एक बेटे को खो चुकी हूं दूसरे को नहीं खोना चाहती, एक मां मांग रही मदद, सहायता के लिए इस नंबर पर करें संपर्क

Monday, Nov 20, 2017 - 12:46 AM (IST)

चंडीगढ़, (ब्यूरो): एक बेटा ब्लड कैंसर की वजह से खो चुकी हूं लेकिन दूसरे को खोना नहीं चाहती। एक साल से अपने 17 साल के बेटे काशी का इलाज पी.जी.आई. से करवा रही मेरठ की रहने वाली गीता अपने बेटे के इलाज के दर दर ठोकरे खा रही हैं।

एक साल पहले खेलते वक्त काशी की पैर की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ था जो अब तक ठीक नहीं हो पा रहा है। 7 माह पहले पी.जी.आई. में उसके दो ऑपरेशन भी हो चुके हैं इसके बावजूद काशी की हालत नहीं सुधर पाई है। डाक्टर्स ने बताया कि हड्डी में फ्रैक्चर के कारण पस जम गई है जिस कारण काशी का एक और ऑपरेशन करना पड़ेगा।

 मूल रूप से मेरठ की रहने वाली गीता के दो बच्चे लड़के थे। एक छोटे बेटे की मौत पी.जी.आई. में ही ब्लड कैंसर के इलाज के वक्त हो गई थी। गीता का पति विक्रम मजदूरी का काम करता है। पहले दो ऑपरेशन में ही परिजन सब बेच चुके हैं। डाक्टरों ने जल्द ऑपरेशन करने को कहा है व ऑपरेशन की डेट को भी गुजरे हुए 3 महीने से ज्यादा हो चुके हैं।

 हर महीने व 15 दिन बात गीता अपने बेटे को मेरठ से पी.जी.आई. लेकर आती है। डाक्टरों ने ऑपरेशन व दवाईयों का खर्चा मिलाकर 80 हजार के करीब बताया है। अगर कोई दानी सज्जन काशी की मदद करना चाहता है तो इस नंबर पर 8006661316 संपर्क कर सकता है। 

 

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