हरियाणा के एस.सी. वर्ग के 9716 मैडीकल छात्रों को छात्रवृत्ति तुरंत जारी करने के निर्देश

punjabkesari.in Saturday, Jan 21, 2023 - 08:58 PM (IST)

चंडीगढ़,(पांडेय): राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने हरियाणा के मैडीकल कालजों के एम.बी.बी.एस. व अन्य मैडीकल कोर्स के अनुसूचित जाति छात्रों को भारी राहत देते हुए चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान विभाग के निदेशक को आदेश दिया है कि ऐसे विद्याॢथयों की लंबित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का तत्काल भुगतान कर 3 अप्रैल 2023 तक इस संबंध मे रिपोर्ट पेश की जाए। प्रदेश में इस वर्ग के 9716 छात्रों को 3-4 साल से ये छात्रवृत्ति नहीं मिली है। आयोग ने मैडीकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग को सभी मैडीकल कालेजों को यह दिशा-निर्देश यथाशीघ्र जारी करने को कहा है कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में देरी के कारण किसी भी अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के परीक्षा रोल नंबर, मार्कशीट, प्रमाण पत्र, डिग्री, इंटर्नशिप या अन्य किसी प्रकार की सुविधाओं को नहीं रोका जाएगा और उनकी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं की जाएगी। इसके अतिरिक्त जो छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति का पोर्टल बंद होने या अन्य किसी कारण से पोस्ट्र मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं, उन्हें सरकार द्वारा एक अवसर देकर छात्रवृत्ति वितरित करने हेतु कार्रवाई की जाए। जो छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति नहीं मिलने के कारण बीच में शिक्षा छोड़ चुके हैं, उन्हें भी एक अवसर प्रदान किया जाए।

 

 


आयोग के अनुसार मैडीकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग यह भी सुनिश्चित करे कि छात्रवृत्ति पोर्टल पूरे वर्ष निरन्तर कार्यरत रहे। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि छात्रवृत्ति वितरित नहीं होने के कारण किसी भी अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं के करियर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़े। इस मामले में मैडीकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग एक प्रैस विज्ञप्ति जारी करने के लिए कहा है। आयोग को राज्य के मैडीकल कालेजों में एम.बी.बी.एस. एवं अन्य मैडीकल कोर्सों में पढ़ाई कर रहे अनुसूचित जाति के विद्याॢथयों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का वितरण नहीं किए जाने संबंधी शिकायत मिली थी। प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष ने हरियाणा राज्य के अनुसूचित जाति के मैडीकल छात्रों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के संबंध में महानिदेशक (मैडीकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग) को मामले की रिपोर्ट एवं पिछले 3 सालों के छात्रवृत्ति के आंकड़े के साथ को सुनवाई के लिए बुलाया था। सुनवाई के दौरान आयोग ने यह पाया कि राज्य के मैडीकल कालेजों में एम.बी.बी.एस. कोर्स में पढ़ाई कर रहे अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान/वितरण सुचारु रूप से नहीं किया जा रहा है। इससे इस वर्ग के विद्याॢथयों को बहुत ही असुविधा एवं परेशानी का सामना है। कई छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति नहीं मिलने के कारण अपनी पढ़ाई पूर्ण नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें डिग्री की प्राप्ति में भी असुविधा हो रही है। 

 

 


मैडीकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के निदेशक ने आयोग को यह आश्वासन दिया कि सभी लंबित छात्रवृत्ति के वितरण/भुगतान संबंधी मामलों का 6 माह अवधि के भीतर निस्तारण कर दिया जाएगा और किसी भी छात्र को छात्रवृत्ति के कारण असुविधा/परेशानी का सामना नहीं करना पढ़ेगा। आयोग ने 3 अप्रैल 2023 को अगली सुनवाई निर्धारित की है। इसमें मैडीकल शिक्षा विभाग को सभी कार्रवाईयां पूर्ण कर उपस्थित होने के लिए आदेशित किया गया है।
 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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