अवैध कालोनियों पर सख्त हुआ हाईकोर्ट कहा- भविष्य में न हो नई रजिस्ट्री

Friday, Mar 31, 2017 - 10:29 AM (IST)

चंडीगढ़ (हांडा): मोहाली के गाव स्यूंक में हुए पुराने निर्माणों को नहीं तोड़ा जाएगा, लेकिन नए बन रहे घरों या अन्य निर्माणों पर ग्माडा की कार्रवाई जारी रहेगी। उक्त आदेश वीरवार को हाईकोर्ट की डबल बैंच ने पटवारी द्वारा दाखिल किए गए रिकार्ड को देखने के बाद जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने जिले के रैवेन्यू विभाग को सख्त हिदायत दी है कि भविष्य में जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती कोई नई रजिस्ट्री न की जाए व बिजली वितरण निगम को भी हिदायतें दी गई हैं कि किसी भी निर्माण के लिए या बन चुके निर्माणों के लिए बिजली कनैक्शन देने से पहले ग्माडा की मंजूरी अनिवार्य होगी। 

 

चंडीगढ़ निवासी जयदीप सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका सिविल पिटीशन नंबर 2893 दाखिल की थी, जिसमें स्यूंक गांव में गैर-कानूनी तरीके से रिहायशी प्लाट काटे जाने और पुडा द्वारा अप्रूव बताकर लोगों से करोड़ों रुपए ऐंठने की शिकायत करते हुए कालोनी में हो रही गतिविधियां रोकने की गुहार लगाई गई थी। याचिका में कहा गया था कि गांव स्यंूक में बिना ग्माडा, पर्यावरण विभाग, वन विभाग और अन्य संबंधित विभागों से मंजूरी लिए बिना कुछ लोग कुबेर अर्बन हाऊसिंग सोसायटी व आर.एन. बिल्डर्स एंड डैवेल्पर्स के नाम से विज्ञापन देकर लोगों को गुमराह कर 100 गज से लेकर 2 कनाल तक के प्लाट बेच रहे हैं। उक्त लोगों की कंपनी या सोसायटी पुडा या ग्माडा से पंजीकृत भी नहीं है और लाखों का राजस्व दिए बिना कालोनी काट रहे हैं । 

 

ग्माडा अधिकारियों पर भी किया था हमला 
याचिका दाखिल होने के बाद हाईकोर्ट द्वारा गठित टीम ने मौके का मुआयना किया था और पुडा को कार्रवाई के लिए कहा था। 15 फरवरी के आदेशों के बाद ग्माडा का इंफोर्समैंट विंग कालोनी में काट रहे प्लाट्स और हो रही गतिविधियों को रोकने मौके पर गया था, जिन पर कालोनाइजरों ने हमला कर दिया था, जिन्हें कार्रवाई किए बिना ही बैरंग लौटना पड़ा था। हाईकोर्ट ने इस घटना को भी गंभीरता से लेते हुए मोहाली के एस.एस.पी. को आदेश जारी किए थे कि भविष्य में जब कभी ग्माडा के इंफोर्समैंट विंग को कार्रवाई करनी हो तो विशेष रूप से पुलिस फोर्स मुहैया होनी चाहिए, जिसके लिए अलग से फोर्स मंगवानी पड़े तो मंगवाई जाए। 

 

पुलिस भी कटघरे में
कोर्ट ने मोहाली पुलिस पर भी टिपण्णी करते हुए पूछा है कि शिकायत मिलने पर भी पुलिस ने कुबेर अर्बन हाऊसिंग सोसायटी के संचालक रणधीर सिंह सूद व अन्य पर कार्रवाई क्यों नहीं की, जिन पर सरकारी अधिकारियों पर ड्यूटी के दौरान हमला करने व सरकारी कार्य में बढ़ा पहुंचाने का मामला दर्ज होना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि पुलिस के रवैये से लगता है कि पुलिस आरोपियों के साथ मिली हुई है, जिनकी मिलिभगत से ही उक्त कालोनी में प्लाट काट दिए गए। 
 

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