बिजली विभाग के सब-स्टेशन अटैंडैंट हरविंद्र की मौत प्राकृतिक या फिर...

Friday, Nov 24, 2017 - 07:53 AM (IST)

चंडीगढ़(अर्चना) : बिजली विभाग के सब स्टेशन अटैंडैंट हरविंदर सिंह की मौत प्राकृतिक थी। उसका कत्ल नहीं किया गया था। हरविंदर के दिल के बढ़े हुए आकार को उसकी मौत की वजह के तौर पर देखा जा रहा है। सूत्रों की मानें तो हरविंदर की ऑटोप्सी रिपोर्ट के दौरान की गई शुरूआती जांच कहती है कि हरविंदर के दिल का वजन 450 ग्राम से लेकर 500 ग्राम के आसपास था जबकि आमतौर पर एक सामान्य व्यक्ति के दिल का वजन 350 ग्राम से लेकर 400 ग्राम के बीच होता है। दिल का बढ़ा हुआ आकार बताता है कि हरविंदर हाइपरट्रोफी रोग से ग्रस्त था। ऐसे मरीज की आपात स्थिति में ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ जाती है। 

 

हरविंदर जब 17 नवम्बर को सैक्टर-25 की आजाद कालोनी में डिफाल्टर्स के कनैक्शन काटने गए तो उस दौरान उनका स्थानीय लोगों के साथ झगड़ा हुआ होगा और झगड़े के दौरान अगर किसी ने हरविंदर को धक्का मार दिया होगा या उन्हें बचने के लिए भागना पड़ा होगा तो उनके हार्ट को मिलने वाली ऑक्सीजन का स्तर गिर गया होगा। ऑक्सीजन की कमी के चलते शरीर ने उनके हार्ट का साथ नहीं दिया और वह मौके पर बेहोश हो गए और उनकी मौत हो गई। सूत्रों की मानें तो पोस्टमार्टम बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में किसी भी तरह की चोट या घाव के निशान का जिक्र नहीं किया है। 

 

हरविंदर के शरीर पर एक भी ऐसा निशान नहीं मिला है जो बताए कि हरविंदर की लोगों ने पिटाई की थी। अगर हरविंदर को मारने के लिए डंडे या किसी किस्म के हथियार का इस्तेमाल किया गया होता तो उसके शरीर के ऊपर इंजरी मार्क्स होते हैं और उसके क्लॉट मार्क शरीर के अंदर पाए जाते परंतु बोर्ड को ऐसा कोई मार्क नहीं मिला है और न ही किसी तरह के नील शरीर पर देखे गए हैं। 

 

कर्नल बैंस रोड रेज केस से जोड़कर देख रहे हरविंदर की मौत को डाक्टर्स :
सूत्र कहते हैं कि हरविंदर की मौत को डाक्टर्स कर्नल मनवीर बैंस के रोड रेज के केस के साथ जोड़ कर देख रहे हैं। उस मामले में भी कर्नल मनवीर बैंस को सैक्टर-37 के निवासी प्रवीण यादव के कत्ल के अपराध में गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि मामला यह था कि यादव ने कर्नल के घर के सामने अपनी कार पार्क कर दी थी और कर्नल बैंस ने गुस्से में आकर यादव को थप्पड़ जड़ दिया था। 

 

थप्पड़ खाने के बाद यादव की मौत हो गई थी और बैंस को पकड़ लिया गया था जबकि मैडीकल बोर्ड की तब भी यही राय थी कि यादव की मौत प्राकृतिक थी और बाद में पुलिस ने कर्नल बैंस के केस में मिली हिस्टोपैथोलॉजी और कैमीकल रिपोर्ट के आधार पर इरादतन कत्ल की धाराएं बदल दी थी क्योंकि रिपोर्ट में यादव के शरीर पर न तो कोई चोट का निशान मिला था और हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट ने साबित किया था कि यादव की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई थी। हरविंदर के मामले में भी पोस्टमार्टम बोर्ड ने प्राथमिक रिपोर्ट में दिल को मौत का कारण मान लिया है परंतु हिस्टोपैथोलॉजी व कैमीकल रिपोर्ट के बाद रिपोर्ट पर वजह लिख दी जाएगी। 

 

कैमीकल एनालिसिस के बाद लिखा जाएगा मौत का कारण :
सूत्रों की मानें तो 22 नवम्बर को हरविंदर की ऑटोप्सी करने के बाद पोस्टमार्टम बोर्ड ने उसके हार्ट, लिवर और किडनी को हिस्टोपैथोलॉजी जांच के लिए भेज दिया है जबकि पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत, टिश्यू इत्यादि को कैमीकल एनालिसिस के लिए पैथोलॉजी विंग को सौंप दिया है। प्राथमिक जांच में बेशक दिल का बड़ा आकार देखने को मिल गया है परंतु उस हार्ट में कैल्शियम का जमाव था या नहीं और किसी तरह की पॉजयन तो हरविंदर के शरीर के अंदर नहीं गई थी, यह सब आगे की जांच में देखा जाएगा। 

 

सूत्र कहते हैं कि हरविंदर की शुरुआती रिपोर्ट चंडीगढ़ पुलिस को सौंप दी गई है परंतु उसके अंगों की हिस्टोपैथोलॉजी और पैथोलॉजी जांच की रिपोर्ट 30 दिन के अंदर आ जाएगी और उस रिपोर्ट के आधार पर ही पोस्टमार्टम बोर्ड रिपोर्ट में मौत की वजह लिखेगा। हरविंदर की हत्या के मामले में चंडीगढ़ पुलिस सैक्टर-25 से छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है जिसमें चार किन्नर भी शामिल हैं। 

 

हो सकता है किसी चीज से न मारा हो करंट ही लगा दिया हो तो? 
सैक्टर-11 पुलिस स्टेशन के एस.एच.ओ. लखवीर सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कत्ल की धाराएं बदल सकती हैं परंतु अभी डाक्टर्स ने ऑटोप्सी रिपोर्ट में अपनी राय लिखकर नहीं दी है उन्हें हिस्टोपैथोलॉजी और पैथोलॉजी रिपोर्ट का इंतजार है। 

 

रिपोर्ट्स आने के बाद ही मौत की वजह लिखी जाएगी। यह तो सही है कि उसके शरीर पर किसी तरह की चोट का निशान नहीं मिला है परंतु अगर हरविंदर की मौत करंट लगने से हुई हो या फिर किसी ने उसे मारने के लिए करंट वाली तारें लगा दी हो तो यह पैथोलॉजी और कैमीकल रिपोर्ट से ही पता चलेगा इसलिए कत्ल की धाराएं बदलनी है या नहीं यह रिपोर्ट आने के बाद ही बताया जाएगा। उससे पहले कुछ नहीं कहा जा सकता है। 

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