैं। 

उक्त मसले को लेकर दाखिल हुई जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब और चंडीगढ़ के पुलिस प्रमुखों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। एडवोकेट हरिचंद अरोड़ा ने चंडीगढ़ सैक्टर-19 पुलिस स्टेशन में आर.टी.आई. दाखिल कर कैंसलेशन और अनट्रेस एफ.आई.आर. की डिटेल मांगी थी और पूछा था कि थाने से आला पुलिस अधिकारियों के पास गई रिपोट्र्स वापस आई या कोर्ट में पेश की गई। जवाब में पुलिस के पास कोई रिकार्ड ही नहीं था। '

पुलिस की लापरवाही का खमियाजा लोग भुगत रहे, काटने पड़ रहे थानों के चक्कर :
पुलिस की लापरवाही का खमियाजा बेकसूर कई लोगों को पासपोर्ट बनवाते समय वीजा लगवाते समय, आर्म्स लाइसैंस बनवाते समय या नौकरी ज्वाइन करने से पहले करैक्टर सर्टिफिकेट बनवाते हुए भुगतना पड़ता है और पुलिस स्टेशनों क्के चक्कर काटने पड़ते हैं, जहां पुलिस वाले मोटी घूस मांगते हैं। 

एक तरह से नॉन ट्रैसेबल और कैंसलेशल रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करना पुलिस तंत्र में भ्रष्टाचार का कारण बना हुआ है। एडवोकेट हरिचंद ने इस संबंध में पंजाब के गृह सचिव से भी जिला वार रिपोर्ट मांगी थी, जिन्होंने सभी जिलों के एस.एस.पी. को नोटिस जारी कर अनट्रेस और कैंसलेशन एफ.आई.आर. का रिकार्ड मांगा था, लेकिन किसी ने नहीं दिया। 

याचिकाकर्ता ने संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग भी की थी, लेकिन किसी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। याची ने हाईकोर्ट का रूख किया और जनहित याचिका दाखिल कर दी, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पंजाब के पुलिस प्रमुख और चंडीगढ़ के पुलिस प्रमुख से 4 सितम्बर तक जवाब दाखिल करने को कहा है। 


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Priyanka rana

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