अब ग्रुप हाऊसिंग सोसायटी में कलैक्टर रेट से होगी ट्रांसफर

punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2017 - 10:20 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड ने को-ऑप्रेटिव हाऊस बिल्डिंग सोसायटी की कनवैंस डीड/लीज डीड का प्रोसैस शुरू कर दिया है। हालांकि बोर्ड की ओर से कहा जा रहा है कि इससे हाऊसिंग सोसायटीज में रहने वाले लगभग 1 लाख लोगों को राहत मिलेगी लेकिन रैजीडैंट्स का कहना है कि बोर्ड के इस नए फैसले से लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। 

 

बोर्ड की ओर से कहा गया है कि जो जमीन फ्री होल्ड/लीज होल्ड के आधार पर सोसाइटीज को अलॉट की गई थी उनकी कनवैंस डीड/लीज डीड का मामला काफी समय से प्रशासन के आया हुआ है। अब फाइनांस डिपार्टमैंट की ओर से 2 मार्च को एक क्लैरीफिकेशन जारी की गई है। अब सोसायटीज के फेवर में कनवैंस डीड/लीज डीड का प्रोसैस शुरू कर दिया है लेकिन इसके लिए एक फीस तय कर दी गई है। 

 

बोर्ड की ओर से बताया गया है कि यह पूरा प्रोसैस फेज वाइज होगा। इसे जमीन की अलॉटमैंट के आधार पर तय किया जाएगा। इसके लिए बोर्ड ने अपनी आधिकारिक वैबसाइट में फॉर्मेट भी अपलोड किया हुआ है। इस फॉर्मेट के आधार पर सोसायटी सभी सुविधाएं हासिल कर सकती हैं। हालांकि कई कंडीशन भी बोर्ड द्वारा लगाई गई है। सैक्टर-48 से लेकर 52 के रैजीडैंट्स पिछले 15 सालों से फ्लैट्स के ट्रांसफर की डिमांड कर रहे थे। 

 

यह है कंडीशन : 
सेल/परचेज केवल कनवैंस डीड के हिसाब से होगी। इसमें बताया जाएगा कि प्रॉपर्टी में किसी भी प्रकार की वॉयलेशन नहीं है। कलैक्टर रेट के आधार पर स्टाम्प ड्यूटी की पेमैंट करनी होगी। बोर्ड द्वारा साफ तौर से कह दिया गया है कि जो भी फीस तय की गई है वह सोसाइटी को ही चुकानी होगी। यह बोर्ड के रिसेप्शन काऊंटर पर डिमांड ड्राफ्ट और आर.टी.जी.एस. के जरिए सबमिट होगी। स्टांप ड्यूटी से लेकर जो भी फीस तय की गई है वह इसमें शामिल होगी। 

 

सरहोदा सोसाइटी सैक्टर-50 के अध्यक्ष बेअंत सिंह ने कहा कि इस फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए। इसके साथ ही सोसाइटी से नो-ऑब्जैक्शन सर्टीफिकेट भी लेना होगा। यह कनवैंस डीड फ्लैट की सेल/परचेज के समय देना होगा। 

 

अलॉटमैंट रेट्स की उठाई मांग :
ग्रुप हाऊसिंग को-ऑप्रेटिव सोसायटीज वैल्फेयर काऊंसिल के चेयरमैन सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि कनवैंस डीड पर स्टांप ड्यूटी की गणना कलैक्टर रेट्स की बजाय अलॉटमैंट रेट्स पर की जाए। हाऊस बिल्डिंग सोसायटीज में फ्लैट/शेयर के ट्रांसफर की प्रक्रिया प्रशासन ने जनवरी-2014 से महज इसलिए होल्ड पर रखी हुई थी की सेल-परचेज में पूर्ण पारदर्शिता हो। इसके लिए कनवैंस डीड जरूरी दस्तावेज बनाया गया। फॉर्मेट प्रशासन ने फाइनल किया है। स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन फीस के अलावा दस से तीस हजार की प्रोसैसिंग फीस का प्रावधान करना सोसायटियों पर नाजायज बोझ है। 

 

स्पैशल केस में नहीं देनी होगी श्योरिटी :
बोर्ड के अलॉटियों के लिए राहत दी गई है कि अब चाहे जनरल या फिर स्पेशल केस हो उसमें श्योरिटी  नहीं देनी पड़ेगी। इसको लेकर बोर्ड ने शुक्रवार को निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि लोगों को श्योरिटी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है जिसको लेकर बोर्ड के ध्यान में भी ये चीजें लोगों ने लाई जिसके चलते अब जी.पी.ए. पॉलिसी में मकान ट्रांसफर करने पर अलॉटियों को श्योरिटी देने की जरूरत नहीं रहेगी। 

 

दरअसल जनरल पब्लिक के लिए तो पहले ही श्योरिटी न लिए जाने को लेकर फैसला किया था लेकिन वे अलॉटी जिनके एग्रीमैंट उपलब्ध न हो या फिर खो गया हो है उनके लिए बाकी शर्तों के साथ ही श्योरिटी भी दिए जाना जरूरी था जिसको अब लोगों को नहीं देना पड़ेगा।

 

सोसायटी को भरने होंगे सारे खर्चे :
इस पूरे प्रोसैस में सोसायटी में रहने वाले रैजीडैंट्स ने खर्चे पर भी सवाल उठाया है। दरअसल कलैक्टर रेट के तहत इन सोसायटी को लाए जाने की तैयारी कर ली गई है। सैक्टर-50 की रैजीडैंट्स वैल्फेयर एसोसिएशन के वाइस प्रैजीडैंट प्रदीप भारद्वाज ने कहा कि सोसायटी पर कलैक्टर रेट अप्लाई नहीं होता। 

 

जिस समय सोसाइटी को जमीन अलॉट की गई थी, उसमें भी इस प्रकार की कोई कंडीशन नहीं थी। कलैक्टर रेट की बजाय प्रशासन को दूसरा ऑप्शन अपनाना होगा ताकि लोगों पर आर्थिक बोझ न पड़े। उन्होंने बताया कि अगर किसी के पास 1200 गज का फ्लैट है तो उसे तय की गई फीस के हिसाब से 1.20 लाख रुपए चुकाने होंगे। सह सबके लिए दे पाना मुश्किल है। 

यह होगी प्रोसैसिंग फीस
कनवैंस/लीज 1 से लेकर 10 हजार स्क्वेयर यार्ड के लिए 10 हजार
कनवैंस/लीज 10001 से 20 हजार स्क्वेयर यार्ड के लिए 20 हजार
कनवैंस/लीज 20001 स्क्वेयर यार्ड से अधिक तक के लिए 30 हजार


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News