दिसम्बर में फिर नीलाम होगा चंडीगढ़ का हैरीटेज फर्नीचर

Saturday, Nov 24, 2018 - 10:45 AM (IST)

चंडीगढ़ (विजय) : जिस फर्नीचर की चंडीगढ़ प्रशासन ने कभी कदर नहीं की, आज उसकी  विदेशों में लाखों रुपए में बोली लगाई जा रही है। ऑक्शन में जो फर्नीचर रखा गया है, वह किसी समय में पंजाब यूनिवर्सिटी, प्रशासकीय बिल्डिंग और हाईकोर्ट का था। गौरतलब है कि चंडीगढ़ प्रशासन से लेकर मिनिस्ट्री तक शिकायत पहुंचने के बावजूद शहर के हैरीटेज फर्नीचर की विदेशों में नीलामी जारी है। फ्रेंच आर्किटैक्ट पियरे जैनरे द्वारा डिजाइन किए गए पांच फर्नीचर आइटम्स को 11 दिसम्बर को शिकागो मेंं नीलाम किया जाएगा। 

ऑक्शन तो होती रहती है, लेकिन इस ऑक्शन की शहर के लोगों द्वारा इसलिए आलोचना की जा रही है कि नीलामी में जो फर्नीचर रखे गए हैं, वे किसी समय चंडीगढ़ के विभिन्न सरकारी विभागों की शोभा बढ़ाते थे। बार-बार हो रही इन ऑक्शन से यह बात पूरी तरह से साबित हो गई कि पियरे जैनरे के चंडीगढ़ में दिए गए योगदान की चंडीगढ़ प्रशासन को कोई फिक्र नहीं है। गैर-कानूनी तरीके से चंडीगढ़ से विदेशों में भेजे जा रहे फर्नीचर की शिकायत इससे पहले विदेश मंत्रालय तक की जा चुकी है। इस शिकायत में चंडीगढ़ से फर्नीचर को अवैध तरीके से विदेशों तक भेजने की अधिक संभावना जताई गई है। 

इनकी होगी नीलामी

फर्नीचर                                                             अनुमानित राशि (डॉलर्स में)
एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग की फोल्डिंग स्क्रीन            7000 से 9000
आठ डाइनिंग चेयर्स                                           20000 से 30000
पी.यू. के कैफेटेरिया की डाइनिंग टेबल                   5000 से 7000
हाईकोर्ट का पब्लिक बैंच                                   10000 से 15000
एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग के फाइल रैक                20000 से 30000
लाऊंज चेयर्स का सैट                                      10000 से 15000
एम.एल.ए. फ्लैट्स बिल्डिंग का बैंच                  7000 से 9000
कॉलेज ऑफ आर्किटैक्चर की कुर्सियां                 3000 से 5000

पुलिस से मांगी थी डिटेल
शहर से विदेशों में फर्नीचर कैसे पहुंच रहा है, इसकी जांच भी प्रशासन कर रहा है। इसके लिए चंडीगढ़ पुलिस से जानकारी मांगी गई थी, जिसमें पूछा गया था कि पिछले दो वर्षों के दौरान हैरिटेज फर्नीचर की कितनी एफ.आई.आर. दर्ज की गई और सी.बी.आई. के कहने पर कितनी डी.डी.आर. फाइल की गई। इसके साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि 2011 से 2016 के बीच क्या कभी किसी सरकारी विभाग ने किसी फर्नीचर को बेचा है? 

bhavita joshi

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