प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में मिलेगी मदद, 25 हजार तक का टैस्ट अब हो सकेगा 1000 रुपए मे

Tuesday, Apr 16, 2019 - 11:56 AM (IST)

चंडीगढ़(पाल):  पी.जी.आई. न्यू क्लीयिर मैडीसन विभाग की स्टूडैंट पारुल बंसल को दिल्ली में हुई एनुअल स्पैशियलटी कांफ्रेंस में अपनी रिसर्च वर्क के लिए बैस्ट पेपर अवॉर्ड से सम्मानित किया है। उन्होंने प्रोस्टेट कैंसर के लिए एक डायग्रोस्टिक यूटीलिटी टूल 99एम.टी.सी.-पी.सी.एम.एस. के डेवलेप किया है। अभी तक प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए पैट स्कैन का यूय किया जाता है।  जिसकी गवर्नमैंट अस्पताल में 10 से 25 हजार तक कीमत है। जो कि इस नए टूल से इसकी कीमत सिर्फ एक से ढ़ाई हजार तक रह जाएगी।

 पी.जी.आई, के न्यू क्लीयिर मैडीसन विभाग में 177-एल.यू.-पी.सी.एम.ए. से प्रोस्टेट कैंसर का इलाज किया जाता है। पारुल बंसल ने 10 मरीजों पर इसकी रिसर्च की है जिसके रिजल्ट काफी पॉजिटिव आए है। प्रोस्टेट कैंसर बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों में होने वाली सबसे बड़ी बीमारी है लेकिन बीमारी कहां कहां फैली है इसका पता लगाने के लिए अभी तक पैट स्कैन ही एक लौता इलाज था। डा. बंसल के इस टूल की बदौलत इसका इलाज आसान हो गया है। जो लोग पैट स्कैन नहीं करवा पाते थे वह नए टूल की मदद ले सकेंगे। डा. बंसल इस प्रोजैक्ट को आगे बड़े लेवल पर लेे जाना चाहती है ताकि इसे ओर बेहतर बनाया जा सके। 

स्क्रीनिंग होगी जल्द तो इलाज होगा आसान 
प्रोस्टेट कैंसर पश्चिमी देशों में सर्वाधिक पहचाने जाने वाले कैसर में से एक है, लेकिन भारत में इसकी पहचान में अक्सर देरी हो जाती है। डाक्टर्स की माने तो भारत में प्रोस्टेट कैंसर के रोगी डाक्टर्स के पास तभी जाते हैं जब इसकी स्टेज काफी बढ़ जाती है। 10 में से 9 मामलों में यदि कैंसर का जल्दी पता लग जाए तो इलाज में सुविधा होने के साथ साथ वक्त भी कम लगता है। लेकिन जल्दी पहचान के लिए बीमारी के बारे में और उसकी स्क्रीनिंग के बारे में लोगों में जागरूकता काफी कम है। माने तो पहले अक्कसर ज्यादा उम्र के पुरुषों में यह कैंसर होता था लेकिन यह 40 वर्ष की आयु में भी यह बीमारी होने लगी है। साथ ही उन्होंने बताया कि यदि 65 वर्ष से अधिक उम्र के किसी पुरुष को बार-बार और खासकर रात में बार-बार पेशाब आए या मूत्र धारा कमजोर या बाधित हो और मूत्र या वीर्य में खून आए, तो इन लक्षणों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। इन लक्षणों को प्रोस्टेट कैंसर के सबसे प्रमुख लक्षणों में से एक हैं।
 

bhavita joshi

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