UT गैस्ट हाऊस सहित कई सैक्टरों में बाढ़ का खतरा बढ़ा

punjabkesari.in Tuesday, Dec 24, 2019 - 12:34 PM (IST)

चंडीगढ़(रमेश): चंडीगढ़ के कई सैक्टरों में सड़कों का लैवल इमारतों से ऊंचा हो गया है जिसमें सैक्टर-5, 23, 22 और डड्डूमाजरा सहित यू.टी. गैस्ट हाऊस भी शामिल है। यही हाल रहा तो पूरा शहर आने वाले वर्षों में बाढ़ ग्रसित शहरों में शुमार हो जाएगा। सड़कों की ऊंचाई घरों से ऊंचा होने का मुख्य कारण है सड़कों की बार-बार रि-कारपेटिंग। 

 

सड़कें घरों से नीची रहें, इसके लिए वर्ष 2013 में जारी सर्कुलर की भी अनदेखी हो रही है। यह अनिवार्य किया था कि सड़कों का लैवल घरों व अन्य इमारतों से नीचा रहे इसके लिए रि-कारपेटिंग से पहले सरफेस को स्क्रैच किया जाए ताकि ऊंचाई न बढ़ सके। राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के चीफ सैक्रेटरी व चीफ इंजीनियर्स को फ्लड प्रूफिंग एक्शन प्लान को फॉलो करने का सर्कुलर भी जारी हुआ था, लेकिन अमल नहीं हो रहा।

 

एडवोकेट एच.सी. अरोड़ा ने भेजा लीगल नोटिस
इस विषय पर आर.टी.आई. कार्यकर्ता  व एडवोकेट एच.सी. अरोड़ा ने केंद्र और चंडीगढ़ प्रशासन को लीगल नोटिस भेजा है। इसमें कहा है कि 30 दिन के भीतर नोटिस पर अमल करते हुए संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा।  

 

नोटिस में बताया गया है कि रि-कारपेटिंग से पहले पुराने सरफेस की लेयर स्क्रैच कर हटाना जरूरी है, ताकि सड़कों की ऊंचाई घरों व अन्य इमारतों से ऊंची न रहे लेकिन चंडीगढ़ में भी उक्त दिशा-निर्देशों की पालना नहीं हो रही जिसके परिणाम स्वरूप बरसातों में पानी घरों में घुसना शुरू हो गया है। यही नहीं ड्रेनेज सिस्टम भी ओवरफ्लो होकर सीवरेज सिस्टम में मिक्स हो रहा है और बैक होकर घरों में घुस रहा है।

 

हाल ही में इंट्रोड्यूस की रि-कारपेटिंग तकनीकों को भी नहीं अपनाया जा रहा जिसमें हॉट एंड सीटू रिसाइक्लिंग व माइक्रो सरफेसिंग तकनीक शामिल है। नोटिस में सर्वे करवाकर जहां सड़कों का लैवल इमारतों से अधिक है उन्हें स्क्रैच करने की बात कही गई है। अरोड़ा ने इससे पहले संबंधित विषय को लेकर संबंधित विभागों व चीफ सैक्रेटरीज को ईमेल की मार्फत मांग पत्र भेजा था लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं आया।
 


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pooja verma

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