कैंपस के कूड़े से पी.यू. बनाएगी खाद

punjabkesari.in Thursday, Oct 24, 2019 - 09:29 AM (IST)

चंडीगढ़ (हंस): हॉर्टिकल्चर डिपार्टमैंट की ओर से पी.यू. से निकलने वाले कूड़े से रोजाना खाद बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। बता दें कि पी.यू. से हर रोज 7 ट्रॉली कूड़ा निकलता है। हालांकि इस कूड़े को सैक्टर-25 के डंपिंग ग्राऊंड में डाला जाता है। भविष्य में यह कूड़ा डंपिंग ग्राऊंड में न डाला जाए और इसका खाद बनाकर प्रयोग किया जा सके। इसलिए हॉर्टिकल्चर डिपार्टमैंट ने यह प्रस्ताव तैयार किया है। 

 

अगर हॉर्टिकल्चर विभाग को इस इक्पिमैंट के लिए हरी झंडी मिल जाती है तो इसको खरीद कर कैंपस में सैटअप कर लिया जाएगा। पी.यू. के हॉस्टलों और रैजीडैंशियल क्षेत्र, सभी विभागों और मैस से रोज 200 फीट कूड़ा निकलता है। इन जगहों से डोर-टू-डोर यह इकट्ठा किया जाता है। इसके अलावा पेड़ों से गिरने वाली पत्तियां अलग से हैं। इन पत्तियों से खाद बनाई जाती है। इक्पिमैंट का नाम ऑर्गेनिक वेस्ट कंपोस्ड है। 


 

गीला-सूखा कूड़ा अलग करेगा ऑटोमैटिक इक्पिमैंट
यह इक्पिमैंट ऑटोमैटिक तरीके से गीला और सूखा कूड़ा अलग करता है। यह इक्पिमैंट 24 घंटे में ही कूड़े को खाद में परिवर्तित कर सकता है। उपकरण एक दिन में 300 टन का कूड़ा मैनेज कर सकता है। अगर प्राकृतिक तरीके से कूड़े की खाद बनाई जाए तो इसमें काफी समय लगता है। कूड़े को गड्ढे में डाल दिया जाए तो खाद बनने में 5 से 6 माह लग जाते हैं। 

 

अगर कूड़ा खुला रख कर खाद बनाई जाए तो करीबन तीन माह का समय लग जाता है। कूड़ा मैनेज करने के लिए घरों में रखने वाले बहुत तरह के छोटे इक्पिमैंट या कंटेनर आते हैं। लेकिन हर व्यक्ति परिवार इस तरह के कंटेनर को खरीदने के लिए तैयार नहीं होता है।

 

पी.यू. का हॉर्टीकल्चर विभाग कर रहा है स्टडी
गौरतलब है कि पी.यू. से हर माह निकालने वाले 6 हजार फीट कूड़े को मैनेज करने के लिए हॉर्टीकल्चर विभाग की ओर से स्टडी की जा रही है। स्टडी में सामने आया है कि इस इक्पिमैंट के जरिए यह कूड़ा मैनेज किया जा सकता है। कूड़े से पर्याप्त मात्रा में खाद बनाई जा सकती है। 


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pooja verma

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