फ्लाईओवर प्रोजैक्ट : कटेंगे सूखे व खतरनाक पेड़

Thursday, Jun 20, 2019 - 11:59 AM (IST)

चंडीगढ़ (राजिंद्र): शहर के फस्र्ट फ्लाईओवर के लिए चंडीगढ़ प्रशासन को कुछ पेड़ भी काटने होंगे। यही कारण है कि इसके लिए अलग-अलग विभागों की तीन टीमें मिलकर उस साइट की विजिट कर रही हैं, जहां पर फ्लाईओवर बनना है। 

 

बुधवार को भी फॉरेस्ट डिपार्टमैंट, निगम का हॉर्टीकल्चर विंग और प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग ने साइट का दौरा किया। टीम ने जो सर्वे किया है, उसके तहत पहले सूखे और खतरनाक पेड़ों को गिराया जाएगा। 

 

इसके बाद हरे पेड़ों को रिप्लांट करवाने के विकल्प भी तलाशे जाएंगे। उसके बाद जो पेड़ बचेंगे, उन्हें काटने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसकी फाइनल अप्रूवल तो प्रशासक के सलाहकार से ही मिलेगी। 

 

546 पेड़ काटने पड़ सकते हैं
यहां सर्वे में 546 पेड़ सामने आए हैं, जिनको फ्लाईओवर के निर्माण के लिए काटना पड़ सकता है। बता दें कि चुनाव से पहले ट्रिब्यून फ्लाइओवर के  लिए नगर सांसद ने नींव पत्थर रखा था और इसे बनाने का जिम्मा एक प्राइवेट कंपनी के साथ चंडीगढ़ प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग को दिया गया है। 

 

इस करोड़ों के प्रोजैक्ट के लिए पेड़ों को काटने से बचाने के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमैंट हरसंभव कोशिश कर रहा है। विभाग केवल उन्हीं पेड़ों को काटने पर सहमत हुआ है, जो बूढ़े हो  चुके हैं या फिर इस इस फ्लाईओवर में बीच में आ रहे हैं। इन पेड़ों को काटने की बजाय वहां से उखाड़ कर दूसरी जगह रिप्लांट करने की योजना बनाई है।  


 

वन विभाग के अधिकारी तैयार करेंगे रिपोर्ट 
प्रोजैक्ट को लेकर ही तीनों विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को सलाहकार एजैंसी के साथ इस पर मंथन किया और सभी ने प्रोजैक्ट की साइट का दौरा कर इस बात का निरीक्षण किया कि किस प्रकार कम से कम पेड़ों को नुक्सान हो। 

 

विकास के प्रोजैक्टों को बनाने के साथ पर्यावरण को बचाने का भी पूरा प्रयास किया जा रहा है। निरीक्षण की पूरी रिपोर्ट वन विभाग के अधिकारी एक-दो दिन में तैयार कर देंगे। फ्लाईओवर के काम को भी प्रशासन दो भागों में कर रहा है। 

pooja verma

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