मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काऊंसिल की 8वीं बैठक में लिया हिस्सा

punjabkesari.in Saturday, May 27, 2023 - 07:30 PM (IST)

चंडीगढ़,(पांडेय): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नई दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 8वीं बैठक हुई। जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया। बैठक में अपने संबोधन में मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा वर्ष 2024 तक देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री के विजन को निरंतर आगे बढ़ा रहा है और विकसित भारत के निर्माण में हरियाणा अग्रणी भूमिका निभाएगा। 

 

 


उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास के मंत्र पर चलते हुए देश का विकास सुनिश्चित कर रहे हैं, उसी प्रकार राज्य सरकार भी हरियाणा एक-हरियाणवी एक के पथ पर चलते हुए प्रदेश का एक समान विकास सुनिश्चित कर रही है। मनोहर लाल ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के जनसेवा के 9 वर्ष पूरे हुए हैं। इन 9 सालों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत पुन: समृद्धशाली, शक्तिशाली, वैभवशाली सम्पन्न और सशक्त होने की दिशा में नित नए आयाम स्थापित कर रहा है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हरियाणा सरकार पिछले साढ़े 8 सालों से केंद्र की योजनाओं को ज्यों का त्यों राज्य में लागू कर रही है और नई-नई योजनाएं बनाकर हर वर्ग का कल्याण सुनिश्चित कर रही है। 
 

 

 

 

-परिवार पहचान पत्र के माध्यम से लोगों को घर बैठे दिया जा रहा योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ घर द्वार पर ही देने के लिए राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र कार्यक्रम चलाया है। इस एक ही दस्तावेज के माध्यम से सरकार की अनेक योजनाओं और सेवाओं का लाभ घर द्वार पर ही मिलने लगा है और लोगों को कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। इससे जनसाधारण के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। दूसरे राज्य भी परिवार पहचान पत्र का अनुसरण कर रहे हैं। जम्मू - कश्मीर और उत्तराखंड ने इस पर काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पी.पी.पी. के माध्यम से 44 हजार से अधिक बुजुर्गों और 81 हजार दिव्यांगजनों को घर बैठे दी पेंशन गई।
 

 

 

-जल संरक्षण के हरियाणा कर रहा भरसक प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि भारत का विकास और आत्मनिर्भरता जल सुरक्षा और जल कनैक्टिविटी पर निर्भर है। हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री के जल संरक्षण के सपने को साकार करने के लिए कई कदम उठाए हैं। वर्ष 2025 तक 50 प्रतिशत उपचारित जल का उपयोग करने के उद्देश्य से हरियाणा उपचारित अपशिष्ट जल नीति बनाई गई है। जल संरक्षण और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की गई है और धान की सीधी बिजाई को बढ़ावा दिया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में राज्य की कुल पानी की मांग 34,962.76 मिलियन क्यूबिक मीटर आंकी गई है, जबकि सभी संसाधनों से कुल जल की उपलब्धता 20,935,98 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इसी लिए पानी की मांग और उपलब्धता के गैप को कम करने के लिए हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा एक एकीकृत जल योजना तैयार की गई है। 
 

 

 

 

-पानी की बचत करके मांग व आपूर्ति के अंतर को 49 प्रतिशत तक कम करना लक्ष्य
मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने 26 व 27 अप्रैल, 2023 को अमृत जल क्रांति थीम पर दो दिवसीय वाटर कॉन्क्लेव आयोजित की थी। इसका मुख्य उद्देश्य सभी संबंधित विभागों द्वारा अगले दो वर्षों में जल अंतर को कम करने के लिए एक मासिक कार्य योजना पर विचार-विमर्श करना था। योजना के अनुसार अगले दो वर्षों में पानी की बचत करके पानी की मांग व आपूर्ति के अंतर को लगभग 49 प्रतिशत तक कम करना है। मनोहर लाल ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हरियाणा गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करके बाल स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए हर जिले में अलग मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल भी स्थापित किए जा रहे हैं।
 

 

 

 

-महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं में दिया 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हरियाणा की गिनती देश के सर्वाधिक प्रगतिशील राज्यों में होती है। राज्य के इस चहुंमुखी विकास में महिलाओं की बराबर की भूमिका रही है। राज्य सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया है। महिलाओं को अपना उद्यम स्थापित करने के लिए ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इनमें 7 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दी जाती है।
 

 

 

-औद्योगिक विकास को गति देने के लिए वैश्विक मानकों के अनुरूप ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का इकोसिस्टम किया तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास को गति देने के लिए मिनिमम गवर्नमेंट एंड मैक्सिमम गवर्नेंस के सिद्धांतों के अनुरूप राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार किया है, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप है। सरकार ने कारोबार सुधार कार्य योजना-2022 के तहत 352 सुधारों को शत-प्रतिशत लागू किया है। प्रमाण पत्र लाइसेंस और अनुमति देने में अड़चन पैदा करने वाले 482 अनुपालनों को खत्म किया है। इन्वेस्ट हरियाणा पोर्टल के माध्यम से निवेशकों को 247 सेवाएं ऑनलाइन प्रदान की जा रही है तथा औसत सेवा प्रदायगी समय को घटाकर 12 दिन कर दिया गया है।
 

 

 

 

-कुशल मैनपावर तैयार करने के लिए उद्योगों के साथ किए 62 एम.ओ.यू.
मनोहर लाल ने कहा कि उद्योगों की जरूरत के अनुसार कौशल युक्त जनशक्ति तैयार करने के लिए उद्योगों के साथ 62 एम.ओ.यू. किए हैं। राज्य में हरियाणा कौशल विकास मिशन के तहत मॉडल स्किल सेंटर और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है, जो अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देंगे। यह मिशन इनोवेशन हब की स्थापना भी करेगा, जो उद्योगों को गति प्रदान करने का कार्य करेगा। राज्य सरकार ने कौशल विकास के लिए जिला पलवल में देश का पहला श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्थापित किया है। इसमें 42 नियमित कोर्सिस तथा 35 अल्पावधि कोर्सिस चलाए जा रहे हैं।
 

 

 

 

-हरियाणा में 30.41 लाख ग्रामीण परिवारों को दिए घरेलू नल कनेक्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी गांवों के हर घर में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाया है। जल जीवन मिशन के तहत हरियाणा में 30.41 लाख ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। वर्तमान में नाबार्ड के तहत 1283.11 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पेयजल आपूर्ति बढ़ाने की 16 योजनाएं प्रगति पर हैं। बड़े गांवों में सीवरेज सिस्टम बनाने के लिए सरकार ने महाग्राम योजना चलाई हुई है। वर्ष 2026 तक सभी बड़े गांवों में इसे लागू करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वच्छ जल की बचत के उद्देश्य से गंदे पानी को साफ कर उसके पुन: उपयोग की भी नीति बनाई है। इसके तहत साफ किये गये पानी का उपयोग सिंचाई, थर्मल प्लांट्स व अन्य उद्योगों में किया जा रहा है।
 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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