ग्माडा का कानून पड़ा मंदा, चमका PG का धंधा

Thursday, Jun 22, 2017 - 08:43 AM (IST)

मोहाली (कुलदीप): ‘ग्माडा का कानून पड़ा मंदा, चमका पी.जी. का धंधा।’ यह कोई अतिकथनी नहीं बल्कि हकीकत है। शहर में अवैध पेइंग गैस्ट (पी.जी.) धड़ल्ले से चल रहे हैं लेकिन इन पर लगाम लगाने वाली अथॉरिटी ग्माडा खामोश बैठी हुई है। प्राप्त जानकारी मुताबिक वर्ष 2015 तक शहर में 120 के करीब अवैध पेइंग गैस्ट चल रहे थे। उस समय भी ग्माडा ने इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बाकायदा पत्र तक निकाले लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उसके बाद अवैध पी.जी. का धंधा इतनी तेजी से बढ़ा कि अब तो मोहाली के प्रत्येक गली मोहल्ले में पी.जी. खुल गए हैं। 

 

एक एक कमरे में  ज्यादा से ज्यादा लड़के-लड़कियों को रखा जाता है और उनसे मोटी राशि वसूल की जाती है। इन के मालिक असर रसूख वाले होने के चलते न तो ग्माडा कोई कार्रवाई करता है और न ही पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है। शहर के शांति पसंद लोगों की मांग है कि ऐसे अवैध पी.जी. तुरंत बंद होने चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति पी.जी. चलाना चाहता है तो उसे ग्माडा की पॉलिसी मुताबिक कमर्शियल किया जाना चाहिए।

 

ग्माडा के पास नहीं है अवैध पी.जी. का रिकार्ड
दिलचस्प बात ये है कि अवैध पी.जी. का धंधा पिछले कई वर्षों से लगातार बढ़ता जा रहा है लेकिन ग्माडा के पास आज भी इन कोई रिकार्ड नहीं है। ग्माडा अधिकारियों की जुबान से हर समय सर्वेक्षण करवाने की बात ही सुनने को मिलती है।

 

गांवों की बड़ी इमारतों में भी चल रहे पी.जी. 
दिलचस्प बात ये भी है कि नगर निगम मोहाली के अधीन आते गांवों सोहाना, मटौर, शाहीमाजरा, बलौंगी आदि गांवों में भी पी.जी. धड़ल्ले से चल रहे हैं।

 

शहर के लोगों को बिजली, पानी की आती है समस्या 
इन अवैध पेइंग गैस्टों की वजह से शहर में बिजली, पानी तथा पार्किंग जैसी सुविधाओं की गंभीर समस्या बन रही है जो कि शहर के आम लोगों की परेशानी का कारण बन रही हैं कयोंकि इन पेईंग गैस्टों में रहने वाले लोगों की गिनती पता न होने के चलते शहर की आबादी का पता लगाना नामुमकिन है। शहर में क्रिमीनल घटनाएं भी इन अवैध पी.जी. की वजह से ही होना मानी जा रही हैं।


 

क्राइम होने पर ही जागता है ग्माडा 
पिछले समय में देखने में आया है कि शहर में कोई क्रिमीनल घटना होने पर ही ग्माडा द्वारा इन अवैध पेईंग गैस्टों पर शिकंजा कसा जाता है और बाद में फिर खामोश हो जाता है। बतानेयोग्य है कि बीते समय में फेज-3 में पी.जी. में रह रहे कुछ युवकों ने कार पार्किंग को लेकर हुए थोड़े से विवाद के बाद अमरप्रीत सिंह सेठी नाम के वकील की गोलियां मार कर हत्या कर दी थी।

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