सरकारी स्कूलों में पैड वैंडिंग मशीनें इंस्टॉल होने की छात्राओं को नहीं जानकारी

Thursday, May 30, 2019 - 11:50 AM (IST)

चंडीगढ़ (वैभव): महिलाओं को महामारी जैसी समस्या के प्रति जागरूक करने के लिए भारत वर्ष में विभिन्न प्रकार के जागरूक अभियान चल रहे हैं। वहीं इसी कड़ी में चंडीगढ़ जैसे वेल प्लांड और स्मार्ट सिटी में लड़कियों को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इस महामारी से बचने के लिए स्कूलों में सैनेटरी नैपकिन/पैड मशीनें इंस्टॉल की गई हैं। 

 

इसके साथ ही स्कूलों में वैंडिंग मशीनें लगाने का उद्देश्य यह था कि लड़कियों को मासिक समय में कोई परेशानी न हो और उनमें इस बात को लेकर जागरूकता पैदा हो। इन लड़कियों में वह शामिल हैं जो आठवीं क्लास से 12वीं में पढ़ रही हैं। 

 

इन लड़कियों को यह जानकारी न होना सच में गंभीरता का विषय है।सैनेटरी नैपकिन/पैड वैंडिंग मशीनें शहर के सभी सरकारी स्कूलों में इंस्टॉल की हुई हैं, कई स्कूलों में ये मशीनें बंद पड़ी हैं । सूत्रों के अनुसार सैक्टर-22, 33, 47 आदि स्कूलों में वैंडिंग मशीनें बंद पड़ी है। 

 

वहीं स्कूल प्रबंधनों का कहना है कि अगर वैंडिंग मशीनें बंद हो जाती हैं  तो विभाग को जानकारी दे दी जाती है और टैक्नीकल टीम आकर इसे ठीक कर जाती है।

 

एक एन.जी.ओ. ने किया था स्कूलों में सर्वे
हाल ही में एक एन.जी.ओ. सांझ जोगरी ने शहर के 10 सरकारी स्कूलों में माहा (मासिक धर्म और किशोर स्वास्थ्य जागरूकता) को लेकर आठवीं से बाहरवीं क्लासों की लड़कियों के बीच सर्वे किया था। इस दौरान करीब 42.43 प्रतिशत लड़कियों को माहा के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। 

 

इन आंकड़ों से एक बात तो साफ है कि स्कूलों में मात्र वैंडिंग मशीनें इंस्टॉल करने से जागरूकता नहीं आती है। गवर्नमैंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल-मौली पिंड में हर नियमित अंतराल के बाद माहा को लेकर स्कूल में जागरूकता कैंप लगाया जाता है जिसमें आठवीं से लेकर बाहरवीं क्लास के लड़कियों को गहन जानकारी दी जाती है।

 

कई पेरैंट्स करते हैं विरोध
नाम न बताने की शर्त पर एक स्कूल की टीचर ने बताया कि जब भी वह स्कूल में माहा के प्रति जागरूक कैंप का आयोजन करते हैं तो कई लड़कियों के पेरैंट्स विरोध करने के लिए स्कूल में आ जाते हैं । उनका कहना है कि हम उन्हें घर में इस बारे में नहीं बताते तो स्कूल में टीचर क्यों इस बारे में बच्चों से बात करते हैं। 

 

लाखों रुपए की लागत से हुई है मशीन इंस्टॉल
सूत्रों के अनुसार स्कूलों में इंस्टॉल की गई एक मशीन की कीमत लाखों में है। गौरतलब है कि चंडीगढ़ में 114 स्कूल हैं और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार करीब 82 सरकारी स्कूलों में इन मशीनों को इंस्टॉल किया गया है। 

pooja verma

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