रेहड़ी-फड़ी वालों को को देनी होगी फीस, जानें पूरा मामला

punjabkesari.in Thursday, Feb 23, 2017 - 12:41 AM (IST)

चंडीगढ़, (राय): शहर के रेहड़ी-फड़ी वालों को अपना सामान बेचने के लिए किसी जगह पर बैठने के लिए उन्हें नगर निगम को फीस अदा करनी होगी। स्ट्रीट वैंडर एक्ट के तहत निगम द्वारा रेहड़ी-फड़ी वालों का सर्वे करवाया गया था जिसमें शहर में 21622 वैंडर शामिल थे। निगम ने इन वैंडरों को बैठाने के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया है उसमें शहर को तीन श्रेणियों में बांटा है, जिसमें पहली ए, दूसरी बी व तीसरी सी श्रेणी शामिल है।

 ए श्रेणी में शहर के पॉश इलाके रखे गए है और यहां रेहड़ी-फड़ी वालों से 5000 रुपए प्रति माह फीस ली जाएगी। बी श्रेणी में वो सैक्टर रखे गए हैं जिनमें रेहड़ी फड़ी वालों की कमाई कम होती है इसीलिए उनकी फीस भी ए श्रेणी वालों से कुछ कम होगी। तीसरी श्रेणी सी में रिहैब्लिटेड कालोनियां और स्लम एरिया रखा गया है।

वैंडरों को भी दो श्रेणियों में बांटा गया है जिसमें मोबाइल वैंडर और परमानैंट वैंडर शामिल है। गरीब वैंडरों में चाय वाले, नाई, धोबी, साइकिल रिपेयर करने वाले रखे गए हैं जिनसे निगम प्रति माह लगभग 1500 रुपए लेगा। वैंडरों के लिए खुशी वाली बात है की जो वैंडर जिस सैक्टर में काम करता है वो उसी सैक्टर में अपना काम कर सकेगा।

निगम की ओर से अगले माह इन वैंडरों को आई कार्ड व लाइसैंस जारी किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि निगम सर्वे में जिन-जिन स्ट्रीट वैंडरों का नाम शामिल था उन्हें एस.एम.एस. के जरिए सूचित कर रहा है कि उनका नाम सर्वे में शामिल हो चुका है और उन्हें जल्द लाइसैंस जारी किए जाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार सर्वे में कुल 21622 स्ट्रीट वैंडरों का नाम शामिल हैं और निगम अभी तक 20333 स्ट्रीट वैंडरों को एस.एम.एस. भेज कर उन्हें सूचित कर चुका है।


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