दुनिया के लगभग 30 करोड़ लोग हेपेटाइटिस वायरल की चपेट में

punjabkesari.in Friday, Jul 30, 2021 - 07:34 PM (IST)

हेपेटाइटिस लीवर में सूजन की बीमारी है जो वायरस के संक्रमण या हानिकारक पदार्थों के सेवन से होती है जैसे कि शराब, नशीले पदार्थ, विषैले पदार्थ आदि। पूरी दुनिया के लगभग 30 करोड़ लोग हेपेटाइटिस वायरल की चपेट में हैं और उन्हें इसका पता भी नहीं है। हेपेटाइटिस के वायरस पांच प्रकार के होते हैं: ए, बी, सी, डी, ई; और इस बीमारी के बढ़ते बोझ, इससे होने वाली मृत्यु और फिर इसकी विस्फोटक स्थिति और महामारी स्वरूप फैलने के खतरे के मद्देनजर ये पांच प्रकार के वायरस सबसे अधिक चिंताजनक हैं। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी से धीरे-धीरे लीवर को भी नुकसान पहुंच सकता है जिससे सिरोसिस (लीवर का जख़्मी होना) और कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। हेपेटाइटिस बी पूरी दुनिया में लीवर कैंसर का सबसे आम कारण है, जो मनुष्य में कैंसर के कारणों में सिगरेट के बाद दूसरे स्थान पर है। डॉ. गगनदीप गोयल, कंसल्टैंट गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट; आर गगन गैस्ट्रो केयर, बठिंडा ने यह जानकारी देते हुए कहा कि हालांकि, हेपेटाइटिस की रोकथाम और दवाओं से उपचार और टीकाकरण से बचाव मुमकिन है पर इसका जितनी जल्दी पता चले इलाज करना और मरीज का स्वस्थ होना उतना आसान होगा।

 

लेकिन कोविड-19 ने हेपेटाइटिस के मरीज़ों की मुसीबतें बढ़ा दी है और उनके लिए यह दौर अधिक कठिन हो गया है। कोविड-19 पर लगाम कसने के मकसद से आम जनता के आने-जाने पर प्रतिबंध लगने पर नियमित जांच और उपचार कराना मुश्किल हो गया है। मरीज न केवल टेलीमेडिसिन के सहारे रह गए बल्कि एंटीवायरल रिफिल और मेल-ऑर्डर मिलना भी कठिन हो गया है। वहीं, बहुत से लोग कोविड-19 के प्रभाव संबंधी स्वास्थ्य की विशेष जानकारी नहीं समझ पा रहे हैं। वैक्सीन की सुरक्षा और असर के बारे में हेपेटाइटिस बी और लीवर के बहुत-से मरीज़ अपने सवालों के जवाब ढूंढ़ रहे हैं।

ऐसे मरीज़ों को कोविड-19 और हेपेटाइटिस के बारे में आवश्यक जानकारी देना महत्वपूर्ण है ताकि वे घबराएं नहीं। इसलिए महामारी के इस दौर में यदि हेपेटाइटिस के मरीज़ कोविड-19 से संक्रमित हो जाते हैं, तो वे सुरक्षा के कुछ प्रमुख उपाय कर सकते हैं जैसे:

 खुद को अन्य सभी से अलग कर लें।

 चिकित्सक से वर्चुअल सलाह लेने का प्रयास करें।  टेलीफोन या वीडियो कॉल से सलाह ले सकते हैं और समय से ज़रूरी दवाइयां अवश्य लें।

 अस्पताल जाने से बचें।

हेपेटाइटिस बी के जानकार स्वास्थ्य विशेषज्ञ से बात करें जो आपकी सेहत की नियमित निगरानी रखेंगे और यह भी पता चलेगा कि लीवर के जख़्म को फैलने से रोकने के लिए उचित उपचार हो रहा है। इलाज करने वाले चिकित्सक से सलाह लेकर ही दवा बदलें या बंद करें। इस बीच यह भी ध्यान रखें कि वर्तमान कानून के तहत एक माह की दवाइयां ले सकते हैं इसलिए सावधानी से योजना बना कर दवाइयां खरीदें और दवाइयां छूटे नहीं इसका ध्यान रखें।

हर छह महीने में लीवर की जांच कराएं।

सांसों की स्वच्छता का ध्यान रखें।

स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं।

अपने चिकित्सक से सलाह लेकर टीका लगवा लें। हेपेटाइटिस के मरीज़ को कोविड-19 होने से मुसीबत बढ़ सकती है लेकिन मरीज़ यदि सभी आवश्यक सावधानी बरते और स्वस्थ जीवन शैली अपनाए तो कोविड से बच सकता है।


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News Editor

AJIT DHANKHAR

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