सफाई कर्मी नहीं करेंगे सीवरेज साफ : हाईकोर्ट

punjabkesari.in Saturday, Oct 05, 2019 - 08:42 AM (IST)

चंडीगढ़(रमेश) : चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में सीवरेज की सफाई का काम सफाई कर्मचारी नहीं करेंगे और न ही कोई सिर पर मैला ढोएगा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सफाई कर्मियों से सीवरेज की सफाई करवाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी कर सभी प्रतिवादियों को 12 दिशा-निर्देश जारी कर जल्द लागू करने के आदेश दिए हैं। 

कोर्ट ने कहा कि समय-समय पर समीक्षा भी करेगा। दोनों राज्यों और केंद्र शासित चंडीगढ़ में ‘दि प्रोहिबिशन ऑफ एम्प्लॉयमैंट एंड मैनुअल स्कैवेंजर्स एंड देयर री-हैबिलिटेशन एक्ट, 2013 को पूरी तरह लागू किए जाने के आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने 12 जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए। 

सफाई कर्मचारियों से सीवरेज में घुस कर जान जोखिम में डाल सीवरेज की सफाई करवाना एक्ट की उल्लंघना माना जाएगा। उक्त कार्य करवाने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कोई मामला सामने आता है तो आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाए।

तीन माह में पूरी तरह बंद हो प्रक्रिया :
हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ प्रशासन को सुनिश्चित करने को कहा कि सीवरेज या मैनहोल की सफाई के लिए कर्मचारी को सीवर लाइन, सेप्टिक टैंक या मैनहोल में उतारने की प्रक्रिया को तीन माह में पूरी तरह से बंद कर दिया जाए। 

मैनहोल या सीवर लाइनों की सफाई दौरान जान गंवाने वाले 60 वर्ष से कम के कर्मचारियों के परिवारों के लिए बड़ी राहत के आदेश जारी कर हाईकोर्ट ने 35 हजार रुपए मासिक पैंशन दिए जाने के आदेश दिए हैं। साथ ही ऐसे परिवारों के एक सदस्य को स्थानीय निकायों में चतुर्थ श्रेणी का पद दिए जाने के भी आदेश दिए हैं। 

मैला ढोने की प्रथा पर भी सख्त रवैया अपनाते हुए हाईकोर्ट ने तीन माह में सभी ऐसे शौचालयों को तोडऩे के आदेश दिए जिनसे मैला ढोने की जरूरत पड़ती है। हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों राज्यों और यू.टी. में प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर किसी व्यक्ति को मैला ढोने के काम पर न लगाया जा सके। मैला ढोने के अब तक समझौतों को समाप्त करते हुए हाईकोर्ट ने सभी कांट्रैक्टों या समझौतों को खारिज कर दिया है।

सभी लोगों को 3 माह में पुनवार्सित करें :
सभी लोगों को 3 माह में पुनवार्सित किए जाने के आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि मैला ढोने वालों को रहने के लिए आवास या भू-खंड देकर उस पर आवास बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाए। ऐसे परिवारों के पुर्नवास के लिए एक सदस्य को हुनर का प्रशिक्षण और वैकल्पिक रोजगार के लिए वित्तीय सहायता के भी आदेश दिए हैं। 

पंजाब और चंडीगढ़ द्वारा ‘दि प्रोहिबिशन ऑफ एम्प्लॉयमैंट एज मैनुअल स्कैवेंजर्स एंड देयर री-हैबिलिटेशन एक्ट, 2013  की अधिसूचना जारी किए जाने के चलते हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को भी तीन माह में एक्ट की अधिसूचना जारी करने को कहा है। 

गौरतलब है कि पंजाब में मैला ढोने के संबंध में दायर जवाब में स्थानीय निकायत विभाग द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 86 मैला ढोने वाले पाए गए थे। हाईकोर्ट ने साथ ही कचरा प्रबंधन के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए हैं। 

कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया करवाएं :
सड़कों की सफाई और कचरे की ढुलाई करने वाले कर्मचारियों के लिए रक्षा उपकरणों की उपलब्धता और सभी शहरों व गांवों में डोर-टू-डोर कचरे का संग्रहण करवाने को कहा है। सफाई कर्मचारियों के कठिन काम के कारण हाईकोर्ट ने स्थानीय निकायों में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन दिए जाने पर विचार करने के भी आदेश दिए हैं। 

हाईकोर्ट ने शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई को सुनिश्चित बनाने के लिए नगर निकायों के निगमायुक्तों, अतिरिक्त आयुक्तों, उपायुक्तों, कार्यकारी अधिकारियों और निर्वाचित सदस्यों का निजी तौर पर जिम्मेदार घोषित किया है। सफाई कर्मचारियों और मैला ढोने की प्रथा पर मीडिया में प्रकाशित समाचारों पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से सीवरेज की सफाई के काम पर जवाब मांगा था। 

अब पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के स्थानीय निकाय विभागों के सचिवों और प्रदूषण बोर्डों के मैंबर सेक्रैटरी और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के सी.ई.ओ. को प्रतिवादियों में शामिल करते हुए सुनवाई को 17 फरवरी तक स्थगित कर दिया।


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Priyanka rana

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