ओल्ड ऐज होम्स पर हाईकोर्ट दे सकता है अहम आदेश
Tuesday, May 29, 2018 - 10:16 AM (IST)
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): जरूरतमंद बुजुर्गों के रहने के लिए ओल्ड ऐज होम्स पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट मैंटीनैंस ऑफ पेरैंट्स एंड वैल्फेयर ऑफ सीनियर सिटीजंस एक्ट, 2007 की धारा 19 के तहत अहम आदेश जारी कर सकता है। एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह इरादा स्पष्ट कर दिया है।
चंडीगढ़ प्रशासन व अन्यों को पार्टी बनाते हुए हरभजन सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में बड़ा मुद्दा चंडीगढ़ में ओल्ड ऐज होम्स के प्रावधानों का है। हाईकोर्ट ने एक्ट के तहत आवश्यक आदेश जारी करने के लिए केस की सुनवाई आगे के लिए टाल दी।
एक्ट की संबंधित धारा में सरकार की ओर से यह आवश्यक है कि जरूरतमंद 150 वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक ओल्ड ऐज होम मुहैया करवाया जाए। संबंधित धारा स्पष्ट करती है कि ऐसे ओल्ड ऐज होम्स को राज्य सरकार सुलभ जगहों पर स्थापित व उनकी देखरेख कर सकती है।
शुरूआत में प्रत्येक जिले में जरूरतमंद 150 वरिष्ठ नागरिकों के लिए ऐसे होम बनाने की जरूरत है। यू.टी. पुलिस के एस.एस.पी. की सिफारिशों पर 79 वर्षीय याची को सैक्टर-15 ओल्ड ऐज होम में आश्रय मिला था। मौजूदा याचिका में उन्होंने कहा कि उन्हें ओल्ड ऐज होम से वहां रहने वाले कुछ लोगों की शिकायत पर निकाल दिया गया।
चंडीगढ़ प्रशासन इस समय दो ओल्ड ऐज होम्स चला रहा है जिनकी क्षमता 66 बुजुर्गों की है। इनमें से एक में रहने का खर्च भी है पर आवास की सुविधा अपर्याप्त है। एक सर्वे के दौरान एकत्रित किए गए आंकड़ों के मुताबिक ओल्ड एज होम्स में रहने वाले 23 प्रतिशत बुजुर्ग निजी रूप से दुव्र्यवहार का शिकार हुए।
सैक्टर-15 के ओल्ड ऐज होम्स की क्षमता 34 है। वहीं सैक्टर-43 में बने दूसरे की क्षमता 32 है। हाईकोर्ट को मामले में पहले जानकारी दी गई थी कि एन.जी.ओ. हैल्पएज की रिपोर्ट के मुताबिक 32.71 प्रतिशत बुजुर्गों को घरों में दुव्र्यवहार का सामना करना पड़ता है। वहीं देश में यह औसत 31.13 हैं।