मकान खाली करवाने की ग्माडा की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Tuesday, Mar 06, 2018 - 12:52 PM (IST)

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): वर्ष 1984 में दिल्ली में हुए सिख कत्लेआम में वहां से बचकर आए कुछ कथित दंगा पीड़ितों से घर खाली करवाने की गमाडा की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने फिलहाल 7 मार्च तक रोक लगा दी है। मोहाली फेज 11 के एल.आई.जी. फ्लैट्स में यह याची परिवार 30 साल से रह रहे हैं। मामले में प्रतिवादी पक्ष के रूप में पंजाब सरकार समेत गमाडा को पार्टी बनाया गया है। 

 

वहीं याची पक्ष के वकील अर्शदीप सिंह कलेर याची परिवारों के बिजली-पानी बिलों आदि के रुप में रिहायश के साक्ष्य पेश करेंगे। जानकारी के मुताबिक गमाडा ने 40 ऐसे परिवारों की पहचान किए जाने का दावा किया जो दंगा पीड़ित नहीं हैं, जिसे लेकर गमाडा ने बीते शनिवार को याचियों के घरों के बाहर नोटिस चिपका कर 48 घंटे में घर खाली करने के आदेश दिए थे। 

 

इसे लेकर परिवारों ने हाईकोर्ट की शरण ली। याची परिवारों के मुताबिक दंगों के बाद पंजाब में दाखिल होने व अपनी पहचान को लेकर वह कई बार सरकार को एफिडेविट दे चुके हैं। उसके बावजूद किन्हीं कारणों से उनके दावों को स्वीकारा नहीं गया।


समय पर दिए दस्तावेज, मगर क्लेम सिरे नहीं चढ़ाए
तत्कालीन पंजाब सरकार ने दंगा पीड़ितों को रैड कार्ड जारी करते हुए यह फ्लैट अलॉट किए थे। याची हरभजन सिंह समेत याचियों ने कहा है कि वह दिल्ली में दंगा पीड़ित हैं और लंबे समय से फेज 11 में फ्लैट्स में रह रहे हैं। उस समय स्थानीय सरकार ने यह जगह उपलब्ध करवाई थी। 

 

याची 40 परिवारों के रैड कार्ड किन्हीं कारणों से नहीं बन पाए जबकि याची परिवारों ने समय-समय पर दस्तावेज पेश किए थे। याची परिवारों का दावा है कि उनके द्वारा समय-समय पर दस्तावेज पेश करने के बावजूद उनके क्लेम सिरे नहीं चढ़़ाए गए। 

 

याची पक्ष के मुताबिक जिन परिवारों को नोटिस जारी हुए हैं उनमें 75 से 80 वर्ष उम्र के बुजुर्ग भी शामिल हैं। 

 

रैड कार्ड होल्डर्स को मकान न मिलने पर हाईकोर्ट ने दिए थे कार्रवाई के आदेश
दरअसल पहले 19 लोगों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा था कि हम रैड कार्ड होल्डर्स हैं, हमें मकान दिए जाएं और गैरकानूनी रुप से मकानों में कब्जा किए लोगों को बाहर किया जाए। इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि जो दंगा पीड़ित नहीं हैं उन्हें कानून के तहत बाहर किया जाए। 

 

उस मामले में कार्रवाई न होने पर अवमानना याचिका भी दायर की गई थी। मौजूदा केस में याची पक्ष के वकील अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि अवमानना की कार्रवाई से बचने के लिए गमाडा ने जल्दबाजी में याची परिवारों को नोटिस जारी कर यह कार्रवाई शुरू की है।

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