दिव्यांग विद्यार्थियों की पढ़ाई व खेल गतिविधियों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, प्रशासन कल पेश करेगा विस्तृत रिपोर्ट

punjabkesari.in Sunday, May 20, 2018 - 10:06 AM (IST)

चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : दिव्यांग विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा से जुड़े मामले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही दिव्यांग विद्यार्थियों की कुल संख्या और सरकारी व निजी स्कूलों में विशेष टीचर्स की संख्या का विवरण भी मांगा है। यह अगली सुनवाई में देना होगा। 

हाईकोर्ट ने चंडीगढ़, पंजाब व हरियाणा से दिव्यांगों को पढ़ाने के लिए टीचर्स को दी जाने वाली विशेष ट्रेनिंग की व्यवस्था का भी ब्यौरा मांगा है। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि स्कूलों में पढऩे वाले दिव्यांगों के लिए नियमित अध्यापकों के लिए कितने पद स्वीकृत हैं? कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिए गए हैं कि वर्ष 2018-19 सत्र में कितने दिव्यांग विद्यार्थी किस प्रकार की दिव्यांगता के साथ सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। 

वहीं, एजुकेशन डिपार्टमैंट चंडीगढ़ के स्कूलों, निजी स्कूलों व संस्थानों से भी दिव्यांग विद्यार्थियों के संबंध में जानकारी एकत्रित करे और केस की अगली सुनवाई पर कोर्ट को बताए। दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए स्कूलों/संस्थानों में खेल गतिविधियों की जानकारी भी प्रदान की जाए। वहीं, खेल गतिविधियों के वार्षिक कैलेंडर की प्रति भी कोर्ट को दी जाए। 

किताबें अपडेट करने के मामले पर एन.सी.ई.आर.टी. का जवाब पेश :
मामले में एन.सी.ई.आर.टी. के डिपार्टमैंट ऑफ क्यूरिकुलम स्टडीज के असिस्टैंट प्रोफैसर डा. एम.वी.एस.वी. प्रसाद पेश हुए। उन्होंने बताया कि एन.सी.ई.आर.टी. ने विभिन्न कक्षाओं के लिए किताबों के 364 शीर्षक छपवाए हैं। सभी किताबों को वार्षिक आधार पर अपडेट करने की जरूरत है। 

2018-19 सत्र के लिए किताबें अपडेट करने की दिशा में काम किया जा रहा है। वहीं, कक्षा 1 से 12 के लिए किताबें विद्यार्थियों-अध्यापकों के लिए ई-बुक के रूप में भी उपलब्ध है। 14 अप्रैल, 2018 को देश भर में 68 समाचार पत्रों में एन.सी.ई.आर.टी. की किताबों की उपलब्धता की जानकारी दी थी। 

प्रशासन खुद संचालित करने वाले संस्थानों में दिव्यांगों को मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करे : हाईकोर्ट
सुनवाई के दौरान सामने आया कि सैक्टर-21 की एक कोठी को चंडीगढ़ प्रशासन दिव्यांग विद्यार्थियों के रहने के लिए इस्तेमाल कर रहा है। प्रशासन की असंवेदनशीलता इससे प्रतीत होती है कि वहां बिल नहीं भरे गए, बिजली-पानी की सप्लाई कट गई। लोगों को पैसे जोड़ बिजली-पानी चालू करवाना पड़ा। 

हाईकोर्ट ने कहा कि भविष्य में बिजली-पानी को लेकर ऐसी दिक्कत को गंभीरता से देखें व संबंधित इंचार्ज पर कार्रवाई कर सकते हैं। साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएं। यह निर्देश इस घर तक ही नहीं, बल्कि जहां भी चंडीगढ़ प्रशासन के नियंत्रण में दिव्यांग रह रहे हैं, वहां ये सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। मामले की अगली सुनवाई 21 मई को होगी।


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