निगम की तोड़-फोड़ की कार्रवाई पर हाईकोर्ट की रोक

punjabkesari.in Saturday, Jan 05, 2019 - 11:04 AM (IST)

चंडीगढ़(राय) : नगर निगम की इन्फोर्समैंट विंग शुक्रवार को फिर सैक्टर-19 में हरियाली उजाडऩे पहुंचा। अभी उन्होंने सरकारी घरों के बाहर लाईनें ही लगाई थी कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने वहां के निवासियों को बड़ी राहत दे दी। पिछले 3 दिन से चल रहा अतिक्रमण विरोधी अभियान रूक गया। 

पंजाब और हरियाणा के एक उच्च न्यायालय ने आज सैक्टर-19 निवासियों को राहत दी और अतिक्रमण के विरुद्ध शुरू किए गए तोड़-फोड़ पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने इस अभियान पर रोक लगाई व चंडीगढ़ प्रशासन को जल्द से जल्द पार्किंग पर मसौदा नीति तैयार करने के निर्देश भी दिए। 

हाईकोर्ट के आदेशानुसार इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख तक अतिक्रमण विरोधी अभियान नहीं चलेगा तथा मामले की अगली सुनवाई तक चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम चंडीगढ़ पार्किंग पर मसौदा नीति तैयार करने का काम पूरा करेगा। 

अदालत के आदेशानुसार है और सर्वे के बाद पार्किंग स्थलों पर किए गए अतिक्रमण को पहले हटाया जाएगा। इस संबंध में हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम को भी नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई आगामी 25 अप्रैल को होगी। 

प्रशासन किसे अतिक्रमण कह रहा है, यह स्पष्ट नहीं है :
अदालत के आदेशों में कहा गया कि इस मामले में अधिकारियों द्वारा किसी भी तरीके से कोई भी सर्वेक्षण या कोई रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है। ऐसा कोई सर्वेक्षण नहीं हुआ कि कहां व कितना अतिक्रमण हुआ है। इसके अलावा किसी भी रिपोर्ट के अभाव में और किसी भी निवासी को कोई नोटिस दिए बिना निर्माण को अवैध या अतिक्रमण घोषित नहीं किया जा सकता है। अदालत का कहना था कि प्रशासन किसे अतिक्रमण कह रहा है, यह स्पष्ट नहीं है।

रैजीडेंट वैल्फेयर एसोसिएशन ने की थी अभियान रोकने की अपील : 
सैक्टर-19 सी की रैजीडेंट वैल्फेयर ऐसोसिएशन ने हाईकोर्ट से घरों के बाहर ग्रीन बैल्ट को हटाने के अभियान को रोकने की अपील की थी। मामले की सुनवाई के दौरान प्रशासन के सीनियर स्टैंडिंग कासिल पंकज जैन ने उच्च न्यायालय की डिवीजन बैंच को सूचित किया कि पार्किंग नीति तैयार की जा रही है। 

अदालत के आदेशों में स्पष्ट कहा गया कि अगर गत 2 जनवरी से शुरू विध्वंस अभियान रुका नहीं है स्थानीय निवासियों को बिना किसी सुनवाई के प्रताडि़त करने जैसा होगा। रैजीडेंट वैल्फेयर ऐसोसिएशन का कहना था कि इस मामले में किसी भी निवासी को कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है और न ही किसी निवासी को अतिक्रमण हटाने के लिए कोई समय सीमा प्रदान की गई है। 

 


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Priyanka rana

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