GMCH-32 में दवाओं का अवैध धंधा चलाने वाले कारिंदे का भंड़ाफोड़, हुआ खूब हंगामा

punjabkesari.in Wednesday, Oct 11, 2017 - 08:13 AM (IST)

चंडीगढ़(अर्चना) : गवर्नमैंट मैडीकल कालेज एंड हॉस्पिटल सैक्टर-32 में मंगलवार सुबह दवाओं का अवैध धंधा चलाने वाला एक कारिंदा हॉस्पिटल सिक्योरिटी की पकड़ में आ गया। कारिंदे ने सिक्योरिटी के सामने कबूल किया कि वह हॉस्पिटल के नर्सेज के कहने पर ऑपरेशन थिएटर के बाहर खड़ा रहकर दवाओं का कारोबार चला रहा था। 

 

कारिंदे की मानें तो वह इस धंधे में अकेला काम नहीं कर रहा था बल्कि उसके साथ छह अन्य साथी भी हैं जो महीने के वेतन पर पेशैंट्स को दवाएं बेच रहे हैं। कारिंदे ने एक किडनी पेशैंट को पहले से इस्तेमाल उपकरण बेच दिया था। इस्तेमाल उपकरण को जब डाक्टर ने पेशैंट की किडनी में लगाने से इंकार कर दिया तब हॉस्पिटल में हड़कंप मच गया और कारिंदा हॉस्पिटल सिक्योरिटी की पकड़ में आ गया। 

 

सिर्फ इतना ही नहीं हॉस्पिटल के एडिशनल डायरैक्टर एडमिनिस्ट्रेशन सतीश जैन ने हॉस्पिटल सिक्योरिटी और पुलिस को निर्देश भी जारी कर दिए हैं कि अस्पताल से बाहर की कैमिस्ट शॉप का कोई भी कारिंदा अगर अस्पताल में नजर आता है तो उसके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की जाए। जैन ने हॉस्पिटल प्रबंधन को सारे ऑपरेशन थिएटर्स के बाहर नोटिस लगाने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं जिसमें लिखा जाएगा कि ऑपरेशन थिएटर के बाहर खड़े कारिंदों से सर्जरी का कोई सामान न खरीदे वरना सामान खरीदने और बेचने वाले दोनों पर कार्रवाई की जाएगी। 

 

पेशैंट के परिजनों ने कारिंदे को पीटा भी :
हॉस्पिटल के मेन ऑपरेशन थिएटर के बाहर मंगलवार सुबह खूब हंगामा हुआ, जब एक किडनी पेशैंट के ऑपरेशन के लिए मंगवाए गए सामान में ऐसा डीजे सेट मिला जो पहले किसी दूसरी सर्जरी में यूज किया जा चुका था। 19 एम.एम. के किडनी स्टोन का ऑपरेशन करने वाले यूरोलॉजिस्ट डॉ.विधुर भल्ला ने ऑपरेशन के सामान को जब लौटा कर नया सामान मंगवाने के लिए कहा तो ऑपरेशन थिएटर के बाहर खड़े किडनी पेशैंट के परिजनों ने सामान बेचने वाले करिंदे की धुनाई की तैयारी कर ली। ओ.टी. के बाहर इतना हंगामा हो गया कि हॉस्पिटल सिक्योरिटी और पुलिस को भी मौके पर पहुंचना पड़ा। 

 

पेशैंट की पत्नी सुखविंद्र ने बताया कि उसके पति को दो सालों से किडनी स्टोन की वजह से दर्द थी। फतेहाबाद से वह पति का ऑपरेशन करने के लिए आए हैं। डाक्टर ने जब ऑपरेशन के लिए सामान मंगवाया तो पहले वह हॉस्पिटल की ही कैमिस्ट शॉप पर गए लेकिन उन्हें डीजे सेट नहीं मिला। 

 

जब डाक्टर से मिलने के लिए आए तो ओ.टी. के बाहर खड़े कारिंदे ने कहा कि वह कम दाम पर डीजे सेट दिला देता है। कारिंदे ने डीजे सेट 800 रुपए में दिया। कारिंदे से बाकी का सारा सामान भी खरीद लिया गया और ओ.टी. में पकड़ा दिया। ऑपरेशन शुरू होने के कुछ देर बाद डाक्टर ने यह कहकर डीजे सेट(वायरनुमा)को वापस कर दिया यह पहले किसी दूसरे पेशैंट में इस्तेमाल हो चुका है नया सेट खरीद कर लाओ। 

 

कारिंदे मोहित से सवाल :

-कितने समय से ओ.टी. के बाहर सामान बेच रहे हो? 
जवाब : कुछ महीनों से दवाएं बेच रहा हूं। इसके लिए मुझे 6000 रुपए का वेतन मिलता है। 

-तुम्हारे साथ कितने आदमी हैं?
जवाब : मेरे साथ छह आदमी होते हैं। 4 से 5 आदमी ओ.टी. के बाहर रहते हैं। वह मोबाइल पर पेशैंट के सामान की फोटो खींचते हैं। फोटो मुझे वाट्सअप की जाती है और मैं उसे हॉस्पिटल के बाहर की कैमिस्ट शॉप को भेजता हूं। कैमिस्ट शॉप से सामान एक व्यक्ति लाता है, जिसको मैं दरवाजे पर रिसीव करता था और कारिंदों को दे देता था। वहीं कारिंदे पेशैंट्स से सामान के पैसे वसूलते थे। 

-तुम किसके अधीन नौकरी करते हो?
जवाब : हॉस्पिटल के ही करीब 30 नर्सेज हैं जो इसमें लिप्त हैं, परंतु आप मुझे छोड़ दे, मेरे ऊपर परिवार की जिम्मेदारी है, मैं आगे से कभी यह काम नहीं करूंगा। 

 

शिकायत के बगैर कैसे लूं एक्शन?
हॉस्पिटल के डायरैक्टर प्रिंसीपल प्रो.ए.के.जनमेजा का कहना है कि ओ.टी. के बाहर दवा बेचने का मामला तो पहले भी उठ चुका है, परंतु पेशैंट्स इसकी शिकायत नहीं करते हैं। लिखित में शिकायत मिले बगैर कार्रवाई नहीं की जा सकती है। पेशैंट्स भी इस अवैध कारोबार के लिए जिम्मेदार हैं, क्योंकि वह दवा के कम दाम देखकर अवैध तरीके से बिकने वाली दवा को खरीद लेते हैं। ओ.टी. के बाहर जो हंगामा हुआ है उसकी रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News