यहां घर- घर में होता हैं नशे का कारोबार

punjabkesari.in Monday, Apr 17, 2017 - 12:04 PM (IST)

दौलेवाला (छाबड़ा): आज सुबह 3 डी.एस.पीज ने पुलिस फोर्स सहित अचनचेत दौलेवाला मायर में छापेमारी की। इस दौरान समूचे गांव में तलाशी अभियान चलाया गया तथा कइयों को मौके पर हिरासत में लिया गया। यह सारी कार्रवाई यहां से नशा तस्करी संबंधी मिली शिकायतों के आधार पर की गई। चैकिंग दौरान पोस्त, अफीम, स्मैक, चिट्टे आदि का कोई केस पकड़ में नहीं आया। इस संबंधी दिन चढ़ते ही गांव को पुलिस छावनी में तबदील कर दिया गया तथा सोए हुए लोगों को उठा कर घरों की तलाशी ली गई। इसके साथ घरों में खड़े वाहनों के कागज-पत्र भी चैक किए गए। 

 

चैकिंग दौरान डी.एस.पी. (डी.) मनदीप सिंह, डी.एस.पी. (सिटी) अजय राज सिंह, डी.एस.पी. कंट्रोल रूम सुखदेव सिंह, एस.एच.ओ. फतेहगढ़ पंजतूर गुरविन्द्र सिंह भुल्लर तथा 300 के करीब पुलिस मुलाजिम मौजूद थे। इस अवसर पर डी.एस.पी. (डी.) मनदीप सिंह ने बताया कि इस गांव की काफी शिकायतें मिली थीं कि इस गांव में बड़े स्तर पर नशों की तस्करी की जाती है। इस दौरान घरों में खड़े मोटरसाइकिल तथा गाडिय़ों के कागज भी चैक किए गए तथा 40 के करीब मोटरसाइकिल वैरीफिकेशन के लिए कब्जे में लिए गए। इस आप्रेशन दौरान 30 किलो लाहन तथा 40 बोतल शराब बरामद की गई। इस संबंध में 2 महिलाओं सहित दर्जन के करीब व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया।

 

30 मई, 2014 को दौलेवाला में बदनामी का बोर्ड उखाड़ा
नशों के लिए पंजाब भर में प्रसिद्ध हो चुके गांव दौलेवाला में एक दिन बाद बदनामी का 30 मई, 2014 को लगाया वह बोर्ड उखाड़ दिया गया, जिसमें इस गांव को नशों के कारण बदनाम लिखा गया था। बोर्ड लगने के बाद देश-विदेश में रहते इस गांव के पुराने निवासियों में रोष की लहर फैल गई थी तथा गांव के हर व्यक्ति को अपने बेटों-बेटियों की शादियों की ङ्क्षचता सताने लगी थी। पुलिस द्वारा बोर्ड लगाने के बाद मीडिया ने इस संबंधी प्रमुखता से खबर प्रकाशित की तथा सुबह होते ही इस बोर्ड को यहां से उखाड़ दिया गया। 


 

नशा तस्करी के मामले में पंजाब का नंबर-1 गांव बन रहा दौलेवाला
नशा तस्करी के मामले में गांव दौलेवाला पंजाब का नंबर-1 गांव बनता जा रहा है। पहले यहां से देसी शराब, चूरा-पोस्त तथा चिट्टा पकड़ा गया है। 
गौरतलब है कि गांव दौलेवाला पंजाब का इकलौता गांव है जिसके औसतन लगभग प्रत्येक घर के खिलाफ पुलिस केस दर्ज हैं। इस गांव में करीब 400 घर हैं, जबकि पुलिस केसों की संख्या इसके करीब ही है। पुराने केसों को जोड़ें तो यह संख्या हजारों में बनती है। जिला मोगा के इस गांव के करीब 75 प्रतिशत लोग नशों का कारोबार करते हैं। यह गांव जिला फिरोजपुर व मोगा की सीमा पर पड़ता है। इस गांव के अधिकतर लोग राय सिख बिरादरी के हैं, जो तस्करी करते हैं। गांव की काफी महिलाओं के खिलाफ भी पुलिस केस दर्ज हैं। 

 

2014 में बदनामी के बोर्ड ने मचाई अफरा-तफरी
नशा तस्करी को लेकर पूरे पंजाब में चर्चा का विषय बनने वाला गांव दौलेवाला 29 मई, 2014 को बदनाम हुआ। नशा तस्करों के साथ-साथ यहां के प्रत्येक व्यक्ति को शक की नजर से देखा जाने लगा। यहां तक कि पूरे गांव को खुफिया कैमरों में कैद कर लिया गया। यह पंजाब का ऐसा पहला गांव बना, जहां खुफिया कैमरों से नशों संबंधी जानकारी एकत्र की जाने लगी। कोई भी अनजान व्यक्ति आता है तो खुफिया कैमरे अपनी आंख उस पर टिका लेते हैं। गांव के बाहर बाकायदा इस बाबत एक बोर्ड लगा दिया गया, जिसके मद्देनजर गांववासियों ने कहा कि तस्करी के कारण गांव के माथे पर बदनामी का दाग लग गया है।


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