अब टू व्हीलर पर महिलाओं को हैल्मेट पहनना जरूरी

Wednesday, Apr 25, 2018 - 08:33 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : टू व्हीलर पर महिलाओं की सुरक्षा पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जब खुद संज्ञान लिया तो चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारी भी हरकत में आ गए। मंगलवार को यू.टी. प्रशासन द्वारा चंडीगढ़ मोटर व्हीकल रूल्स, 1990 में बदलाव के लिए ड्राफ्ट नोटीफिकेशन जारी कर दिया गया। अपने इस नोटीफिकेशन में प्रशासन की ओर से कहा गया है कि महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। खासकर वे सिख महिलाएं जो पगड़ी नहीं पहनती हैं उन्हें भी इस दायरे में लाया जाएगा। 

सड़क में महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए प्रशासन ने एक्ट बदलाव करने की बात कही है। प्रशासन ने एक्ट में संशोधन करते हुए सभी महिलाओं की बजाय केवल पगड़ी पहनने वाली सिख महिलाओं को ही टू व्हीलर पर सवार होते हुए हैल्मेट पहनने की छूट दी है। 

यानि अब चाहे कोई महिला टू व्हीलर चला रही हो या फिर स्कूटर और मोटरसाइकिल के पीछे बैठी हो सभी को हैल्मेट पहनना अनिवार्य किए जाने का प्रोपोजल प्रशासन की ओर से तैयार कर लिया गया है। प्रशासन ने रैजीडैंट्स से इस पर सुझाव और ऑब्जैक्शन मांगे गए हैं।  ऑब्जैक्शन है तो वह 30 दिन के भीतर प्रशासन के पास उन्हें सबमिट करवा सकता है। 

हाईकोर्ट में चल रहे केस की सुनवाई के दौरान यू.टी. के सीनियर स्टैंडिंग काऊंसिल सुवीर सहगल ने वर्ष 2015, 2016 व 2017 में सड़क हादसों में टू व्हीलर पर महिलाओं से जुड़े हादसों की जानकारी दी थी। वर्ष 2015 में टू व्हीलर पर महिलाओं से जुड़े 34 केस आए जिनमें 13 मौत हुई व 25 घायल हुईं। वर्ष 2016 में 30 केस आए, 4 जाने गई व 32 घायल हुई। वर्ष 2017 में 29 केस आए, 7 जानें गईं व 28 घायल हुए।

पुलिस का भी मानना है कि टू व्हीलर चलाते हुए महिलाओं के साथ हादसे बढऩे की गुंजाइश ज्यादा हो जाती है। अच्छी क्वालिटी के हैल्मेट न पहने होने से सिर पर चोट लगने के चांस अधिक होते हैं। इससे इतनी अधिक मौतें हो रही हैं। 

चलाया जा चुका है जागरूकता अभियान :
महिलाओं को हैल्मेट पहनने को लेकर प्रेरित करने के लिए चंडीगढ़ पुलिस द्वारा शहर में कई बार विशेष जागरुकता अभियान भी चलाया जा चुका है लेकिन बावजूद इसके अभी भी शहर की सड़कों में फीमेल टू व्हीलर ड्राइवर द्वारा कम ही हैल्मेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। जो महिलाएं हैल्मेट पहन भी रही हैं, उनमें ऐसे ड्राइवर्स की संख्या अधिक है जिनके हैल्मेट सब-स्टैंडर्ड क्वालिटी के होते हैं। 

पांच साल में 116 लोगों की मौत
वर्ष           मौतें
-2017      18
-2016       22
-2015       32
-2014       26
-2013       18

Punjab Kesari

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