पार्किंग में पहले एक घंटे के 10  चार घंटे तक 20 रुपए देने होंगे

punjabkesari.in Tuesday, Sep 17, 2019 - 11:25 AM (IST)

चंडीगढ़ (राय): शहर में पेड पार्किंग के लिए रेट तय कर  दिए गए। तय रेट के अनुसार अब दोपहिया वाहन चालक को पहले घंटे के 5 रुपए, उसके बाद एक से चार घंटे के 10 रुपए व चौपहिया वाहन के लिए पहले घंटे के 10 रुपए, उसके बाद 1 से 4 घंटे के 20 रुपए लिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।  इसके अतिरिक्त बैठक में तय किया गया कि वाहन चालक यदि पिक एंड ड्रॉप करता है और 10 मिनट में पार्किंग से निकल जाता है तो उससे कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। 

 

दोपहिया वाहन के लिए मंथली पास 200 रुपए जबकि चौपहिया वाहन के लिए मंथली पास 400 रुपए का बनेगा। सांसद किरण खेर की मौजूदगी में पेड पार्किंग का एजैंडा पारित कर दिया गया। वहीं एजैंडा पारित होने से नाराज कांग्रेस के पांचों पार्षदों ने इसे तानाशाही करार देते हुए सदन से वाकआऊट कर दिया। 

 

90 दिन भीतर स्मार्ट करनी होगी पार्किंग : कहा गया कि जब तक निगम पार्किंग के लिए टैंडर लगा न दे और पार्किंग लेने वाले ठेकेदार पार्किंग को नियम एवं शर्तों के मुताबिक स्मार्ट नहीं कर देते तब तक नए रेट नहीं वसूले जाएंगे। ठेकेदार को 90 दिन के भीतर पार्किंग स्मार्ट बनानी होंगी। निगम की कमेटी पार्किंग की जांच करेगी और उस रिपोर्ट को सदन की बैठक में पेश किया जाएगा जिस पर इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा तब तक यथास्थिति बनी रहेगी।


4 जोन अलग-अलग कंपनियों को दिए जाएंगे
बैठक में सुझाव दिया गया कि प्रत्येक पार्किंग स्थल में दोपहिया और चौपहिया वाहनों की पार्किंग के लिए उचित स्थान निर्धारित किया जाए। बैठक में बताया गया कि पेड पार्किंग स्थलों को चलाने के लिए शहर में 4 जोन बनाए गए हैं। 

 

इसके लिए  सैक्टर-16 और 17 एक जोन में रखा जाए, सैक्टर-22, 34, 35 और 43 दूसरे जोन में और सैक्टर-20, 26, मनीमाजरा, एलांते मॉल इंडस्ट्रियल एरिया फेज 1 को जोन 3 में फन रिपब्लिक और टूरिस्ट बसें, मनीमाजरा को  4 जोन में रखा जाए। बताया गया कि इस बार पहले की तरह एक कंपनी को ही शहर के सभी पार्किंग स्थल चलाने की अनुमति देने की बजाय समिति की ओर से बनाए गए 4 जोन अलग-अलग कंपनियों को दिए जाएंगे।   अलग-अलग संचालकों की ओर से पार्किंग चलाने का निगम को एक लाभ यह भी होगा की यदि एक जोन का पार्किंग ठेकेदार पार्किंग छोड़कर भी जाता है तो शहर के अन्य भागों में इसका असर नहीं पड़ेगा।

 

देवेश मोदगिल और गुरप्रीत सिंह ढिल्लों ने नहीं उठाए हाथ 
सदन की एक्स-ऑफिशियो मैंबर सांसद की मौजूदगी में खासा सियासी ड्रामा देखने को मिला। जिनकी बीच-बीच में कांग्रेसी पार्षदों के अलावा अपनी पार्टी के पार्षदों के साथ भी नोक-झोंक हुई। नजारा कुछ इस तरह का रहा जब सदन में एजैंडा पारित होने के समय इसके समर्थन में कुछ भाजपा पार्षद हाथ ऊपर उठा रहे थे तब इस एजैंडे के विरोध में पूर्व मेयर देवेश मोदगिल और गुरप्रीत सिंह ढिल्लों ने हाथ नहीं उठाया।


 


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pooja verma

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