फ्लाईओवर के लिए चौथी बार भी नियुक्त नहीं हो पाया कंसल्टैंट

Monday, Jun 19, 2017 - 10:35 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : शहर के पहले क्लोवर लीफ फ्लाईओवर के लिए चौथी बार भी किसी फर्म को कांट्रैक्ट नहीं दिया जा सका। हालांकि यू.टी. के इंजीनियरिंग डिपार्टमैंट ने सैक्टर-31, 29, इंडस्ट्रीयल एरिया फेज-1 और इंडस्ट्रीयल एरिया फेज-2 के राऊंडबाऊट में बनाने वाले इस फ्लाई ओवर के लिए एक कंसल्टैंट को फाइनल कर लिया था। लेकिन इस प्रोजैक्ट के लिए बनाई गई हाई पॉवर कमेटी ने इस फर्म को वर्क अलॉट करने से इनकार कर दिया। 

 

दरअसल कमेटी का कहना है कि कंपनी द्वारा फ्लाई ओवर के लिए जरूरत से कहीं अधिक राशि मांगी जा रही है। पहली बार इस फ्लाई ओवर के लिए इंजीनियरिंग विभाग के पास तीन कंपनियों ने दावेदारी पेश की थी। इसमें से डिपार्टमैंट ने एक फर्म का नाम फाइनल किया जो कि 4.75 करोड़ रुपए मांग रही थी लेकिन कमेटी का यह अमाऊंट काफी अधिक लगा। यही वजह है कि डिपार्टमैंट ने अब पांचवीं बार टैंडर जारी किया है। इससे पहले डिपार्टमैंट ने फ्लाई ओवर के लिए कंसल्टैंट हायर करने के लिए चौथे टैंडर को जारी करने से पहले टर्म्स एंड कंडीशन में थोड़ा बदलाव भी किया था। 

 

सांसद ने मिनिस्ट्री के सामने उठाया था मामला :
बार-बार कंसल्टैंट अप्वाइंट करने में नाकाम रहने के बाद चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने यह मामला मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे के सामने उठाया था। सांसद की ओर से मांग की गई थी कि नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से इंपैनल कंसल्टैंट को यह कांप सौंप दिया जाए। जिससे कि जल्द से जल्द फ्लाई ओवर के निर्माण का काम शुरू हो सके। कंसल्टैंट को ही फ्लाईओवर का डिजाइन और पूरा प्लान तैयार करना है। फ्लाईओवर बनाने में लगभग 300 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। पिछले साल ही मिनिस्ट्री ने इस फ्लाईओवर को अप्रूवल दी थी।

 

रोजाना 1 लाख वाहन गुजरते हैं :
इस रोड पर फ्लाईओवर इसलिए भी जरूरी बताया जा रहा है क्योंकि जीरकपुर से चंडीगढ़ में प्रवेश करने के लिए वाहनों के लिए सबसे आसान रास्ता यही है। रोजाना इस सड़क से लगभग 1 लाख वाहन गुजरते हैं। इसकी वजह से कई लाइट प्वाइंट्स पर सुबह और शाम के समय ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। वर्किंग डे में तो 15 मिनट का सफर 1 घंटे में भी पूरा नहीं हो पाता। यही वजह है कि प्रशासन भी जल्द से जल्द यहां एक फ्लाई ओवर बनाने के हक में है। 

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