शिक्षकों को अब प्रिंसीपल्स से पंगा लेना पड़ सकता है भारी

Monday, May 14, 2018 - 10:47 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को प्रिंसिपल्स से पंगाा लेना भारी पड़ सकता है। क्योंकि अब शिक्षकों की एनुअल कांफिडेंशियल रिपोर्ट (ए.सी.आर.) स्कूल प्रिंसिपल के हाथ में है। यानी अब शिक्षकों को पढ़ाकर अच्छे परीक्षा परिणाम लाने की बजाय स्कूल प्रिंसिपल को खुश रखने पर जोर लगाना होगा, तभी शिक्षकों की अच्छी ए.सी.आर. बन पाएगी। 

उल्लेखनीय है कि पहले शिक्षकों की 100 नंबर की ए.सी.आर. में से 80 नंबर परीक्षा परिणामों पर आधारित थे, जबकि 20 नंबर स्कूल प्रिंसिपल के हाथ में थे। लेकिन अब शिक्षा विभाग ने इसमें फेर बदल करते हुए 100 में से 92 नंबर प्रिंसिपल के हाथ में दे दिए हैं और मात्र 8 नंबर परीक्षा परिणाम और परफोर्मेंस के रखे हैं। 

अब सवाल यह उठता है कि एक तरफ तो शिक्षा विभाग स्कूलों में छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन देने की कोशिशों में लगा है, वहीं दूसरी ओर ऐसे फैसले ले रहा है। शिक्षा विभाग के इस फैसले से शिक्षा के स्तर में तो गिरावट आएगी ही साथ ही स्कूलों में शिक्षक, शिक्षक न होकर प्रिंसिपल्स के चम्मचे ही बनकर रह जाएंगे।

ए.सी.आर. खराब होने पर आ सकती हैं ये दिक्कतें :
-यदि किसी शिक्षक की ए.सी.आर. खराब हो जाए तो, शिक्षक का प्रमोशन हो पाना मुश्किल हो जाता है। 
-हर आठ वर्ष बाद शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को जो ए.सी.पी. (एशोर्श करियर प्रमोशन ) दिया जाता है, उसके मिलने में भी काफी दिक्कतों का करना पड़ता है। 
-ए.सी.आर. खराब होने पर स्टेट अवार्ड से लेकर प्रैजीडैंट अवार्ड तक नहीं मिल पाता है।
 

Punjab Kesari

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