GMCH-32 में 176 नर्सिंग स्टाफ रिजाइन देने को तैयार

punjabkesari.in Thursday, Jun 20, 2019 - 03:24 PM (IST)

चंडीगढ़(पाल) : मैंटल हैल्थ इंस्टीच्यूट (एम.एच.आई.) स्टाफ शॉर्टेज की वजह से शुरू नहीं हो पा रहा है। नॉर्थ का पहला इंस्टीच्यूट है जो जी.एम.सी.एच. सैक्टर-32 में बना है, जिसे इसी साल शुरू किया गया है। यहां पर साइकैट्रिस्ट मरीजों के लिए करीब 40 बैड निर्धारित किए गए थे लेकिन अभी तक सिर्फ 25 बैड की फैसिलिटी ही यहां पर मिल रही है। 

जी.एम.सी.एच. नर्सिंग स्टाफ के मुताबिक एम.एच.आई. के लिए अलग से स्टाफ रिक्रूट करने का प्रोपोजल तैयार किया गया था लेकिन अभी तक इस पर कोई काम नहीं हुआ। लिहाजा, अभी जी.एम.सी.एच. का 6 लोगों का स्टाफ ही यहां 25 बैड के मरीजों की देखभाल कर रहा है। 

वहीं, बैड व मरीजों की संख्या को देखते हुए यहां करीब 60 के करीब स्टाफ की जरूरत है।  एम.एच.आई. जी.एम.सी.एच. के महत्वपूर्ण प्रोजैक्ट्स में से एक है। दो साल पहले इसे बनकर तैयार किया जाना था, लेकिन कई कंस्ट्रक्शन व दूसरी कई चीजों में हुई देरी के कारण इसे इसी साल शुरू किया गया है।

कई साल से है यह समस्या :
गवर्नमैंट मैडीकल कॉलेज सैक्टर-32 में जल्द ही 176 स्टाफ रिजाइन देने के लिए तैयार हैं। मौजूदा वक्त में 500 के करीब नर्सिंग स्टाफ अस्पताल में है, लेकिन पिछले कई सालों से जी.एम.सी.एच. स्टाफ शॉर्टेज की समस्या झेल रहा है। 

इसी को देखते हुए नर्सिंग स्टाफ ने एडवाइजर मनोज परिदा को लिखित में इसकी जानकारी दी है। आंकड़ों पर गौर करें तो साल-2010 से अब तक 300 से ज्यादा स्टाफ रिजाइन दे चुका है। इसकी सबसे बड़ी वजह स्टाफ की कमी होने के कारण और काम का बोझ है। 

1400 कर्मियों की जरूरत :
अस्पताल में फिलहाल 532 वर्किंग स्टाफ है जो तीन शिफ्ट में काम कर रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो एक स्टाफ 35 से 40 मरीज रोजाना देख रहा है। यही नहीं, नर्सिंग एसोसिएशन के मुताबिक कुछ स्टाफ ऐसा है जो पिछले 25 साल से इतने ही मरीज देख रहा है। 

ऐसे में उनकी हैल्थ पर भी इसका असर पड़ रहा है। 656 पोस्ट की क्रिएशन की फाइल पर पिछले साल से काम किया जा रहा है, जो मिनिस्ट्री को भेजी जा चुकी है। मौजूदा मरीजों की संख्या को देखें तो अस्पताल में 1400 स्टाफ की जरूरत है। 


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Priyanka rana

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