GMCH-32 में 100 से अधिक नर्सिंग दे चुके हैं रिजाइन, 20 वर्षों से नहीं बनी प्रोमोशन पॉलिसी

Friday, Dec 15, 2017 - 02:01 AM (IST)

चंडीगढ़, (पाल): सैक्टर-32 अस्पताल में 100 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ पिछले 20 वर्षों से प्रोमोशन का इंतजार कर रहा है। आमतौर पर नौकरी के 5 वर्ष पूरे होने के साथ ही नर्सिंग स्टाफ की प्रोमोशन हो जाती है लेकिन जी.एम.सी.एच. में ऐसा नहीं हो रहा। यही कारण है कि 100 से अधिक नर्सिंग स्टाफ अभी तक जॉब से रिजाइन कर चुका है और दर्जनों रिजाइन की तैयारी में हैं, जिन्हें दूसरे अस्पतालों में बेहतर ऑप्शन का इंतजार है।

 जो नर्सिंग स्टाफ इस वक्त काम कर रहा है उन्हें भी बिना प्रोमोशन के रिटायर होने पद सकता है। सैक्टर-32 अस्पताल की नर्सिंग यूनियन की मानें तो इस मुद्दे को लेकर वह पिछले लंबे अर्से से अस्पताल प्रशासन के साथ-साथ यू.टी. एडमिनिस्ट्रेशन से भी बात कर रहे हैं, इसके बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

प्रोमोशन पॉलिसी को लेकर ही इसी वर्ष 2 फरवरी को यूनियन ने गृहसचिव से मुलाकात भी की थी। यूनियन के अध्यक्ष विजय कुमार की मानें तो मीटिंग के बाद 2 महीने का वक्त हमें दिया गया था लेकिन 10 माह बीत चुके हैं अब तक मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

स्टाफ कम, मरीज परेशान

जी.एम.सी.एच. में प्रशासन द्वारा 750 नर्सिंग पोस्ट सैक्शन की गई है लेकिन वर्तमान में अस्पताल में फिलहाल 500 पदों पर ही भर्ती की गई है। सूत्रों के मुताबिक विभाग में कई अर्से से 250 पोस्ट खाली पड़ी है। अस्पताल में मरीजों के मुकाबले स्टाफ काफी कम है। वहीं स्टाफ की मानें तो काम ज्यादा होने व स्टाफ कम होना भी नर्सों के रिजाइन देने के पीछे एक बड़ी वजह बना हुआ है। एम.सी.आई. द्वारा हर अस्पताल में कुछ मरीजों पर कितने स्टाफ की जरूरत है इसके लिए गाइडलाइंस तय की गई है, इसके बावजूद अस्पताल में स्टाफ से जरूरत से ज्यादा काम लिया जा रहा है।

स्टाफ की मानें तो काम ज्यादा होने के कारण स्टाफ पर बोझ बढ़ रहा है। डाक्टर्स के मुकाबले नर्सेज को मरीजों के साथ ज्यादा वक्त गुजारना पड़ता है ऐसे में ओवर बर्डन होने का इफैक्ट मरीजों पर भी न चाहते कई बार पड़ता है। यही नहीं पंजाब से डैपुटेशन पर 25 पोस्ट भी पिछले 10 सालों से खाली पड़ी हुई है।

सांसद किरण खेर से की मुलाकात

यूनियन की मानें तो यू.टी. में दूसरे विभागों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को सैंट्रल पे स्केल दिया जा रहा है जबकि जी.एम.सी.एच.-32 में नर्सिंग स्टाफ को अभी तक इससे दूर रखा हुआ है। विजय कुमार ने बताया कि अस्पताल के मौजूदा स्टाफ और यू.टी. के अंडर ही सैंट्रल पे-स्केल पर काम कर रहे कर्मियों की सैलरी में 25 हजार रुपए तक अंतर है जिसके कारण पिछले काफी वक्त से अस्पताल में नया ज्वाइन करने में इंट्रस्ट नहीं दिखा रहा है। उन्होंने बताया कि वह इन्हीं मांगों को लेकर हाल ही में सांसद किरण खेर से भी मिले है जिन्होंने उनकी मांगों पर गौर करते हुए उन्हें पूरा करने का आश्वासन दिया है। 

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