बच्चों के भीख मांगने और मजदूरी करने के मामले पर हाईकोर्ट ने जताया दुख, प्रशासन से मांगा जवाब

punjabkesari.in Wednesday, Jul 18, 2018 - 08:17 AM (IST)

चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट प्रद्युमन गर्ग ने चाइल्ड बैगिंग और चाइल्ड लेबर को लेकर जनहित याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन, चंडीगढ़ कमीशन फॉर प्रोटैक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स और चंडीगढ़ सोशल वैल्फेयर डिपार्टमैंट को पार्टी बनाया है। 

वहीं इस मामले में हाईकोर्ट ने पी.एम.ओ. से आए एक पत्र के आधार पर स्वयं संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की है। मामले में चंडीगढ़ प्रशासन को 6 अगस्त के लिए नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया गया है। एडवोकेट गर्ग ने यह मामला प्राइम मिनिस्टर के समक्ष पत्र भेजकर उठाया था। 

कानून की पालना हो, बच्चें का पुर्नवास हो, चाइल्ड लेबर रुके :
एडवोकेट गर्ग ने मांग की है कि प्रतिवादी पक्ष को निर्देश दिए जाएं कि सुनिश्चित किया जाए कि हरियाणा प्रीवेंशन ऑफ बैगरी एक्ट, 1971 को सही ढंग से लागू किया जाए, ताकि चाइल्ड बैगिंग के अमानवीय कृत्य को पूरी तरह खत्म किया जा सके। 

चाइल्ड लेबर (प्रोहिबिशन एंड रैगुलेशन) एक्ट, 1986 को भी सही ढंग से लागू किया जाए, ताकि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम न करवाया जा सके। वहीं काम करने वाले 14 वर्ष से कम उम्र के जिन बच्चों की पहचान हो गई है, वे पीड़ित न बनें बल्कि उन्हें राइट ऑफ चिल्ड्रन टू फ्री एंड कंपलसरी एजुकेशन एक्ट, 2009 में फ्री एजुकेशन दी जाए। प्रतिबंधित रोजगार व चाइल्ड बैगिंग से जुड़े बच्चों के पुर्नवास के लिए कदम उठाए जाएं। 

डी.जी.पी. को भी दी थी शिकायत, कार्रवाई नहीं :
याची के मुतबिक सिटी ब्यूटीफुल की सड़कों पर कल का भविष्य चाइल्ड बैगिंग और चाइल्ड लेबर से जुड़ा हुआ है। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन बच्चों को स्कूल में होना चाहिए था वह भीख मांग रहे हैं, गुब्बारे, तंबाकू आदि बेच रहे हैं। चाइल्ड बैगिंग और चाइल्ड लेबर की शहर की कई अहम जगहों की जानकारी भी दी गई है। 

डी.जी.पी. को भी शिकायत भी दी गई थी। कि द जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटैक्शन ऑफ चिल्डे्रन) एक्ट, 2015 भी चाइल्ड बैगिंग के खिलाफ है। चाइल्ड बैगिंग के पीछे बड़े रैकेट के होने की बात कही गई है। एंटी बेगिंग लॉ की पालना सख्ती से नहीं हो रही है। चिल्ड्रन वैल्फेयर स्कीम्स में पर्याप्त फंड होने के बावजूद प्रशासन बच्चों को फ्री एंड कंपलसरी एजुकेशन प्रदान करवाने में नाकाम साबित हुआ है। 
 


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