नयागांव के विकास कार्यों में करोड़ों का घपला!

Monday, Sep 25, 2017 - 08:35 AM (IST)

चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : नयागांव में म्यूनिसिपल काऊंसिल द्वारा वार्डों के विकास कार्यों के लिए जारी किए जाने वाले टैंडरों में करोड़ों रुपए का घपला होने के आरोप लगाते हुए एस.आई.टी. गठित कर गहरी जांच की मांग को लेकर आदर्श नगर, नयागांव निवासी पार्षद बलजीत सिंह सिद्धू ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। इसमें स्थानीय काऊंसलर निशान सिंह को भी पार्टी बनाते हुए उन पर याची ने निहित स्वार्थों के लिए याची को धमकाने व अपशब्द कहने के आरोप जड़े हैं। याची ने अपनी व अपने परिवार की जान को खतरा भी बताया है। 

 

हाईकोर्ट के जस्टिस एच.एस. मदान ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादी पक्ष को 23 अक्तूबर के लिए नोटिस जारी किया है। वहीं इस समयावधि में एस.एस.पी. मोहाली को याची के मांगपत्र पर गौर करने तथा केस के तथ्यों व परिस्थितियों को देखते हुए याची की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के आदेश दिए हैं। 

 

याचिका में पंजाब सरकार, ए.डी.जी.पी.-कम-चीफ डायरैक्टर, विजीलैंस ब्यूरो, एस.एस.पी. मोहाली, एस.एच.ओ. नयागांव, म्यूनिसिपल काऊंसिल के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर व म्यूनिसिपल काऊंसलर निशान सिंह को पार्टी बनाया गया है। मांग की गई है कि पंजाब सरकार व ए.डी.जी.पी. को आदेश दिए जाएं कि याची द्वारा 17 नवंबर, 2016 को दी गई अर्जी पर निर्धारित समय में जांच की जाए। 

 

कहा गया है कि मामला 5 करोड़ रुपए के गबन से जुड़ा है, इसलिए एस.आई.टी. गठित की जाए। इसके अलावा पंजाब सरकार, ए.डी.जी.पी., एस.एस.पी. तथा एस.एच.ओ. को जांच लंबित रहने तक  याची व उसके परिवार को सुरक्षा दी जाए, ताकि उसे कोई नुक्सान न पहुंच पाए। वहीं एस.एस.पी. तथा एस.एच.ओ. को आदेश दिए जाएं कि याची को धमकाने को लेकर कांऊसलर निशान सिंह के खिलाफ उचित कार्रवाई भी की जाए। सीनियर एडवोकेट डा. अनमोल रत्न सिद्धू याची की तरफ से केस की पैरवी कर रहे हैं। 

 

कहा गया है कि म्यूनिसिपल काऊंसिल नयागांव में कुल 21 काऊंसलर हैं। फरवरी, 2015 में अंतिम बार चुनाव हुआ था, जिसमें याची भी चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। याची को पता चला कि म्यूनिसिपल काऊंसिल के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के ऑफिस में कर्मियों व कांट्रैक्टर की मिलीभगत से फंड का घपला और गबन हो रहा है। दावा किया गया है कि संबंधित ऑफिस के उच्च अफसरों व डिपार्टमैंट ऑफ लोकल बॉडीज की कांट्रैक्टर के साथ मिलीभगत है। फर्जी बिल तैयार कर, घटिया मैटीरियल इस्तेमाल कर, एक ही काम के 3 बार तक टैंडर पास कर यह घपला किया गया, जबकि काम नहीं हुआ। 

 

आर.टी.आई. से हुआ घपले का पर्दाफाश :
याची ने आर.टी.आई. के जरिए प्राप्त जानकारी को आधार बनाकर कहा है कि वार्ड नंबर-1, 2, 14 व 15 में विकास कार्यों के लिए 85 लाख रुपए का आंकलन हुआ और खर्च हुआ, जबकि वास्तविकता में वहां कोई काम नहीं हुआ। वार्ड नंबर-1 जनता कालोनी, नयागांव के लिए 40.89 लाख रुपए पास हुए व खर्च हुए, जबकि जिस जगह काम हुआ दिखाया गया है, वहां से कोई आदमी गुजर तक नहीं सकता। वार्ड नंबर-2 में 39.90 लाख, 6.62 लाख व 5.70 लाख का तीन बार टैंडर हुआ मगर जिस जगह काम दिखाया गया, वहां नहीं हुआ और जो काम हुआ भी, वह स्थानीय लोगों के पैसे से हुआ। 

 

तीनों टैंडरों में लोकेशन एक ही थी :
पहला टैंडर पैरामाऊंट स्कूल के पास सड़क का दिखाया गया, दूसरा गौरी शिव मंदिर से सुरेश कुमार के घर तक का और तीसरा कमल सिंह के घर से दलजीत सिंह के घर तक का दिखाया गया। तीनों टैंडरों में लोकेशन एक ही थी, जिससे पता चलता है कि कैसे फंड का घपला किया गया। 

 

वार्ड नंबर-2 में विकास कार्यों के लिए 9.98 लाख रुपए का आंकलन किया गया और वह भी फर्जी था, जबकि कोई साइट प्लान नहीं था, जिससे जाहिर है कि फंड का घपला हुआ। इसी प्रकार इसी वार्ड में 10 लाख रुपए का टैंडर निकाला गया और पुराने पेवर ब्लॉक इस्तेमाल किए गए। इसके अलावा 4.89 लाख रुपए का टैंडर और निकाला गया, जबकि सड़क केवल 8 बार्इ 60 फीट की थी, जिसमें घपले की संभावना है। इसी वार्ड में 4.88 लाख रुपए का टैंडर भी पास हुआ, जबकि सड़क के आसपास के लोगों ने ही ड्रेनेज पाइप लगवाई। 

 

विभाग ने केवल पेवर ब्लॉक लगाए व इतने लाख का काम दिखाया। इन उदाहरणों को आधार बनाकर कहा गया है कि कर्मियों की ठेकेदार से मिलीभगत कर व्यापक स्तर पर घपला हो रहा है। कहा गया है कि नयागांव में कुल 21 वार्ड हैं। ऐसे में व्यापक स्तर पर होने वाले इस घपले को सामने लाने के लिए गहरी जांच की आवश्यकता है। याची ने अपने इन दावों के साथ याचिका में फोटोज भी अटैच की हैं। 

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