गैर इरादतन हत्या के दोषी बाप-बेटे को 4-4 साल की सजा

punjabkesari.in Thursday, Apr 11, 2019 - 07:14 PM (IST)

चंडीगढ़ (संदीप): गैर इरादतन हत्या के मामले में जिला अदालत ने दोषी पंचकूला निवासी रोनी और उसके पिता संजीव को 4-4 साल की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने दोनों पर 2-2 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। 

 

अदालत ने हाल ही में दोनों को दोषी करार दिया था। मौलीजागरां थाना पुलिस ने वर्ष 2015 में दोषियों के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा- 304, 302, 34 और एससी एसटी एक्ट की धारा-3(2)5 के तहत केस दर्ज किया था, लेकिन बाद में अदालत ने केस में से आई.पी.सी. की धारा-302 को हटा दिया था।

 

कार रोककर की थी हाथापाई
थाना पुलिस द्वारा दर्ज केस के अनुसार पंचकूला निवासी विजय सिंह 14 जुलाई 2015 को सुबह करीब 9 बजे अपनी कार में चंडीगढ़ के सैक्टर-33 की तरफ जा रहा था। इस समय कार को उसका ड्राइवर रोहताश चला रहा था। 

 

जैसे ही वह मौलीजागरां स्थित निंरकारी भवन के पास पहुंचे तो इसी समय उनके पीछे से आई एक अन्य कार ने उसकी कार को ओवरटेक किया। इस समय ओवरटेक करने वाली कार में ड्राइवर सीट पर सवार युवक और उसके साथी ने रोहताश से गाली गलौच शुरू कर दी और जातिसूचक शब्द कहे। 

 

जब रोहताश ने उन्हें ऐसा करने से मना किया तो दोनों ने उनकी कार को रूकवाकर ड्राइवर रोहताश को कार से बाहर निकाला और उसे पीटना शुरू कर दिया। कार में पीछे बैठे विजय ने जैसे तैसे रोहताश को उनसे छुड़वाया। इसके बाद दोनों लोग वहां से चले गए। 

 

पिटाई के कुछ समय बाद हुआ था छाती में दर्द
पिटाई के कुछ समय बाद ही अचानक रोहताश ने छाती में दर्द होने की बात कही तो वह उसे उसके घर पंंचकूला ले गया, जहां से उसे पंचकूला के सैक्टर-6 स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

 

यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विजय ने शिकायत में बताया कि रोहताश की मौत दोनों द्वारा उससे मारपीट करने से हुई है, जिससे उसे गुम चोट लगी थी। पुलिस जांच के तहत रोहताश से मारपीट करने वालों की पहचान रोनी और उसके पिता संजीव के तौर पर हुई थी। पुलिस ने केस की जांच के बाद दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था।


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pooja verma

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