ग्राहक चेतना ट्रस्ट ने पुलिस के सहयोग से गैरकानूनी सिगरेट जब्त किए
punjabkesari.in Monday, Sep 30, 2024 - 11:20 AM (IST)
नई दिल्ली : ग्राहक चेतना ट्रस्ट से मिली सूचना और खुफिया जानकारी के आधार पर, पुलिस अधिकारियों ने एक संयुक्त अभियान चलाकर दिल्ली कैंट के दो बाजारों में गैरकानूनी सिगरेट्स की छानबीन की। गोपीनाथ मार्केट में गुलाब टी स्टॉल, जॉली पान, रमेश पान, मोती पान और बिशाल सहित कई दुकानों पर अवैध सिगरेट का कारोबार चल रहा था। इन दुकानों से 6,200 से ज्यादा प्रतिबंधित सिगरेट जब्त किए गए, जिनका मूल्य लगभग 65,000 रुपये है। दिल्ली कैंट पुलिस स्टेशन में राम सिरोमणी चौरसिया (जॉली पान), अजय कुमार चौरसिया (रमेश पान), राजीव कपूर (मोती पान), नीरज कुमार (गुलाब टी) और बिशाल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। प्रतिबंधित सामग्री बेचने वाले अन्य लोगों और दुकानों को चेतावनी दे दी गई है। पकड़े गए प्रतिबंधित सिगरेट्स में डनहिल, एस्से लाइट, एस्से स्पेशल गोल्ड, एस्से चेंज, एस्से ब्लैक, मौंड, गुडांग गरम और ब्लैक शामिल हैं।
भारत को एशिया में ऐसा देश माना जाता है, जहाँ से अवैध सिगरेट अन्य देशों में जाते भी हैं और वहाँ से भारत में भी आते हैं। गैरकानूनी और प्रतिबंधित उत्पादों की तस्करी के मार्ग पूरी दुनिया में हैं, इसलिए यह किसी एक देश की समस्या नहीं, बल्कि पूरे विश्व की समस्या है, जिसे हल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समाधान आवश्यक है। इस बढ़ते हुए खतरे को रोकने के लिए कठोर नियमों और उनके प्रवर्तन के साथ गैरकानूनी व्यापार से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग भी आवश्यक है।
इस छापेमारी के बारे में ग्राहक चेतना ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी श्री सुरेश कौशिक ने बताया, “इन मामलों में हमारे द्वारा दी गई जानकारी की छानबीन करने और कार्रवाई करने के लिए हम कानून प्रवर्तन संस्था की सराहना करते हैं। इस कार्रवाई से गैरकानूनी सप्लाई चेन को रोकने में मदद मिलेगी। हम भारत में अवैध और प्रतिबंधित वस्तुओं के बारे में उपभोक्ताओं की जागरूकता और शिक्षा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सिगरेट का गैरकानूनी व्यापार जन स्वास्थ्य और समाज के लिए एक गंभीर व बढ़ता हुआ खतरा है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान होता है, वैधानिक व्यवसायों को नुकसान पहुँचता है, और उपभोक्ता ऐसे उत्पादों के संपर्क में आते हैं, जो किसी नियम के दायरे में नहीं। इसलिए, सिगरेट के गैरकानूनी व्यापार को रोका जाना और कड़े कदम उठाकर इस खतरे को दूर किया जाना बहुत जरूरी है।”