पीजीअाई के डॉ. एस. रेड्डी ने जीएमसीएच किया जॉइन, अब रोज हार्ट की हो रही 25 सर्जरी

punjabkesari.in Thursday, Apr 14, 2016 - 02:10 PM (IST)

चंडीगढ़ : उत्तरभारत के पांच राज्यों के हार्ट पेशेंट्स को अब अकेले पीजीआई जाने की जरूरत नहीं रही है। बल्कि हार्ट के गंभीर मरीजों को जीएमसीएच में ही हर तरह का इलाज मिलना शुरू हो गया है। पीजीअाई के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट से डॉ. एस. रेड्डी के जीएमसीएच आने से हार्ट पेशेंट का प्रेशर पीजीआई से कम हो गया है। वहां अब रोज 22 से 25 सर्जरी हो रही है जिसमें पेस मेकर डालना, स्टेंटिंग और दिल के छेद जैसी सर्जरी हैं। 

 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जीएमसीएच को मिली कैथ लैब शुरू होने के साथ ही डॉ. रेड्डी और जीएमएसएच के डॉक्टर्स मिलकर इन मरीजों का इलाज कर रहे हैं। कार्डियोलॉजी का एमडी कोर्स भी यहां शुरू किया जाएगा। चंडीगढ़ प्रशासन पहले ही इस डिपार्टमेंट को चलाने के लिए 19 डॉक्टरों के अलावा 47 दूसरे स्टाफ की मंजूरी दे चुका है। पीजीआई के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ. एस. रेड्डी इस डिपार्टमेंट को चलाने की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। 

 

हार्ट के गंभीर मरीजों को रेफर करके चंडीगढ़ भेजा जाता है। लेकिन मरीजों के प्रेशर की वजह से पीजीआई में चेकअप और फिर आगे के प्रोसेस में समय लगता है। लेकिन अब जीएमएसएच में कैथ लैब की सुविधा शुरू होने से मरीजों को ये असुविधा नहीं होगी। 

 

कैथ लैब से मरीजों के इलाज और डॉक्टरों को भी फायदा होगा। यहां पर हार्ट के गंभीर हालत में पहुंच चुके मरीजों को पेसमेकर लगाने के साथ ही स्टेंटिंग और हार्ट के छेद बंद करने जैसे गंभीर सर्जरी संभव हो गई है। मरीजों की एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी भी यहीं हो रही है। मरीजों के चेकअप के लिए इंट्रा वेस्कुलर अल्ट्रासाउंड और ऑप्टिकल कोरेस टोमोग्राफी की सुविधा भी होगी। डॉक्टरों को हार्ट की बीमारियों को दूर करने के लिए नई रिसर्च में मेडिस एक्स एंजियो जैसी सुविधा होगी। इससे डॉक्टर एचआईएस सिस्टम से रूम में बैठकर सर्जरी के दौरान मरीज की हार्ट पोजिशन देखकर जरूरी निर्देश दे सकते हैं। 


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