बायोटेक्नोलॉजी और ड्रग डेवलपमेंट में AI का भविष्य : डॉ. अश्विन गोपीनाथ
punjabkesari.in Thursday, Aug 01, 2024 - 08:12 PM (IST)
एमआईटी (MIT) में सहायक प्रोफेसर और Biostate.ai के सह-संस्थापक डॉ. अश्विन गोपीनाथ, बायोटेक्नोलॉजी और फार्मास्युटिकल उद्योगों में क्रांति ला रहे हैं। उनके नए विचारों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और आणविक जीवविज्ञान के अद्वितीय समाकलन से इन उद्योगों में नए मानक स्थापित किए हैं।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, अप्लाइड फिजिक्स और बायोलॉजी में विशेषता रखने वाले डॉ. गोपीनाथ ने डीएनए नैनोटेक्नोलॉजी और माइक्रो-फैब्रिकेशन में अग्रणी कार्य किया है। 2017 में उन्हें "रॉबर्ट डर्क्स मोलेक्युलर प्रोग्रामिंग पुरस्कार" से सम्मानित किया गया था।
डॉ. गोपीनाथ ने उन्नत AI उपकरणों का विकास किया है जो दवाओं की विषाक्तता और सुरक्षा की सटीक भविष्यवाणी करते हैं। ये उपकरण दवा विकास प्रक्रिया को सरल बनाते हैं और डेटा संग्रहण लागत को दस गुना तक कम कर देते हैं।
डॉ. गोपीनाथ ने कहा, "AI के पास दवा विकास को बदलने की क्षमता है, जिससे पारंपरिक तरीकों के मुकाबले समय और लागत में काफी कमी आती है| हमारा लक्ष्य बियोस्टेट में AI का उपयोग करके उपचारात्मक खोज और विकास को बेहतर बनाना है, जिससे मरीजों के परिणामों में सुधार हो और स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान हो।"
बियोस्टेट का अभिनव दृष्टिकोण जनरेटिव AI तकनीकों का उपयोग करता है जो जैविक अवस्थाओं की सटीक भविष्यवाणी करता है, जिससे महत्वपूर्ण डेटा लाभ मिलता है। यह क्षमता जैविक प्रयोगों को सीधे जानवरों से मनुष्यों में अनुवादित करने की अनुमति देती है, जिससे दवा विकास और स्वास्थ्य निगरानी में महत्वपूर्ण प्रगति होती है।
डॉ. गोपीनाथ का बायोटेक्नोलॉजी में AI को एकीकृत करने का संकल्प न केवल फार्मास्युटिकल उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा पर व्यापक प्रभाव भी डालता है। उनके शोध और व्यावहारिक अनुप्रयोगों के बीच की खाई को पाटकर, उनका कार्य चिकित्सीय खोज के परिदृश्य को पुनर्परिभाषित करने के लिए तैयार है।